क्यों मनाई जाती है छठ पूजा ,क्या है पूजा के विशेष महत्व

देश के कई हिस्सों में जगह-जगह छठ पूजा महोत्सव के कार्यक्रम को लेकर तैयारियां की जा रही है। 4 दिनों तक चलने वाले इस पूजा को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है,इस पूजा में स्वछता का विशेष ध्यान रखा जाता है,वही छठ पूजा के मौके पर देश भर में प्रमुख मेले भी लगते है ।

क्यों मनाई जाती है छठ पूजा
कार्तिक मास की शुक्ल पष्टि को सूर्य साधना का महापर्व छठ पूजा के रूप में मनाया जाता है। जब कोई पर्व सूर्य उदय के साथ-साथ जीवन के उदय का प्रतिक हो जाय तो वह हमारे जीवन में महोत्सव बन जाता है। व्रत की तेजस्विता के साथ सूर्य की ऊर्जस्विता मिले तो छठ कहते है। मान्यता है कि त्रेतायुग में रामराज्य की स्थापना के साथ छठ पूजा का प्रारम्भ हुआ। इसका उल्लेख प्राचीन धर्म ग्रंथों में पाया जाता है।

एक मान्यता के अनुसार लंका विजय के बाद राम राज्य की स्थापना के दिन कार्तिक शुक्ल पष्टि के दिन भगवन श्री राम और माता सीता ने व्रत रखकर सूर्य देव की आराधना की और सप्तमी को सूर्योदय के समय पुनः अनुष्ठान कर सूर्यदेव से आशीर्वाद लिया था। तभी से छठ पूजा का विशेष महत्व है। इस व्रत और पूजा का वर्णन विष्णु पुराण देवी पुराण बछावैवर्त पुराण आदि धर्म ग्रंथों में मिलता है। द्वापर युग के महाभारत काल में कर्ण ने सूर्यदेव की पूजा प्रारम्भ की और सूर्य की कृपा से महान योद्धा बने तभी से अर्ध्यदान की परम्परा स्थापित हुई। इसी काल खण्ड में पाण्डवो की पत्नी द्रौपती ने सूर्य की पूजा अपने प्रियजनों की उत्तम स्वास्थ्य और लम्बी आयु के लिए प्रारम्भ की थी। सूर्य की उपासना भी लोग अपने रीती-रिवाज से करते है। सिर्फ उगता सूर्य ही छठ में पूज्य नही , डूबता सूर्य भी अर्ध्य के योग्य है।सुख और दुःख दोनों ही परिस्थितियों में साथ रहने का संकल्प इससे आध्यात्म और क्या हो सकता है। बगैर कठिन शास्त्रीय भाषा में समझे व समझाए। सूर्य के प्रतीक से जीवन के हर परिस्थिति के योग बनाने का उपक्रम छठ हैं।

इस बार 31 अक्टूबर से तीन नवंबर तक छठ पूजा मनाई जाएगी। इस पर्व में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। पष्ठी तिथि को सादीव्रती नदी तालाब नहर किनारे एकत्रित होकर लोग अपने गीत-संगीत व संस्कृति के साथ अस्ताचल गामी भगवान सूर्य देव को अर्ध्य देकर व्रत पूर्ण करते है। अस्त और उदय होते सूर्य की आराधना यानि छठ पूजा व्रत की परम्परा भारत में विहार पूर्वांचल से प्रारम्भ होकर सम्पूर्ण हिंदुस्तान और विश्व में विस्तारित हो चुकी है। सूर्य को शक्ति का देवता माना जाता है और इसकी आराधना पूजा हिन्दू धर्म में काफी महत्व रखती है। छठ के मौके पर देश भर में प्रमुख मेले लगते है। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में देवालय मेला अति प्रसिद्ध है। यह भी मान्यता है कि छठ देवी सूर्य भगवान की बहन है और उन्ही को प्रसन्न करने के लिए जीवन में सूर्य और जल की सर्वाधिक महत्ता मानते हुए सूर्य की आराधना पूजा पवित्र जल में खड़े होकर की जाती है।

Author Profile

Lokesh war waghmare - Founder/ Editor
Latest entries

Lokesh war waghmare - Founder/ Editor

Next Post

इंदिरा की शहादत तो सरदार पटेल की जयंती मनाकर उन्हें याद किया कांग्रेसियों ने ..

Thu Oct 31 , 2019
बिलासपुर // ज़िला शहर कांग्रेस कमेटी ने स्वतंत्रता संग्राम के दो महान सेनानियो की शहादत और जयंती मनाकर उन्हें याद किया , 31 अक्टूबर को इंदिरा चौक तारबाहर में पूर्व प्रधान मंत्री स्व.श्रीमती इंदिरा गांधी की शहादत और सिम्स परिसर में पूर्व उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती […]

You May Like

Breaking News