बिलासपुर: फिल कोल बेनिफिकेशन लिमिटेड ने सड़क को लेकर पर्यावरण संरक्षण मंडल को अंधेरे में रखा… निरस्त अनुबंध को बता दिया जिंदा… ट्रांसपोर्टर दिनेश सिंह ने पर्यावरण संरक्षण मंडल की अनुमति पर उठाए सवाल…

बिलासपुर // घुटकू स्थित फिल कोल बेनिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के मामले में नया खुलासा हुआ है। छत्तीसगढ़ पर्यावरण सरंक्षण मंडल को दिए गए जवाब में फिल कोल बेनिफिकेशन ने कोयला परिवहन के लिए दो सड़क उपलब्ध होने की बात कही है, जबकि रेलवे साइडिंग रोड का अनुबंध 4 सितंबर 2018 को ही निरस्त हो चुका है।


बताते चलें कि छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने 11 दिसंबर को फिल कोल बेनिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड में उत्पादन और औद्योगिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। कारण यह बताया गया था कि निरीक्षण के दौरान कई तरह की खामियां मिली थीं। पर्यावरण संरक्षण मंडल ने 23 दिसंबर को सशर्त उत्पादन और औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति दे दी है। इससे पहले 20 दिसंबर को पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा गिनाई गईं खामियों को दूर कर लेने का दावा करते हुए फिल कोल बेनिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड ने अपना जवाब पेश किया था। इसमें कोलवाशरी प्रबंधन ने कोयला परिवहन के लिए दो सड़क उपलब्ध होने की बात कही है। इनमें केनाल रोड और रेलवे साइडिंग के किनारे स्थित सड़क का जिक्र किया गया है। ट्रांसपोर्टर दिनेश सिंह ने दोनों सड़कों के बारे में नया खुलासा किया है। उनका दावा है कि केनाल रोड का उपयोग किसी भी संयंत्र द्वारा व्यावसायिक रूप में नहीं किया जा सकता। इसका उपयोग व्यापक जनहित में किया जा सकता है, जबकि कोलवाशरी प्रबंधन उस रोड पर व्यावसायिक उपयोग करते आ रहा है। यह अधिकारियों की मिलीभगत से ही संभव है। दिनेश सिंह का कहना है कि कोलवाशरी प्रबंधन ने अपने जवाब में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के पास रेलवे साइडिंग के किनारे सड़क के उपयोग के लिए रेलवे से 22 फरवरी 2017 को किए गए एग्रीमेंट की कापी प्रस्तुत की है। जिसके पेज क्रमांक 5 के बिंदु 23 और 24 में स्पष्ट उल्लेखित है कि उक्त सड़क का उपयोग आपके व आपके परिवार के सदस्यों द्वारा ही किया जाएगा। उस रोड में किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधि नहीं की जा सकती। फिल कोल बेनिफिकेशन प्रबंधन द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर उक्त अनुबंध रेल प्रशासन ने 4 सितंबर 2018 को निरस्त कर दिया है।


पर्यावरण संरक्षण मंडल के उत्पादन शुरू करने की अनुमति पर सवाल
ट्रांसपोर्टर दिनेश सिंह ने पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा कोलवाशरी में उत्पादन और औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने के लिए 23 दिसंबर को दी गई अनुमति पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि कोलवाशरी प्रबंधन ने 20 दिसंबर को अपना जवाब पेश किया। 21 और 22 दिसंबर को अवकाश था। 23 दिसंबर को पर्यावरण संरक्षण मंडल की टीम ने कोलवाशरी का निरीक्षण किया और उसी दिन उत्पादन शुरू करने की अनुमति दे दी है। पर्यावरण संरक्षण मंडल की इतनी हड़बड़ी और तेजी गले नहीं उतर रही है, क्योंकि 11 दिसंबर को मंडल द्वारा दिए गए आदेश की कापी 19 दिसंबर तक खनिज विभाग नहीं पहुंची थी। दिनेश सिंह ने यह भी सवाल उठाया है कि 11 दिसंबर को उत्पादन और औद्योगिक गतिविधियां बंद करने के आदेश में पर्यावरण संरक्षण मंडल ने छत्तीसगढ़ राज्य वितरण कंपनी तिफरा को कोलवाशरी की बिजली काटने का स्पष्ट निर्देश नहीं दिया था, जबकि 23 दिसंबर के आदेश में कोलवाशरी में बिजली बहाल करने का स्पष्ट उल्लेख किया है। दिनेश सिंह का आरोप है कि 11 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच कोलवाशरी में उत्पादन और औद्योगिक गतिविधियां बंद रहनी थीं, लेकिन एक घंटा भी कोलवाशरी बंद नहीं रहा। यह सब अधिकारियों की मिलीभगत से ही संभव हुआ है। दिनेश सिंह ने newslook.in से दावा करते हुए कहा कि फिल कोल बेनिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड प्रबंधन के ये तो छोटे-छोटे कारनामे हैं। जल्द ही वे इससे भी बड़े-बड़े मामलों का खुलासा करेंगे।

Author Profile

Lokesh war waghmare - Founder/ Editor
Latest entries

Lokesh war waghmare - Founder/ Editor

Next Post

किसानों के रकबे मनमानी तरीके से कम कर रहे पटवारी : ननकीराम

Thu Dec 26 , 2019
छत्तीसगढ़ / करतला // रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने गुरुवार को बरपाली तथा फरसवानी स्थित धान खरीदी केंद्र में जाकर किसानों से धान खरीदी से संबंधित समस्याओं को लेकर मुलाकात की है। विधायक कंवर ने केंद्रों में धान बिक्री करने पहुंचे किसानों से बात की और उनकी समस्याओं के बारे […]

You May Like

Breaking News