मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना… अपने खेतो में धान के बदले पौधे लगा रहे है किसान… 

मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना… अपने खेतो में धान के बदले पौधे लगा रहे है किसान…

14 सितम्बर 2021/ बिलासपुर

मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत अब तक जिले में 160 किसानो ने 185 एकड़ रकबे में धान के बदले इमारती, फलदार, बांस, औषधि तथा अन्य प्रकार के पेड़ पौधे लगाकर इस योजना में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है। वन, कृषि एवं उद्यानकी विभाग द्वारा किसानो को लगातार इसके लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

योजना के तहत जिन किसानो ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली है, यदि धान के बदले अपने खेतो में वृक्षारोपण करते है तो उन्हे आगामी 3 वर्षो तक प्रतिवर्ष दस हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इसी तरह ग्राम पंचायतो द्वारा वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाता है, तो एक वर्ष बाद सफल वृक्षारोपण की दशा में ग्राम पंचायतो को दस हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इससे पंचायतो की आय बढेगी। इसके अलावा संयुक्त वन प्रबंधन समितियां भी वाणिज्यिक आधार पर राजस्व भूमि में वृक्षारोपण करते है तो उन्हे भी एक वर्ष बाद प्रति एकड़ दस हजार रूपये प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इसके साथ-साथ वृक्षों को काटने और बेचने का अधिकार भी संबंधित समितियों का होगा।

कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि योजना के तहत जिले में अब तक 127 किसानो ने 140 एकड़ से अधिक क्षेत्र में धान के बदले उद्यानिकी फसल लगाए है। और 15 ग्रामों के 33 किसानो ने 44 एकड़ से अधिक रकबे में इमारती, बांस और अन्य पौधो का रोपण धान के बदले किया है। कोटा विकासखण्ड के 68 किसानों के 67 एकड़ से अधिक रकबे में धान के बदले वृक्षारोपण किया गया है। इसी तरह मस्तुरी के 71 किसानों ने 63 एकड़ से अधिक रकबे धान के बदले वृक्षारोपण किया है। तखतपुर के 13 किसानों ने 31 एकड़ और बिल्हा के 39 किसानों ने 57 एकड़ से अधिक रकबे पर धान के बदले में विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप राज्य में वृक्षारोपण को अधिक से अधिक प्रोत्साहन देने के लिए यह योजना एक जून 2021 से लागू की गई है। इसमे निजी क्षेत्र, कृषक, शासकीय विभागो एवं ग्राम पंचायतों की भूमि पर इमारती, गैर इमारती प्रजातियों के वाणिज्यिक, औद्योगिक वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। वन और राजस्व वन भूमि के वन अधिकार पत्र धारको की भूमि पर भी हितग्राहियो की सहमति से विभिन्नप्रजातियो के पौधरोपण किये जा रहे है। निजी क्षेत्र में पूर्व से खड़े हुए वृक्ष तथा रोपित वृक्षो की कटाई की अनुमती के प्रावधानो को और अधिक सरल और सुगम बनाया गया है।

Author Profile

Lokesh war waghmare - Founder/ Editor
Latest entries

Lokesh war waghmare - Founder/ Editor

Next Post

(सफलता की कहानी).. नरवा विकास योजना सूखे और अल्प बारिश में साबित हो रही है संजीवनी... नरवा विकास से भूजल स्तर में 2.26 प्रतिशत एवं फसल उत्पादन में 2.41 प्रतिशत की वृद्धि...

Tue Sep 14 , 2021
(सफलता की कहानी).. नरवा विकास योजना सूखे और अल्प बारिश में साबित हो रही है संजीवनी… नरवा विकास से भूजल स्तर में 2.26 प्रतिशत एवं फसल उत्पादन में 2.41 प्रतिशत की वृद्धि… 14 सितम्बर 2021 / बिलासपुर सूखे और अल्प बारिश की हालात में फसलों को बचाने के लिए राज्य […]

You May Like

Breaking News