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जिला स्तरीय आदिवासी सम्मेलन सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां… 30 गांवों के आदिवासी जुटे सम्मेलन में…

नागा-बैगा जनशक्ति और “जय सेवा संगठन” का आयोजन…

जिला कांग्रेस अध्यक्ष केशरवानी भी हुए शामिल.. और..आदिवासी समाज का बढ़ाया उत्साह…कहा कि महिलाएँ भी समाज के विकास में देंगी, बराबरी का योगदान…

बिलासपुर // कोटा ब्लॉक के शिवतराई गांव में आयोजित जिला स्तरीय आदिवासी सम्मेलन में 30 गांवों के आदिवासी एकत्रित हुए. समारोह में परंपरागत तरीके से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं. इसके साथ ही आदिवासियों के वनाधिकार और आजीविका को लेकर जानकारियां दी गईं.
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने आदिवासियों की आजीविका पर जोर देते हुए आदिवासियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। विजय केशरवानी ने कहा कि, कांग्रेस की सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लंबे समय से कोटा सहित दूरस्थ ग्रामीण आदिवासी अंचलों में बसे आदिवासियों की आजीविका को लेकर काम करते रहे हैं, आदिवासी महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास लगातार मुख्यमंत्री द्वारा किया जा रहा है। महिलाएँ अपना स्वयं का स्वरोजगार स्थापित
कर सकें और घरेलू उत्पाद तैयार करने की मास्टर ट्रेनर बन सकें। विजय केशरवानी ने, जंगल में रहने वाली आदिवासी महिलाओं के लिए घरेलू उद्योगों की स्थापना करने और वे घर में ही रह कर काम कर सकें, इस बात पर भी गंभीरतापूर्वक विचार करने कहा, साथ ही आदिवासी समाज में पिछला पन्ना न रहे , आदिवासी बच्चों के लिए समुचित शिक्षा की व्यवस्था हो। जिससे वो आने वाले समय में अपने समाज और लुप्त होती परंपराओं को संजो कर रख सकें। आज आदिवासी समाज भी हर ऊँचे पद में अपना स्थान बनाकर समाज को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। साथ ही वनोपज से विभिन्न प्रकार के घरेलू उपयोगी वस्तुओं का निर्माण कर आर्थिक संकट से निराकरण करने की दिशा में पहल कर रहे हैं।

इसके साथ ही जंगल का मालिकाना हक़ कांग्रेस की सरकार उन्हे दे रही है। जिससे जंगल होने वाले फल भी एकत्रित कर स्वायत्ता समूह के माध्यम से बेच सकें, जिलाध्यक्ष को सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि इस क्षेत्र की महिलाएँ मुर्ग़ी व बकरी पालन जैसे व्यवसाय भी कर रही हैं, जिनकी सराहना बिलासपुर जिले के पूर्व कलेक्टर संजय अलंग भी कर चुके हैं. आदिवासी महिलाएं मोटा अनाज रागी (माड़िया) कोदो, कुटकी जैसे परम्परागत अनाजों से खाद्य विविधताओं को बचाने का भी कार्य भी कर रही हैं. प्रशिक्षित महिलाएं अपने आसपास के गांव के महिला समूहों को भी प्रशिक्षित कर रही हैं. इन महिलाओं ने ग्राम करहि कछार में अपना स्वयं का प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित कर लिया है. महिला समूह के इन्हीं कार्यों से प्रभावित होकर नागा-बैगा-जनशक्ति संगठन के संयोजक और प्रेरक समिति के फैलो साथी सीमांचल अचारी ने बैगा जनजाति की आजीविका को लेकर बहुआयामी योजना पर कार्य करने का निर्णय लिया है. इसकी अगवाई बैगा महिलाओं के साथ वे स्वयं कर रहे हैं, सम्मेलन में जिला पंचायत बिलासपुर अरुणचौहान, सामाजिक कार्यकर्ता अनिल बामने संतकुमार नेताम, बैगा समाज प्रदेश अध्यक्ष इतवारी मछिया, विकासशील फाउंडेशन के अध्यक्ष लक्ष्मी जैसवाल, कांग्रेस नेता आदित्य दीक्षित,सतेंद्र कौशिक सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे.

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