एसपी के नशे के खिलाफ ” निजात अभियान ” से अपराधों में आयी कमी… लेकिन चुनिंदा पुलिसकर्मियों के लिए ” निजात ” बना कमाई का अभियान… कैसे लगेगी इस पर रोक ?…
बिलासपुर, अप्रैल, 17/2023
बिलासपुर पुलिस के निजात आपरेशन के नाम पर थानों में खुल आई पुलिस वाले की दुकान। आप भी सोच रहे होंगे की ये कैसी दुकान और इसका निजात आपरेशन से क्या संबंध है। जी हाँ निजात से ही इसका पूरा संबंध है। जिले के कप्तान ने बिलासपुर में पदभार ग्रहण करने के बाद नशे के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है और इस अभियान को जमीनी स्तर पर लाने के लिए पूरी टीम को इसमें लगाकर शहर को नशा मुक्त के साथ अपराध की रोकथाम में कारगर कदम अख्तियार किया है। इसके साथ ही समाज को भी साथ लेकर नशे के प्रभाव से आमजन को भी इसके बुराइयों के बारे में प्रचार प्रसार कर रहे है। शहर के गली मोहल्ले , स्कूल – कालेज, रिहायशी कालोनी, बाजार, व्यापारी के पास पहुंचकर अपने इस आपरेशन को सामने रखकर एक अच्छी पहल की शुरुवात की है।
लेकिन निजात आपरेशन कुछ पुलिस कर्मियों के लिए मानो वरदान साबित हो गया और इस आपरेशन निजात के नाम पर अपनी दुकान को चालू कर दी और इसे उगाही का एक जरिया बना लिया और एसपी के निजात अभिया में पतीला लगा पूरे विभाग को बदनाम कर रहे है। आपको बताते चले कि इस निजात अभियान के तहत नशे के कारोबार पर कानून का डंडा चलाया गया और इसमें काफी हद तक पुलिस को सफलता भी मिली। जिससे अवैध नशे के कारोबार में कमी आई है और आपराधिक घटनाएं भी कम हो रही है।
एसपी के निर्देश पर शहर और आसपास शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले के खिलाफ मुहिम को गति दी गई और जगह जगह चेकिंग की जा रही है और शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर न्यायलय में चालान पेश कर शासन के खजाने को भरने में भी अपनी अहम भूमिका को अदा जा रही है।लेकिन निजात अभियान का गलत फायदा उठाते हुए शहर का एक ऐसा थाना जहां पर थानेदार अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को टारगेट देते है। जिसके बाद टारगेट को पूरा करने के लिए कुछ चुनिंदा पुलिस कर्मी निकल पड़ते है।
“एक तीर दो निशाना”.. इस कहावत को थाना स्तर पर सिपाही से लेकर थानेदार तक चरितार्थ करने में लगे है। खुले आम शराब पीने वालो और नशे में गाडी चलाने वालों तक पुलिस ने अपनी दस्तक देकर इन पर भी कार्रवाई का डंडा चलाकर अपनी दुकान को सजाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और बड़ी कार्यवाई का डर दिखा कर इसके ऐवज में मोटी रकम वसूल करने का एक नया फंडा अपनाकर खुलेआम शराब पीने वाले को भादवि की धारा 185 का भय दिखाकर 36च में कार्रवाई को अंजाम दे रहे है। अपने उच्च अधिकारियों के सामने कार्रवाई दिखाकर अपना नंबर तो बढ़ा रहे है लेकिन वही जमीनी स्तर पर कुछ और ही खेल चल रहा है। थाने में आए ऐसे मामलों पर अपनी जेबें भर अपनी दुकान को चला रहे है।
सूत्रों से जानकारी मिली की रविवार को शहर के एक थाना में जिसमे शहर के एक मार्केट क्षेत्र से 4 लड़को को खुलेआम शराब पीने के मामले में थाना लाया गया और उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई के नाम पर डराया धमका कर कार्रवाई के नाम यह घटनाक्रम घंटों थाने में चलता रहा और उन्हें थाने से छोड़ने के लिए जब मोटी रकम की पक्की बात चीत हो गई। तब मुलाहिजा के लिए ले जाया गया। जिसके बाद 4 युवकों पर 36 च के तहत कार्रवाई कर छोड़ दिया गया। युवको को थाने में ला कर घंटो बिठाये रखना यह सब थाने के सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुआ होगा जिसकी जांच की जा सकती है ? अब देखना ये यह है कि इस खबर के बाद जिले के कप्तान की इस महत्वाकांछी निजात अभियान को कप्तान साहब ऐसे पुलिसकर्मियों से जो विभाग को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते इस अभियान को बचाने के लिए क्या कारगर कदम उठाते है ताकि वाकई समाज को नशामुक्त करने के लिए चलाये जा रहे निजात अभियान को निजात मिल सके और पुलिस कप्तान संतोष सिंह के इस सराहनीय प्रयास से न्यायधानी वासियों को नशे से असल में निजात मिल सके।
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