मनोज सिन्हा उपराज्यपाल, शाह फैसल का इस्तीफा..J&K में ‘बड़ा सरप्राइज’ देगा केंद्र ?
जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों की बहाली के लिए तमाम फैसलों की शुरुआत हो गई है। एक ओर जहां केंद्र सरकार राज्य की स्थितियों की सीधी मॉनिटरिंग कर रहा है, वहीं आईएएस शाह फैसल के इस्तीफे ने एक नई चर्चा शुरू कर दी है ,,
( newslook.in ) // साल 2019 में अपनी एक राजनीतिक पार्टी बनाकर जम्मू-कश्मीर में एक बड़े बदलाव का नारा दे चुके आईएएस अफसर शाह फैसल अब एक बार फिर पुराने रास्ते पर लौटने को तैयार हैं। सोमवार की शाम शाह फैसल ने जम्मू-कश्मीर में अपनी पार्टी जेएंडके पीपल्स मूवमेंट से इस्तीफा देकर संभावनाओं के बाजार में नई चर्चा शुरू कर दी है। शाह फैसल के फिर से नौकरशाही में लौटने अटकलें लगाई जा रही हैं, हालांकि इसकी खबरें ज्यादा पुष्ट हैं कि वह उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के अडवाइजर बन सकते हैं।
जानकार मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर में मनोज सिन्हा का उप राज्यपाल बनना सामान्य घटना नहीं है। मनोज सिन्हा के उप राज्यपाल बनने के साथ ही प्रदेश में बड़े फैसलों पर पर्दे के पीछे भूमिका बनाई जाने लगी है। कहा जा रहा है कि अब तक आईएएस अफसरों की सलाहकार समिति के साथ काम करने वाले लेफ्टिनेंट गवर्नर के लिए अब केंद्र एक नए प्रयोग की पटकथा लिख रहा है। जो संभावित विकल्प नजर आ रहे हैं, उसमें सबसे प्रमुख उप राज्यपाल के लिए राजनीतिक समिति बनाने का है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार और राज्य प्रशासन प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियों की बहाली के लिए गवर्नर के साथ एक राजनीतिक सलाहकार समिति बनाने की योजना पर काम कर रही है।
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राजनीतिक सलाहकार समिति में बीजेपी के लोग ?
सूत्रों के अनुसार, शाह फैसल का इस्तीफा भी इसी समिति का हिस्सा बनने के लिए कराया गया है। इसके अलावा ये भी अटकलें हैं कि अगर शाह फैसल फिर से नौकरशाही में लौटते हैं तो भी उन्हें राजभवन के करीबी पद पर ही जगह दी जाएगी। राज्य की संभावित राजनीतिक सलाहकार समिति में कई और नामों को शामिल करने की चर्चाओं को बल मिल रहा है। इनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह और कविंद्र गुप्ता, पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सत शर्मा, जम्मू-कश्मीर सरकार के पूर्व मंत्री हसीब द्राबू, अल्ताफ बुखारी और सुनील शर्मा के नाम शामिल हैं।
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राजनीतिक गतिविधियों की शुरुआत और विश्वास बहाली की कोशिश
बताया जा रहा है कि राज्य में राजनीतिक गतिविधियों को परोक्ष रूप से संचालित करने और प्रदेश में लोगों के मन में विश्वास बहाली के लिए जनता के बीच के प्रतिनिधियों को गवर्नर के साथ सलाहकार समिति के रूप में रखने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा राज्य के कुछ ऐसे अफसरों की लिस्ट भी तैयार कराई जा रही है, जिनकी पब्लिक के बीच में छवि अच्छी कही जाती रही हो। शाह फैसल का नाम इन अफसरों की सूची में भी है। इसके अलावा पूर्व में राज्यपाल सत्यपाल मलिक के अडवाइजर रहे बशीर अहमद खान समेत कुछ अन्य अफसरों के नाम पर भी चर्चा की जा रही है।
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पीएम मोदी और अमित शाह का सीधा दखल
अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी निजी तौर पर जम्मू-कश्मीर की स्थितियों की मॉनिटरिंग में जुटे हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नेताओं के बीच भी अटकलों, चर्चाओं और संभावनाओं पर मंथन हो रहा है। इन सब के बीच श्रीनगर के राजभवन में उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भले ही निवर्तमान उप राज्यपाल गिरीश मुर्मू की टीम के साथ शुरुआती काम शुरू कर चुके हों, लेकिन ये कयास लगाए जा रहे हैं कि स्वतंत्रता दिवस के आसपास जम्मू-कश्मीर कुछ नए सरप्राइज का साक्षी बन सकता है। ये भी तय है कि इस खास फैसले में पीएम मोदी और अमित शाह का सीधा दखल होगा। ( साभार NBT )
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