देश // कोरोना संक्रमण की वजह से पूरे देश मे लॉकडाउन किया गया है,जिसकी वजह से बड़े- बड़े उद्योग हो या फिर छोटे व्यापारी,मजदूर हर वर्ग के लोगो को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है इस नुकसान में रेलवे भी अछूता नही है अब रेलवे लॉक डाउन के चलते भारी नुकसान की भरपाई के लिए रेलवे कॉस्ट कटिंग (खर्च में कमी) के ट्रैक पर चलने की तैयारी कर रहा है। योजना के मुताबिक, रेलवे में ग्रुप डी की नई भर्तियों पर पाबंदी लगेगी। सरप्लस रेल कर्मियों को सेवानिवृत्त किया जाएगा। इसके साथ ही, बड़े शहरों के टिकट काउंटर यानी पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) को बंद किया जाएगा। रेलवे के मुताबिक बुकिंग क्लर्क, सुपरवाइजर, टीटीई कैडर का समायोजन किया जाएगा।
कॉस्ट कटिंग पर हो रहा विचार .…
रेल मंत्रालय के अनुसार, लॉकडाउन से होने वाले दुष्प्रभाव को कम करने के लिए सभी 17 जोनल रेलवे से कॉस्ट कटिंग पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसमें प्रमुख सुझावों में रेलवे के ग्रुप डी की नई भर्तियों पर पूरी तरह से रोक लगाना है। इसमें चपरासी से लेकर गैंगमैन, ट्रैकमैन, प्वांइटमैन आदि शामिल है। इसके अलावा, विभिन्न रेलवे जोन में सफाई कर्मचारी, पार्सल पोर्टर आदि सरप्लस कर्मचारियों की छंटनी कर उन्हें सेवानिवृत्त करने का सुझाव दिया गया है।
एप से जनरल टिकट की बुकिंग करने की सिफारिश ….
इसके अलावा ट्रेनों में सफाई के लिए ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग स्कीम (ओबीएचएस) का बजट 50 फीसदी कम करने को कहा गया है। मैनपावर कम करने के लिए रेलवे ने देश के बड़े रेलवे स्टेशन पर टिकट काउंटरों को पूरी तरह से बंद करने को कहा है। बुकिंग क्लर्क, सुपरवाइजर, टीटीई, टीसी कैडर का समायोजन करने की योजना है। अनारक्षित टिकट काउंटरों (यूटीएस) को बंद कर उनके स्थान पर यूटीएस मोबाइल एप से जनरल टिकट की बुकिंग करने की सिफारिश की गई है। ट्रैक मरम्मत कार्य में लगे रेल कर्मियों की संख्या कम कर ट्रैक मशीन व उपकरणों से काम करने की सलाह दी गई है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कॉस्ट कटिंग को लेकर चर्चा हो रही है इस पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है।
वेतन और भत्ते पर कैंची चलाने पर विचार …
रेल मंत्रालय लॉकडाउन के चलते होने वाले घाटे को पाटने के लिए अब 13 लाख से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन और भत्ते पर कैंची चलाने की योजना बना रहा है। इसके तहत टीए, डीए सहित ओवर टाइम ड्यूटी के भत्तों को समाप्त किया जाएगा। रेल ड्राइवर-गार्ड को ट्रेन चलाने पर प्रति किलोमीटर के हिसाब से मिलने वाला भत्ता भी नहीं दिया जाएगा। रेलवे का तर्क है कि ड्यूटी करने के लिए कर्मचारियों को भत्ता क्यों दिया जाए। रेलवे पहले ही गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रही है। लॉकडाउन से हालत ओर पतली हो गई है। इसे देखते हुए ओवर टाइम ड्यूटी के लिए मिलने वाले भत्ते में 50% कटौती करने की जरूरत है।
35 फीसदी तक वेतन कम …
मेल-एक्सप्रेस के ड्राइवर-गार्ड को 500 किलामीटर पर मिलने वाले 530 रुपये भत्ते में 50% कमी का सुझाव है। रेलकर्मियों के वेतन में छह माह तक कैंची चलाने की सिफारिश की गई है। इसमें 10 फीसदी से 35 फीसदी तक की कटौती की जाएगी। साथ ही यात्रा, मरीज देखभाल, किलोमीटर समेत नॉन प्रैक्ट्रिस भत्ता में एक वर्ष तक 50% कटौती की जा सकती है होनी। अगर कोई कर्मचारी एक महीने ऑफिस नहीं आता है तो परिवहन भत्ता में सौ फीसदी काट सकता है। बच्चों के पढ़ाई भत्ता के लिए 28 हजार मिलते हैं। इसकी भी समीक्षा की जाएगी ।
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