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अवैध प्लाटिंग पर नोटिस का खेल… छोटे मामलों में कार्यवाही कर वाहवाही लूटी रहा निगम… पर रसूखदारों पर मेहरबानी क्यों ?

बिलासपुर // निगम क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग करने वालों की बाढ़ आ गई है। नगर निगम क्षेत्र होने के बाद भी अवैध प्लाटिंग करने वाले बिना डर के अवैध प्लाटिंग कर रहे हैं। सबसे अधिक प्लाटिंग मोपका, चिल्हाटी, बहतराई, खमतराई, बिजौर, घूरु, अमेरी, सकरी बाईपास में की जा रही है । अवैध प्लाटिंग करने वाले भू माफिया भोले-भाले किसानों को लालच देकर और धमका कर उनकी कृषि भूमि पर अग्रीमेंट कर अवैध प्लाटिंग कर रहे हैं। किसान डर की वजह से इन भू माफियाओं के चंगुल में फंसते जा रहे ।

नगर निगम क्षेत्र में मोपका, लिंगियाडीह, घुरू, अमेरी, सकरी, उसलापुर, तिफरा, सिरगिट्टी, रायपुर रोड, बिजौर, बेहतरी, खमतराई, अशोक नगर, में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग की जारी है। अवैध प्लाटिंग के चलते नए बिलासपुर ( सीमा वृद्धि के बाद) बेतरतीब बसाहट की समस्या अब नियंत्रण से बाहर होती जा रही है। इस पर रोक लगाने के मामले में नगर निगम फेल होता दिख रहा है। देखा जाए तो निगम को टाउन कन्ट्री प्लानिंग, राजस्व विभाग, रजिस्ट्री कार्यालय, पुलिस विभाग, जिला प्रसाशन से कोई सहयोग मिलता नजर नही आ रहा है। ऐसे में अवैध प्लाटिंग कर आमलोगो की जमापूंजी लूटने वाले भूमाफियों की चांदी हो गयी है। जो शासन-प्रसाशन के नियमों को तक पर रख खुले आम कृषि भूमि को विभिन्न टुकड़े कर बेखौफ बेच रहे है। जिनके आगे राजस्व और निगम नतमस्तक नजर आ रहा है।

उल्लेखनीय है कि शहर में (नए निगम क्षेत्र में) धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग की जा रही है। नगर निगम की सीमावृद्धि के बाद कराए गए सर्वे में 94 जगहों पर अवैध प्लाटिंग के प्रकरण मिले है। जबकि सैकड़ो की तादात में अवैध प्लाटिंग शहर से लगे निगम में जुड़े नए क्षेत्रो में हो रहे है। लेकिन निगम द्वारा सिर्फ 44 अवैध कॉलोनाइजर्स को नोटिस जारी किया गया है। नगर निगम में नगर पंचायत सकरी, सिरगिट्टी, नगर पालिका परिषद तिफरा तीनो नगरी निकाय सहित शहर से लगे 15 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। इन क्षेत्रों में निगम में आने से पहले से ही अवैध प्लाटिंग का काला कारोबार जोरो से चल रहा था। अब देखा जाए तो निगम के नए क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग और कालोनियों की भरमार है।

नोटिस का खेल.. नाम मात्र की कार्यवाही…

निगम सीमा वृद्धि के बाद नगर निगम को पिछले 3 महीनों में 94 अवैध प्लाटिंग के मामलो कि जानकारी अपने जोन कार्यालयों से प्राप्त हुई है। लेकिन भवन शाखा द्वारा अवैध प्लाटिंग करने वाले केवल 44 लोगो को ही नोटिस जारी किया गया है। देखा जाए तो निगम के अधिकारी अवैध प्लाटिंग करने वालों पर मेहरबान नजर आ रहे है। और इन पर कार्यवाही करने से परहेज कर रहे हैं। इसका कारण रसूखदारों का दबाव और आपसी मिलीभगत के चलते हो रहा हैं। वरना भवन शाखा के अधिकारी खसरा नंबर नही होने का बहाना बना कर चुप नही बैठते ?

छोटे मामलों में कार्यवाही कर वाहवाही लूटी रहा निगम… पर रसूखदारों पर मेहरबानी क्यों ?

नगर निगम छोटे छोटे अवैध प्लाटिंग करने वालों पर कार्यवाही कर खुद की पीठ थपथपा रहा है। जबकि बड़े कॉलोनाइजर्स और रसूखदारों को तो नोटिस जारी करने से भी निगम कतरा रहा है। पिछले दिनों सकरी क्षेत्र में कई गयी कार्यवाही में सिर्फ अवैध निर्माण (बाउंड्रीवाल) को ही तोड़ा गया है और किसी तरह की कार्यवाही नही की गई है। उसी तरह हेमू नगर में भी नक्शे के विपरीत अधिक निर्माण करने पर अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया गया है। पर अभी तक कोई ठोस कार्यवाही करते निगम कही नजर नही आ रहा है। ना ही अभी तक किसी भी अवैध कॉलोनाइजर्स पर एफआईआर दर्ज की गई है। देखा जाए तो सिर्फ दिखावे की कार्यवाही ही कि जा रही है। जबकि मोपका, चिल्हाटी, बहतराई, खमतराई, घुरू, अमेरी में बड़े रसूखदारों के द्वारा अवैध प्लॉटिंग और कालोनियों का निर्माण कराया जा रहा है, पर ऐसा लगता है निगम और शासन प्रसाशन ने इन्हें खुली छूट दे रखी है। देखना होगा कि नगर निगम क्षेत्र के व्यवस्थित बसाहट में रोड़ा अटकाने वाले भू माफियाओं पर बड़ी कार्यवाही कब तक होगी।

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