बिलासपुर // प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर शुरू होते ही एक बार फिर पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है जिसका नतीजा की अब लोग भीड़ भरे कार्यक्रमों में जाने से बचते नजर आ रहे है। देवउठनी एकादशी के साथ ही वैवाहिक कार्यक्रमों की शुरुआत भी हो चूकी है, ऐसे में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच वैवाहिक कार्यक्रमों की संख्या भी बढ़ने लगी है। संक्रमण एक बार फिर लोगों को डराने लगा है। इसका असर विवाह के कार्यक्रम में भी नजर आने लगा है। मेहमानों की संख्या ना केवल घट रही है वरन लोग अब कार्यक्रम में शामिल होने से कतराने लगे हैं। निकट के मित्रों व रिश्तेदारी में भी परिवार सहित जाने के बजाय एक या फिर दो लोग ही शामिल हो रहे हैं।
जिस तरह कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हो गयी है ऐसे में लोगो के बीच संक्रमण फैलने का डर भी बढ़ रहा है, खासकर जिनकी उम्र ज्यादा है साथ ही जिनके घरों में छोटे बच्चे हैं। कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनको वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होना भी जरूरी है या यूं कहें कि उनकी विवशता है। ऐसे लोग अब कार्यक्रम में शामिल होने के लिए घर के एक या दो सदस्यों को जिम्मेदारी दे दिए है कि वे पूरी सावधानी से कार्यक्रमों में शामिल होकर लौट आएं। साथ ही लोगों की भीड़ से बचने के और जिनसे मुलाकात करना जरूरी है उनसे ही मिले और औपचारिकता पूरी कर वापस घर चले आएं।
मेहमान शामिल तो हो रहे पर कुछ घंटे के लिए…
शादियों में अक्सर रिश्तेदार हो या दोस्त-यार शामिल होने पूरा समय निकालते थे। लोगों से मिलने जुलने के अलावा अपने सगे संबंधियों से मेल जोल करते थे।वैवाहिक कार्यक्रमों में अपनों से मुलाकात होती है। लिहाजा पूरे दिनभर और रात का समय लेकर लोग कार्यक्रमों में शामिल होते रहे हैं। लेकिन कोरोना के चलते अब ये रिवाज खत्म होने लगा है। लोग अब भीड़ भाड़ में जाने से डरने लगे है जिसका नतीजा की पूरे वक़्त शादियों में रहने वाले अब कुछ घंटों का ही समय बिता रहे हैं। कुछ घंटों में ही औपचारिकता पूरी कर वापस लौट जा रहे हैं। मेजबान भी इस बात से संतुष्ट है कि संकट के मौजूदा दौर में मेहमान शामिल तो हो रहे हैं भले ही कुछ देर के लिए ही सही।
केंद्र ने नही दी छूट… कार्यक्रमों के लिए अनुमति अनिवार्य…
केेंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के मद्देनजर कार्यक्रमों के लिए लोगों को पूरी तरह से छूट नहीं दी है। वैवाहिक कार्यक्रमों हो या कोई अन्य कार्यक्रम सभी के लिए एसडीएम कार्यालय से अनुमति लेना अनिवार्य है। राज्य में अभी शादी के लिए दोनों पक्षों से सिर्फ 200 की संख्या को ही निश्चित किया गया है। इससे अधिक की संख्या को अनुमति नही दी जा रही।
बिलासपुर एसडीएम कार्यालय में अनुमति लेने वाले लगातार मशक्कत कर रहे हैं। लोगों की प्रतिदिन भीड़ जुट रही है। एक दिन में अधिकतम पांच या फिर छह आवेदनों पर ही अनुमति दी जा रही है। अभी भी 50 से अधिक आवेदन लंबित है। वर-वधु पक्ष अनुमति के लि मशक्कत कर रहे हैं और दूसरी तरफ कार्यक्रम में शामिल होने या ना होने को लेकर रिश्तेदारों व परिचितों में असमंजस की स्थिति देखी जा रही है। कारण भी साफ है।
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