बिलासपुर // कोरोना वायरस से निपटने के किए प्रशासन ने अब तक जितने भी इंतजाम किए हैं वह संतोषजनक है। लेकिन प्रशासन के साथ ही हम सब की भी जिम्मेदारी बनती है कि हम प्रशासनिक निर्देशों का पालन गंभीरता के साथ करें। हम सबको मालूम होना चाहिए कि कोरोना का इलाज आज विश्व के किसी देश के पास नहीं है। ऐसी सूरत में सुरक्षा ही सबसे बड़ा उपाय है। इसलिए शासन की जारी गाइडलाइन के अनुसार हमे अधिक से अधिक सावधानी बरतनी चाहिए ।
शासन प्रशासन के साथ ही अब युवा जगत में सक्रिय समाजसेवकों ने भी कोरोना संक्रमण के खिलाफ लोगो को जागरूक करना शुरू कर दिया है । समाज सेवक सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को लगातार जागरूक कर रहे हैं। संसाधनों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए लोगों से अपील कर रहे हैं कि लोग प्रशासन की मुहिम में कंधा से कंधा मिलाकर चलें। युवा जगत में लोगों के बीच चर्चित सोशल एक्टिविस्ट रौनक साव ने बताया कि चूकि करोना वायरस हाल फिलहाल स्थित में लाइलाज है। लेकिन हम शासन प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन कर समस्या पर जीत हासिल कर सकते हैं। रौनक ने बताया कि आज पूरी दुनिया कोरोना को लेकर हाहाकार है।भारत और छत्तीसगढ़ भी इससे अछूता नहीं है। हमे अच्छी तरह से मालूम है कि भारत दुनिया का सर्वाधिक आवादी वाला देश है। हमारे सामने इतने बड़े प्रकोप से निपटने के लिए इलाज से ज्यादा सावधानी पर फोकस होना होगा।
रौनक ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कोरोना से निपटने के लिए मेडिकल जगत भी असहाय है। रौनक ने आंकडा पेश कर की बताया कि प्रदेश को छोड़कर यदि बिलासपुर की बात की जाए तो पांच लाख से अधिक आबादी के लिए हमारे पास मेडिकल संसाधन नहीं है। यदि पांच लाख में एक प्रतिशत लोग भी कोरोना का शिकार हो जाते है तो ऐसे लोगों की संख्या पांच हजार से अधिक होगी। यदि इसमें से दस प्रतिशत लोग भी गंभीर रूप से पाए गए तो यह संख्या पांच सौ से अधिक होगी। जानकारी हो कि हमारे शहर में इतनी संख्या में वेंटिलेटर भी नहीं है। बिलासपुर जिले के सभी अस्पतालों में उपलब्ध वेटिंलेटर को मिला भी दिय़ा जाए तो संख्या 150-200 से अधिक नही है। इस बात की जानकारी उन्हें बेहतर है। जाहिर सी बात है कि यदि 150 वेटिंलेटर में से दस प्रतिशत वेंटिलेटर का उपयोग कोरोना पीड़ितों के उपयोग में होता है तो 90 प्रतिशत वेंटिलेटर का उपयोग अन्य गंभीर मरीजों के लिए होगा। जब एक प्रतिशत के हिसाब से कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या पांच सौ से अधिक होती है। तो जाहिर सी बात है कि हम इसके लिए कतई तैयार नहीं है। ऐसी सूरत में हमारी सामुहिक जिम्मेदारी है रोग से बचने का सबसे बड़ा उपाय सुरक्षा को गंभीरता के साथ अपनाएं। फिर देखिए कोरोना प्रकोप को खत्म होने से कोई रोक नहीं सकेगा।
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