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छत्तीसगढ़ : नोटबंदी और लॉकडाउन की तरह बिना सोचे समझे शराबबंदी नहीं करेगी सरकार : कांग्रेस …. भाजपा पहले अपनी सरकारों से शराब दुकानें बंद करने की घोषणा करवाएं …. भाजपा शराबबंदी पर सिर्फ राजनीति कर रही, जनहित से उन्हें कोई लेना देना नही ….

छत्तीसगढ़ // प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि शराब बेचने का विरोध कर रही भाजपा को पहले बताना चाहिए कि अपने चुनावी घोषणा पत्रों में वादा करने का बावजूद उसने शराब बंदी करने की जगह शराब को बढ़ावा क्यों दिया ? पंद्रह वर्षों में शराब की बिक्री में बढ़ोत्तरी हुई है वह भाजपा के 15 वर्षों के शासनकाल में ही हुई है और उसी दौरान कोचिये लगातार ताक़तवर हुये। रमन सिंह की सरकार ने शराब बंदी करने की जगह उल्टे शराब का सरकारीकरण कर दिया और शराबबंदी की ओर कोई ठोस क़दम नहीं उठाया।

उन्होंने आगे कहा है कि भाजपा की सरकार ने 2011 में राज्य में शराबबंदी लागू करने के लिए कहा था। कमेटी बनाई थी। कमेटी की रिपोर्ट के बाद भी राज्य में बीयर-बार और शराब बिक्री को बंद करने के बजाय इसमें और बढ़ोत्तरी हो गई।

राज्य की कांग्रेस सरकार समझती है कि शराब बंदी करना आवश्यक है। लेकिन जैसा कि सरकार ने कहा है कि शराब बंदी का क़दम नोटबंदी की तरह या लॉक डाउन की तरह बिना सोचे समझे नहीं उठाया जाएगा। राज्य सरकार समझती है कि अचानक शराब बंदी का समाज में कई विपरीत असर पड़ता है जो शराब से ज़्यादा घातक होता है। इसके लिए सरकार ने ठोस क़दम उठाए हैं। शराबबंदी के लिए तीन तरह की कमेटियां गठित की गई है। राजनैतिक स्तर की कमेटी में भाजपा के पदाधिकारियों को भी शामिल किया गया है। इस कमेटी की बैठक में भाजपा के पदाधिकारी आते ही नहीं है। इससे ही स्पष्ट है कि भाजपा शराबबंदी पर अपने 15 वर्ष के शासनकाल में भी राजनीति करती रही और अभी भी राजनीति ही कर रही है। भाजपा को जनहित से कोई लेना देना नहीं है।

सामाजिक स्तर और प्रशासनिक स्तर पर भी कमेटी का गठन , कमेटियों के अनुशंसा के आधार पर ही राज्य सरकार निर्णय लेगी

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जहां तक कोरोना संकट के समय शराब दुकानें खोलने का सवाल है तो छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में शराब दुकानों को केन्द्र सरकार द्वारा एक मई को जारी किए गए आदेश-निर्देश के बाद ही शुरू किया गया है। तो भाजपा नेताओं को शराब बेचने के फ़ैसले के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से पूछना चाहिए.

भाजपा नेताओं को चाहिए कि पहले वे भाजपा शासित राज्यों में शराब दुकानें बंद करने की घोषणा करवाएं उसके बाद ही कांग्रेस सरकार पर आरोप प्रत्यारोप करें। 15 साल सत्ता में रहकर भाजपा ने छत्तीसगढ़ में जमकर शराब बेची और अब भाजपा शराबबंदी की मांग कर रही है जब कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणापत्र के अनुसार शराब बंदी लागू करने के लिए समिति बनाई और भाजपा को भागीदारी के लिए कहा तो भाजपा भाग खड़ी हुई ।

भाजपा और पार्टी के सांसदों द्वारा की जा रही छत्तीसगढ़ विरोधी राजनीति पर तगड़ा प्रहार करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि करोना में भाजपा के लोकसभा सदस्यों ने छत्तीसगढ़ के मजदूरों के हित के लिए क्या योगदान दिया बताएं पीएम केयर फंड से छत्तीसगढ़ को करोना से लड़ने के लिए क्या योगदान दिलाया भाजपा सांसदों ने यह बताना चाहिए ! सीएम रिलीफ फंड में एक भी पैसा भाजपा सांसदों ने दिया हो तो वह बताएं ! लगातार छत्तीसगढ़ के हितों के खिलाफ बयानबाजी करना और जनहित में काम कर रही छत्तीसगढ़ सरकार के कार्यों में नुक्ता चीनी करना भाजपा के लोकसभा सदस्यों का चरित्र बन गया है। छत्तीसगढ़ के लोग सब देख रहे हैं और समझ भी रहे हैं ।

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