बिलासपुर // जनवादी लेखक संघ के द्वितीय राज्य अधिवेशन का आयोजन रविवार 10 नवंबर को लिंक रोड स्थित नारायण प्लाज़ा मे किया गया। अधिवेशन के दौरान विशेष सत्र में “शानी का रचना संसार” विषय पर मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित साहित्यकार-पत्रकार फिरोज शानी ने अपने पिता की रचनाओं पर कहा कि उनका पैशन था लिखना। उनका कहना था कि मेरा लेखन जनता के लिए है। वे कभी किसी संगठन से नहीं जुड़े और सबके लिए लिखा। शानी जी का परिचय पहले सस्ते साहित्य से हुआ और फिर वे गंभीर साहित्य कि ओर आकर्षित हुए। दोनों में उन्होंने फ़र्क किया। शानी जी के जीवन में जो व्यथा थी वो उनके साहित्य में दिखाई देती है।
स्वागत उद्बोधन में संघ के अध्यक्ष कथाकार खुर्शीद हयात ने कहा कि जिस शहर का अपना इतिहास नहीं होता, उसकी अपनी कोई संस्कृति नहीं होती। इस शहर को जगन्नाथ भानु, श्रीकांत वर्मा, शंकर शेष, सत्यदेव दुबे ने पहचान दी है। यही कारण है कि बिलासपुर शहर को साहित्य कि राजधानी कहने मे खुशी होती है। कार्यक्रम के अध्यक्ष भोपाल से आए साहित्यकार रामप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि समय कठिन से कठिन होता जाता है, बल्कि समय और कठिन हो रहा है। पहले लोगों में यह भाव था कि हमे एक मौका दें, लेकिन आज मुहावरा बदला है। आज कि तारीख मे अब उलट हो गया है। हर नई चीज के स्वागत करने का ज़माना चला गया।
जगदलपुर से पहुंचे साहित्यकार विजय सिंह ने शानी जी के साथ बिताए अपने आत्मीय पलों को याद किया। बस्तर और जगदलपुर में बिताए दिनों कि चर्चा करते हुए उनकी कहानी “बारात” पर बात की। उन्होंने कहा कि बीहड़ बस्तर से शानी जी ने साहित्य का सृजन किया और आज भी उनके समग्र साहित्य पर बात करने की जरूरत है। उनकी बहुत सी विधाओं पर विमर्श शेष है। इस मौके पर साहित्यकार शाकिर अली ने कहा कि शानी जी ने ईमानदार साहित्य लेखन करते हुए जीवन बिताया। उन्होंने उनकी कविता का वाचन किया और सफर नामक कहानी का ज़िक्र किया, जिसमें भारतीय समाज की चिंता है। आभार प्रदर्शन संघ के अध्यक्ष कपूर वासनिक ने किया। इस मौके पर संघ के दिवंगत सदस्य त्रिजुगी कौशिक, डॉ. लाखन सिंह व एस. कुमार को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम का संचालन सतीश सिंह व अजय चंद्रवंशी ने किया। कार्यक्रम में नंद कश्यप, महेश श्रीवास, नीलोत्पल शुक्ला, प्रथमेश मिश्रा, सविता प्रथमेश, रौशनी बंजारे, असीम तिवारी, शारदा आदिले, अनुज श्रीवास्तव, प्रियंका शुक्ला, प्रतीक वासनिक, डॉ नथमल झँवर, गणेश कछवाहा आदि उपस्थित थे।
पहला शानि स्मृति कथा सम्मान शीतेंद्र नाथ चौधरी को
प्रथम शानी स्मृति कथा सम्मान बिलासपुर के वरिष्ठ कथाकार शीतेंद्र नाथ चौधरी को दिया गया। इस मौके पर चौधरी ने साहित्यकार शानी को याद करते हुए कहा कि भारतीय साहित्य में गुलशेर खां शानी को जितना स्थान मिलना चाहिए था, वो नहीं मिला। वहीं फिरोज शानी व राम प्रकाश त्रिपाठी को भी सम्मानित किया गया। अधिवेशन के दूसरे सत्र में साहियाकारों ने रचनाओं का पाठ किया।
Author Profile
Latest entries
Uncategorized03/07/2025वृक्ष महोत्सव : दीया छत्तीसगढ़ का सकारात्मक प्रयास… पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने किया पौधारोपण…
बिलासपुर03/07/2025बिलासपुर में BNI BELIEVERS द्वारा विशाल निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर 6 जुलाई को…
Uncategorized30/06/2025कृषि विभाग की टीम ने आधा दर्जन दुकानों में दी दबिश… गड़बड़ी और लापरवाही पाए जाने पर थमाया नोटिस…
अपराध30/06/2025गैरेज मालिक पर कर्मचारी ने किया जानलेवा हमला… पुलिस मामला दर्ज कर युवक की कर रही तलाश…