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जैविक खेती को बढ़ावा देने केन्द्र ने छेड़ी मुहिम …सांसद अरुणसाव के सवाल पर केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर ने लोकसभा में किया खुलासा…

बिलासपुर // रासायनिक खाद के मनमाने उपयोग से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे दुष्प्रभाव और मिट्टी की लगातार घटती उर्वरता को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार के कृषि एवं कल्याण मंत्रालय ने रासायनिक खाद की बजाय जैविक खाद का उत्पादन और उपयोग बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। इसके कारण सन 2013-14 में जैविक खाद का जो उत्पादन 2294 लाख मीट्रिक टन था, वह 2017-18 में बढ़कर 3387 लाख मीट्रिक टन हो गया। जैविक खाद के उत्पादन में वृद्धि का यह आंकड़ा निरंतर बढ़ रहा है।
लोकसभा में बजट सत्र के दौरान बिलासपुर के सांसद अरुण साव द्वारा
पूछे गए सवाल के जवाब में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने उक्त बातें कहीं हैं। उन्होंने कहा कि रसायन मुक्त खेती से मिट्टी की उर्वरता और पर्यावरण में सुधार होता है। रासायनिक मुक्त कृषि से उत्पादन में भी वृद्धि के साथ ही यह स्वास्थ्य के लिए ठीक रहती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार रासायनिक खाद के संतुलित और विवेकपूर्ण उपयोग के बारे में प्रदर्शनियो ,मेलों और प्रशिक्षणों के माध्यम से किसानों को शिक्षित कर रही है। साथ ही अकार्बनिक और कार्बनिक स्त्रोतों के संयोजन से संतुलित और समेकित पोषक तत्व प्रबंधन आधारित मिट्टी परीक्षण की सिफारिश की गई है। इसी तरह निजी एजेंसियों एवं व्यक्तियों को 63 लाख रुपए प्रति यूनिट की परियोजना लागत की 30 प्रतिशत तक आर्थिक मदद दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जैविक समावेशन, जैविक खाद उत्पादन सहित जैविक आदानों के लिए पीकेवीवाई के तहत सालाना 31 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता दी जा रही है। इसी तरह 3 वर्षों के लिए प्रति हेक्टेयर 75 सौ रुपए की मदद दी जा रही है। यही नहीं भारत सरकार, सिटी कम्पोस्ट की बिक्री के लिए उर्वरक कंपनियों को 15 सौ रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर पर बाजार विकास सहायता दे रही है।

आईसीएआर ने अवशिष्ट से खाद बनाने विकसित की तकनीक

सांसद साव ने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा दिए गए लिखित जवाब में बताया गया है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने उपलब्ध ग्रामीण जैविक अवशिष्ट का उपयोग करने लिए विभिन्न प्रकार की जैविक खादों जैसे- फास्फोकम्पोस्ट, वर्मीकम्पोस्ट, जैव समृद्ध खाद आदि तैयार करने के लिए तकनीक विकसित की है। आईसीएआर, कृषि में एफवाईएम, वर्मिन कम्पोस्ट, समृद्ध खाद, बायोगैस मिश्रित खाद, हरी खाद, जैव उर्वरक आदि को तैयार करने और उपयोग के लिए किसानों को प्रशिक्षण भी दे रहा है।

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