• Sun. Dec 22nd, 2024

News look.in

नज़र हर खबर पर

दशहरे के दिन नीलकंठ के दर्शन की क्या है मान्यता ?

दशहरे के दिन नीलकंठ के दर्शन की क्या है मान्यता ?

दर्शन क्यों माना जाता है शुभ ?

आचार्य प्रभाकर शास्त्री

बिलासपुर / विजय दशमी दशहरे का पर्व अपने आप में कई मायनें है यह जीत का पर्व है यह प्रभु श्री रामचंद्र जी के विजय का पर्व है इस दिन नीलकंठ के दर्शन करना शुभ माना जाता है आपने यह लोकोक्ति ज़रूर सुनी होगी…. “नीलकंठ तुम नीले रहियो, दूध-भात का भोजन करियो, हमरी बात राम से कहियो”, इस लोकोक्त‍ि के अनुसार नीलकंठ पक्षी को भगवान का प्रतिनिधि माना गया है. कहते हैं दशहरा पर इस पक्षी के दर्शन को शुभ और भाग्य को जगाने वाला माना जाता है. जिसके चलते दशहरे के दिन हर व्यक्ति इसी आस में छत पर जाकर या किसी खेत या जंगल की तरफ आकाश को निहारता है कि उन्हें नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाएं. ताकि साल भर उनके यहां शुभ कार्य का सिलसिला चलता रहे ।

इस दिन नीलकंठ के दर्शन होने से घर के धन-धान्य में वृद्धि होती है, और फलदायी एवं शुभ कार्य घर में अनवरत्‌ होते रहते हैं. सुबह से लेकर शाम तक किसी वक्त नीलकंठ दिख जाए तो वह देखने वाले के लिए शुभ होता है.

क्यों है नीलकंठ शुभ पक्षी ?

कहते है श्रीराम ने इस पक्षी के दर्शन के बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी. विजय दशमी का पर्व जीत का पर्व है. दशहरे पर नीलकण्ठ के दर्शन की परंपरा बरसों से जुड़ी है. लंका जीत के बाद जब भगवान राम को ब्राह्मण हत्या का पाप लगा था. भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण के साथ मिलकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की एवं ब्राह्मण हत्या के पाप से स्वयं को मुक्त कराया. तब भगवान शिव नीलकंठ पक्षी के रुप में धरती पर पधारे थे.

क्या है नीलकंठ का अर्थ ?

नीलकण्ठ अर्थात् जिसका गला नीला हो. जनश्रुति और धर्मशास्त्रों के मुताबिक भगवान शंकर ही नीलकण्ठ है. इस पक्षी को पृथ्वी पर भगवान शिव का प्रतिनिधि और स्वरूप दोनों माना गया है. नीलकंठ पक्षी भगवान शिव का ही रुप है. भगवान शिव नीलकंठ पक्षी का रूप धारण कर धरती पर विचरण करते हैं

किसानों का मित्र नीलकंठ पंछी –

वैञानिकों के अनुसार यह भाग्यविधाता होने के साथ साथ किसानों का मित्र भी है क्योकिं सही मायनें में नीलकंठ किसानों के भाग्य का रखवाला भी होता है जो खेतों किडे खाकर फसलों की रखवाली करता है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *