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निगम लगाएगा घरो में ” क्यूआर कोड ” स्कैन से पता चलेगा कचरा उठा या नही ।

बिलासपुर/ नगर निगम अब लोगो के घरों के बाहर जल्द ही क्यूआर कोड लगाने वाला है, इसे मोबाइल से स्कैन करते ही कंट्रोल रूम में बैठे अफसरों को पता चल जाएगा कि आपके घर से कचरे का उठाया गया है या नही, अभी डोर तो डोर कचरा कलेक्शन में निगम को यह पता चल पा रहा कि कितने घरों से कचरा उठाया जा रहा है निगम के अधिकारियों को कंट्रोल रूम से सिर्फ रुट का पता चल पा रहा है ।

एमएसडब्लू दिल्ली सॉल्यूशन लिमीटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत जुलाई 2017 से शहर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम कर रही है , टाटा एस हाकर ले कर गली गली घरो में जा कर कचरे का उठाव किया जा रहा है , विकास भवन के कंट्रोल रूम में बैठ कर कर केवल यह पता चलता है कि डोर टू डोर कचरा उठाने कंपनी की गाडी शहर के वार्डो में और कौन सी गली में गयी हैं पर ये पता नही चल पाता कि कौन से घर से कचरा उठा है या नही यही वजह है कि निगम अब महानगरों की तरह कचरा क्लेक्शन मैनेजमेंट को हाईटेक करने जा रहा है इसके लिए निगम अब सभी घरों की दीवारों में क्यूआर कोड चिपकाएगा ।।

मोबाइल से स्कैन करने से पता चलेगा

डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाले कर्मचारी अब रोजाना कचरा कलेक्ट करने के साथ ही मकानों के बाहर लगे क्यूआर कोड को अपने मोबाइल पर स्कैन करेंगे, क्यूआरट कोड स्कैनिंग के जरिये निगम के कंट्रोलरूम में बैठे अधिकारीयों को ये पता चल जाएगा कि कचरा कलेक्ट करने वाले कर्मचारी आपके घर आये है या नही ।।

200 टन निकलता है रोजाना कचरा

शहर से रोजाना 200 टन कचर निकलता है जिसके कछार के प्लांट में डंप किया जाता है निग़म इसके लिए कंपनी को प्रति टन 2115 रूपए की दर से भुगतान करता है , प्लांट में कचरे से खाद बनाने का काम शुरू किया गया हैं कछार में 25 एकड़ में 35 करोड़ की लागत से बने प्लांट में प्रतिदिन 100 टन आरडीएफ और 50 टन कम्पोस्ट खाद बनाने का दावा किया जा रहा है यह छग का पहला और देश का दूसरा पूरे तरीके से ढका हुआ मैकनाइज्ड एरोबिक आधारित प्लांट है ।।

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