शहर से लगे निरतु गांव में सरकारी जमीन पर लगे 40 पेड़ों को माफिया ने दबंगई से काट डाला ,,
वन विभाग ने कहा पेड़ हमारे नहीं राजस्व विभाग के थे.. जिला पंचायत सभापति अंकित राजस्व विभाग से करेंगे शिकायत ,,
बिलासपुर (शशि कोन्हेर) // शहर से लगे गांव निरतु में भूमाफियों के इशारे पर कुछ दबंगों ने देखते ही देखते चालीस पेड़ों को साफ कर दिया। मजेदार बात है कि सरपंच को मामले में कुछ भी जानकारी नहीं है। बहरहाल मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। वन विभाग का कहना है कि पेड़ राजस्व विभाग की जमीन पर है। इसलिए मामले में हमारी कोई भूमिका नहीं है। लेकिन राजस्व विभाग को सूचना जरूर देंगे। कुल मिलाकर मामला अब दो विभागों के बीच फंस गया है। इधर भूमाफिया और चालिस पेड़ों को धराशाई करने वाले आजाद घूम रहे हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार गांव निरतु में खसरा नम्बर 1670/1 और 1654/ 1 /2 /3 सरकारी जमीन है सरकारी जमीन से लगकर किसानों की भी जमीन है। सरकारी जमीन पर करीब चालीस से अधिक पुराने बबूल और शीशम समेत अन्य कीमती पेड़ लगे हुए थे। एक दिन कुछ लोग आरी लेकर आए। जमीन से दो अंगुल छोड़कर चालीस पेड़ों को धराशाई कर दिया। यद्यपि स्थानीय लोगों ने पेड़ों पर आरी चलाने को लेकर पुरजोर विरोध भी किया। लेकिन लकडी तस्करों के सामने किसी की नहीं चली। इतना ही नहीं माफियों ने देखते ही देखते काटे गए पेड़ों को भी वारा न्यारा कर दिया। लोगों ने बताया कि इसमें सरपंच की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि जमीन पर भूमाफियो की नजर है। स्थानीय निवासी रूपेश साहू ने बताया कि पेड़ काफी पुराने मोटे थे। काटे गए पेड़ों में ज्यादातर बबूल थे। इसके अलावा शीशम और कीमती पेड़ भी काटे गए हैं। इसके अलावा कुछ इमारती पेड़ों को भी काटा गया है।
मामला राजस्व विभाग का ? वन मण्डलाधिकारी ..
मामले में वन मण्लाधिकारी कुमार निशांत ने बताया कि वन विभाग की टीम मौके पर गयी थी। पेड़ काटने के प्रमाण भी मिले हैं। काफी संख्या में पेड़ काटे गए हैं। चूंकि जमीन राजस्व विभाग की है। इसलिए इसकी शिकायत राजस्व विभाग से किया जाना सही होगा। फिलहाल पेड़ काटे जाने को लेकर हम भी गंभीर है। पेड़ काटने की शिकायत पर उचित कार्रवाई विभाग की तरफ से होगी।
मामले में राजस्व प्रशासन से करेंगे शिकायत..
अंकित गौरहा जिला पंचायत सभापति ने बताया कि ग्रामीणों ने व्यक्तिगत रूप से मिलकर पेड़ काटे जाने की शिकायत की है। स्थानीय लोगों ने बताया कि 35 से अधिक पेड़ काटे गए हैं। इसमें कुछ कीमती पेड़ भी थे। मामले की शिकायत वन विभाग से करने को कहा गया है। अंकित ने बताया कि चूंकि मामला सरकारी जमीन से पेड़ काटने को लेकर है। जानकारी राजस्व विभाग को भी देंगे। जैसा की ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी जमीन पर कुछ लोगों की नजर है। शायद यही कारण है कि पेड़ों को काटा गया है। गौरहा ने दुख जाहिर करते हुए कहा कि समय पेड़ को संरक्षण और पौधरोपण करने का है। ऐसे समय में पेड़ बिना किसी कारण के काटा जाना अपराध है। मामले को निजी स्तर पर वन अमले के साथ राजस्व विभाग के संज्ञान में लाउंगा।
राजकुमार सूर्यवंशी नामक व्यक्ति ने काटा चालीस पेड …
स्थानीय निवासी रूपेश कुमार ने बताया कि सभी पेड़ों को राजकुमार सूर्यवंशी ने आरी से काटा है। एक बार विरोध करने पर वह लौट गया। लेकिन मौका पाते ही चालीस पेड़ों को कुछ घंटें के अन्दर ही मौत के घाट उतार दिया। जानकारी मिल रही है कि कुछ माफिया जमीन को हड़पना चाहते हैं। लेकिन हम ऐसा हरगिज नहीं होने देंगे। तहसीलदार और कलेक्टर से शिकायत करेंगे ।
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