महाराष्ट्र : मुम्बई की सड़कों में ऑटो से लेकर सीएम तक का सफर… जानिए कौन है एकनाथ शिंदे…
महाराष्ट्र, जून, 30/2022
महाराष्ट्र जैसे राज्य के मुख्यमंत्री अब एकनाथ शिंदे होंगे जिनका पूरा नाम एकनाथ संभाजी शिंदे है। सबसे खास बात यह है कि उन्हे बाला साहेब के सिद्धांतों पर चलने वाला नेता बताया जा रहा है। सभी जानते हैं कि एकनाथ शिंदे ने ऑटो रिक्शा से अपने करियर की शुरूआत की थी। आइए हम बताते हैं, कैसा बीता ऑटो रिक्शा से सीएम हाउस तक का सफर।
साल 1964 में जन्मे शिंदे मराठा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने अपने जीवनयापन के लिए जल्दी शिक्षा छोड़ दी थी. हालांकि साल 2014 में बीजेपी-शिवसेना सरकार में मंत्री बनने के बाद शिंदे ने अपनी पढ़ाई फिर से शुरू की और यशवंतराव चव्हाण मुक्त विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र से ग्रेजुएशन किया. शिंदे शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे और शिवसेना के ठाणे जिला प्रमुख आनंद दिघे के संपर्क में आने के बाद साल 1980 के दशक में शिवसेना में शामिल हो गए।
साल 1997 से शिंदे ने की राजनीतिक करियर की शुरुआत…
एकनाथ शिंदे को राजनीति में जाने की प्रेरणा कद्दावर नेता आनंद दीघे से मिली। शिंदे ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1997 में की थी जब वे पहली बार ठाणे नगर निगम के लिए पार्षद चुने गए थे. साल 2001 में वह ठाणे नगर निगम में सदन के नेता बने और 2002 में दूसरी बार ठाणे नगर निगम के लिए चुने गए. उन्होंने साल 2004 में पहली बार ठाणे के कोपरी-पछपाखडी निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीता और तब से लगातार चार बार जीतकर विधायक रहे हैं. एकनाथ शिंदे ने राजनीति में कदम रखने के बाद बेहद कम समय में ठाणे-पालघर क्षेत्र में शिवसेना के प्रमुख नेता के तौर पर अपनी पहचान बनायी. उन्हें जनता से जुड़े मुद्दों को आक्रामक तरीके से उठाने के लिए पहचाना जाता है।
शिंदे को उनकी 2014 की जीत के बाद शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में नियुक्त किया गया था और फिर नवंबर 2019 में उद्धव ठाकरे के एमवीए सरकार के मुख्यमंत्री बनने से पहले महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त किया गया था. शिंदे को 2019 में एमवीए सरकार में शहरी विकास और लोक निर्माण (सार्वजनिक उपक्रम) के लिए कैबिनेट मंत्री बनाया गया था और वह वर्तमान में शहरी मामलों के मंत्री हैं।
एकनाथ शिंदे: कहां के रहने वाले हैं, निर्वाचन क्षेत्र कौन सा…
सतारा जिले से ताल्लुक रहने वाले एकनाथ शिंदे ने ठाणे जिले को अपना कार्यक्षेत्र बनाया। पार्टी की हिंदुत्ववादी विचारधारा और बाल ठाकरे से प्रभावित होकर शिंदे शिवसेना में शामिल हो गए। कोपरी-पंचपखाड़ी सीट से विधायक एकनाथ शिंदे सड़कों पर उतरकर राजनीति के लिए पहचाने जाते हैं।
निजी जीवन में झेली परेशानियां…
एक समय ऐसा भी आया जब शिंदे निजी जीवन में दुखी हुए। उनका परिवार बिखर गया था। 2 जून 2000 को एकनाथ के 11 वर्षीय बेटे दीपेश और 7 साल की बेटी शुभदा का निधन हो गया। शिंदे अपने बच्चों के साथ सतारा गए थे। बोटिंग के दौरान हादसा हो गया। बेटे-बेटी की मौत के बाद उन्होंने राजनीति छोड़ने का फैसला कर लिया था। इस बुरे समय में एकनाथ को आनंद दीघे ने सही रास्ता दिखाया और राजनीति में बने रहने को कहा।
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