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हैवानियत की हद : दलित लड़की से गैंगरेप के बाद काटी जीभ………3 गिरफ्तार… लड़की की हालत नाजुक, आईसीयू में वेंटिलेटर पर..

हैवानियत की हद : दलित लड़की से गैंगरेप के बाद काटी जीभ………3 गिरफ्तार…

लड़की की हालत नाजुक, आईसीयू में वेंटिलेटर पर...

अलीगढ़ // यूपी के हाथरस जिले में हैवानियत का शिकार दलित लड़की जिंदगी और मौत से जूझ रही है। हैवानों ने गैंगरेप के बाद उसकी जीभ भी काट दी थी। उसके बाद वह एक हफ्ते से ज्यादा बेहोश रही थी। आरोप है कि 19 साल की दलित लड़की के साथ गांव के ही चार दबंग युवकों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में पुलिस का रवैया कठघरे में है। सवाल उठने के बाद तीन आरोपियों को आनन-फानन में गिरफ्तार किया जा चुका है। मेडिकल परीक्षण में पता चला कि युवकों ने गैंगरेप के बाद पीडि़ता की रीढ़ की हड्डी को तोड़ डाला था। पुलिस ने छेडख़ानी के आरोप में इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। 21 सितंबर को किशोरी के होश में आने के बाद की गई डॉक्टरी परीक्षण के दौरान मेडिकल रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि हुई। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। पीडि़ता ने होश में आने पर यह भी बताया था कि आरोपियों ने उसकी जीभ काट दी थी, जिससे वह लोगों को घटना के बारे में ना बता सके।

हाथरस पुलिस ने तीन आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया है। पीडि़ता पिछले 13 दिनों से जिंदगी और मौत के बीच अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में जूझ रही है। हालत बिगडऩे पर उसे आईसीयू में शिफ्ट करते हुए वेंटिलेटर पर रखा गया है। लगातार पीडि़ता की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।
हाथरस के थाना चंदपा इलाके के गांव में 14 सितंबर को चार दबंग युवकों ने 19 साल की दलित लड़की के साथ बाजरे के खेत में गैंगरेप किया था। इस मामले में पुलिस ने लापरवाही भरा रवैया अपनाया। रेप की धाराओं में केस ना दर्ज करते हुए छेडख़ानी के आरोप में एक युवक को हिरासत में लिया। इसके बाद उसके खिलाफ धारा 307 (हत्या की कोशिश) में मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना के 9 दिन बीत जाने के बाद पीडि़ता होश में आई तो अपने साथ हुई आपबीती अपने परिजनों को बताई। जब पीडि़ता का डॉक्टरी परीक्षण हुआ तो इसमें गैंगरेप की पुष्टि होने के बाद हाथरस पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया है।

पीडि़ता के परिजनों ने बातचीत के दौरान बताया कि थाना चंदपा इलाके के इस गांव की जनसंख्या 450 के करीब है। इसमें 150 ठाकुर समाज के लोग और 150 के करीब ब्राह्मण समाज के लोग हैं। वहीं 150 के करीब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग हैं। परिजनों का कहना है कि गांव के अंदर ठाकुरों की दबंगई है।

14 सितंबर को सोमवार सुबह साढ़े दस बजे दलित लड़की अपने मां और भाई के साथ पशुओं को चारा लेने के लिए खेतों पर घास लेने के लिए गई थी। उसी दौरान लड़की का भाई घास काटने के बाद चारा लेकर खेतों से घर चला गया था। इसके बाद पीडि़ता की मां कुछ दूरी पर जाकर घास काटने लगी। उसी दौरान पीडि़ता को अकेला पाकर गांव के रहने वाले चार युवक बाजरे के खेत में खींचकर ले गए।
गैंगरेप की घटना को अंजाम देते वक्त चिल्लाने की आवाज सुनकर मौके पर पहुंची मां को देखने के बाद आरोपी युवक फरार हो गए थे। पीडि़ता की हालत नाजुक होने पर इलाज के लिए उसे परिजन जिला अस्पताल ले गए थे। डॉक्टरों ने पीडि़ता की गंभीर हालत देखते हुए अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था।

जेएन मेडिकल के डॉक्टरों का कहना है कि पीडि़ता के दोनों हाथ और दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया है। अब दलित लड़की की हालत बेहद ही नाजुक बनी हुई है। जेएन मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में वेंटिलेटर पर वह जिंदगी की जंग लड़ रही है।

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Lokesh war waghmare - Founder/ Editor

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