शिवसेना किसकी ?… उद्धव या शिंदे की ?… सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई… क्या आया फैसला… पढ़े पूरी खबर…
दिल्ली, सितंबर, 07/2022
महाराष्ट्र में राजनीतिक द्वंद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। साथ ही सत्ता संघर्ष की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना पर दावे को लेकर चल रही सुनवाई अब 27 सितंबर को होगी। इस मुद्दे पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो 27 सितंबर को इस पर विचार करेगी कि चुनाव आयोग को इस मामले में फैसला करने को कहा जाए या नहीं। आपको बता दें कि दोनों ही गुट असली शिवसेना होने का दावा कर रहे हैं और शिवसेना का नाम और चुनाव-चिन्ह इस्तेमाल करने की अनुमति मांग रहे हैं। ये मामला चुनाव आयोग में भी पहुंच चुका है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई होने तक, चुनाव आयोग को इस मामले में फैसला देने से रोक रखा है।
आपको बता दें कि ठाकरे खेमे का दावा सही है या शिंदे के दावे में कितना दम है? इन चीजों को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। पांच जजों की संविधान पीठ ने अगली सुनवाई की तारीख 27 सितंबर तय की है। इससे पहले पूरे मामले में 23 अगस्त को सुनवाई हुई थी। इस तारीख के बाद से ही डेट बदलती रही है लेकिन सुनवाई नहीं हुई है।
मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की एक एससी पीठ ने कहा था कि वह बुधवार को सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध कर सकती है। बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने इस मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की थी। शिंदे गुट की ओर से वकील नीरज किशन कौल ने मामले की तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा कि इस मुद्दे को तत्काल सुलझाने की जरूरत है क्योंकि महाराष्ट्र में जल्द ही स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले अगस्त में, शीर्ष अदालत की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से जुड़े मुद्दों को पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेजा था। SC ने कहा था कि मामले की सुनवाई 25 अगस्त को संविधान पीठ करेगी, लेकिन मामला अभी तक सुनवाई के लिए नहीं आया है।
शिंदे गुट की मांग चुनाव आयोग पर से हटे रोक…
सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग को एकनाथ शिंदे खेमे द्वारा ‘असली’ शिवसेना पार्टी के रूप में मान्यता और उसे धनुष और तीर के प्रतीक के आवंटन के लिए दायर आवेदन पर 25 अगस्त तक फैसला नहीं करने का आदेश दिया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट में शिंदे खेमे की तरफ से मांग की गई कि वह चुनाव आयोग की तरफ से शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर जो निर्णय किया जाना है उस पर से रोक हटा ले। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्शन कमीशन को निर्देश दिया हुआ है कि जब तक इस केस की सुनवाई नहीं हो जाती चुनाव आयोग कोई फैसला न ले। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि वह दूसरे पक्ष की दलील सुनने के बाद ही इस पर निर्णय लेगी। वहीं उद्धव ठाकरे खेमे की ओर से पेश अधिवक्ता कपिल सिब्बल के अनुरोध पर चुनाव चिन्ह मुद्दे पर अंतरिम राहत के लिए 25 अगस्त को मामला संविधान पीठ के समक्ष रखा था।
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