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भाटिया ग्रुप की धूमा डिस्टलरी को औद्योगिक कोर्ट से मिला तगड़ा झटका…याचिका खारिज… रेड कार्यवाही में जप्त राशि को लेकर क्या कहा कोर्ट ने… पढ़िए पूरी खबर…

भाटिया ग्रुप की धूमा डिस्टलरी को औद्योगिक कोर्ट से मिला तगड़ा झटका…याचिका खारिज… रेड कार्यवाही में जप्त राशि को लेकर क्या कहा कोर्ट ने… पढ़िए पूरी खबर…

बिलासपुर, अक्टूबर, 18/2022

शराब कारोबारी भाटिया ग्रुप को औद्योगिक कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है कोर्ट ने भाटिया ग्रुप की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मुंगेली जिले के धूमा स्थित भाटिया वाइन में छापामार कार्रवाई हुई थी जिसमे छापे के दौरान आबकारी विभाग ने 1करोड़ 59 लाख 30 हजार 50 रुपए जप्त किए गए थे। जब्त राशि को ब्याज सहित लौटने की अनुरोध संबंधी याचिका भाटिया ग्रुप की तरफ से लगाई गई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। भाटिया ग्रुप ने सरकार से ब्याज सहित 2 करोड़ 6 लाख रुपए लौटाने के लिए याचिका दायर किया था।

10 साल पहले आबकारी विभाग का पड़ा था छापा …

लगभग दस साल पहले 2012 में जांजगीर आबकारी टीम ने धूमा स्थित भाटिया वाइनस में छापामार कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में टीम ने करीब एक करोड़ 59 लाख 30 हजार 50 रूपए नगद जब्त किए थे। छापामार कार्रवाई के खिलाफ में और जब्त रूपयों की वापसी के लिए भाटिया ग्रुप ने कोर्ट में वाद दायर किया था। कोर्ट ने लम्बी सुनवाई के बाद फर्म से बरामद रूपयों को फर्म को वापस लौटान का आदेश दिया था। रूपया मिलने के बाद भाटिया ग्रुप की तरफ से एक याचिका फिर से दायर किया गया और बताया कि साल 2012 में बरामद रूपयों का निराकरण साल 2018 में हुआ। नियमानुसार तत्कालीन समय से साल 2018 के बीच आबकारी विभाग ने जिस राशि को अपने पास रखा उसे ब्याज सहित लौटना चाहिए। जब्त राशि का कुल ब्याज करीब दो करोड़ 6 लाख 30 हजार 196 रूपया होता है।

याचिकाकर्ता ने औद्योगिक कोर्ट रायपुर में आबकारी विभाग जांजगीर, कलेक्टर जांजगीर और राज्य शासन को पक्षकार बनाया था। भाटिया ग्रुप की तरफ से बताया गयी कि कोर्ट ने नीतिगत फैसला लेते हुए एक करोड़ 59 रूपयों की जब्ती के खिलाफ फैसला दिया है। ऐसी सूरत में हमें बैंकिंग नियम के अनुसार दो करोड़ 6 लाख से अधिक ब्याज राशि का भुगतान किया जाए। मामले में सुनवाई करते हुए शासन की तरफ से अधिवक्ता अमित चाकी, अधिवक्ता बृजराज सिंह ने भाटिया ग्रुप की याचिका को खारिज करने के समर्थन में तर्क पेश किया। दोनो अधिवक्ताओं ने बताया कि नियमानुसार यह मामला वाद योग्य नहीं है। ऐसी सूरत में किसी भी प्रतिवादी को व्याज भुगतान करने की जरूरत नहीं है। सुनवाई पूरी होने पर रायपुर स्थित औद्योगिक कोर्ट ने शासन के पक्ष में फैसला सुनाया और भाटिया ग्रुप का आवेदन खारिज कर दिया।

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