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माता चौरा सेवा समिति द्वारा श्रीमद् भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन…

बिलासपुर, फरवरी, 012025

माता चौरा सेवा समिति द्वारा श्रीमद् भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन…

माता चौरा सेवा समिति के द्वारा गुप्त नवरात्रि के पावन पर्व पर संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया है। मंदिर प्रांगण में कथा वाचक वेंकटेश शरण महाराज आचार्य के मुख से पूरे मोहल्ले वासी सुमधुर कथा श्रवण कर रहे हैं मुख्य जजमान में शिवकुमार यादव, श्रीमती इंदिरा यादव पूरे विधि विधान से पूजा पाठ करके शुक्रवार को मंदिर प्रांगण में कृष्ण जन्मोत्सव और गोवर्धन पूजा सहित छप्पन भोग चढ़ा कर बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। मां महामाया माता चौरा समिति के समस्त कार्यकारिणी सदस्य एवं मोहल्लेवासी समस्त महिला समिति एवं समस्त विष्णु नगर बिलासपुर के संरक्षण में यह आयोजन किया गया है।

श्रीमद् भागवत महापुराण एक प्रमुख हिंदू धार्मिक ग्रंथ है। यह वैष्णव धर्म का महत्वपूर्ण ग्रंथ है और इसे भक्ति और ज्ञान का अद्वितीय स्रोत माना जाता है।

श्रीमद् भागवत महापुराण का महत्व…

भक्ति का मार्ग: श्रीमद् भागवत महापुराण भक्ति मार्ग का प्रमुख ग्रंथ है। इसमें भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की कथाओं के माध्यम से भक्ति और प्रेम का महत्व बताया गया है।

ज्ञान का भंडार…

यह ग्रंथ न केवल भक्ति बल्कि ज्ञान का भी भंडार है। इसमें तत्वज्ञान, सृष्टि विज्ञान, धर्म, कर्म, और मोक्ष जैसे विषयों पर भी विस्तृत चर्चा की गई है।

सांस्कृतिक धरोहर…

श्रीमद् भागवत महापुराण भारतीय संस्कृति और परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकी कथाएं और उपदेश पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों को प्रेरित करते आए हैं।

मानसिक शांति:

इस ग्रंथ का पाठ और श्रवण करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।

श्रीमद् भागवत महापुराण का अध्ययन करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें…

सही समय: इस ग्रंथ का अध्ययन करने के लिए शुभ मुहूर्त और समय का विचार करना चाहिए।
पवित्रता: अध्ययन से पहले शारीरिक और मानसिक पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।
श्रद्धा: श्रीमद् भागवत महापुराण के प्रति पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखना चाहिए।
नियमित पाठ: नियमित रूप से इस ग्रंथ का पाठ करना चाहिए।
समझना: कथा को केवल पढ़ना नहीं चाहिए, बल्कि उसके अर्थ और भाव को भी समझना चाहिए।
श्रीमद् भागवत महापुराण का अध्ययन एक आध्यात्मिक यात्रा है, जो हमें भक्ति, ज्ञान, और शांति की ओर ले जाती है।