हरी चटनी पर कार्रवाई से वाहवाही तो लूट ली पर रसूखदारों के अवैध निर्माण पर कब चलेगा बुल्डोजर… निगम इंजीनियर, अधिकारियों की शह पर बिना अनुमति तन गए 3 मंजिला दुकान… निगम खेल रहा सिर्फ नोटिस का खेल…
बिलासपुर, दिसंबर, 07/ 2022
शहर के उसलापुर रोड पर सरकारी जमीन पर बनाए गए हरी चटनी रेस्टोरेंट पर निगम कमिश्नर के आदेश के बाद अवैध निर्माण को तोड़ दिया गया ये कार्यवाई जायज भी है पर एक पक्षीय कार्रवाई का आरोप भी निगम पर लग रहे है। क्योंकि ऐसे बहुत से अवैध निर्माण शहर भर में है जो रसूखदारों के है जिन पर शिकायत के बाद आज तक कोई कार्यवाई नहीं की गई है।
नगर निगम में नए कमिश्नर वासु जैन के आने के बाद निगम ने अवैध निर्माण और ठेले खुमचे पर कार्रवाई तो करना शुरू कर दिया है पर इस कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे है क्योंकि निगम की कार्यवाही पर हमेशा से प्रश्नचिन्ह लगता आया है आखिर लगे भी क्योंना हमेशा चेहरा देख कार्रवाई होती रही है। हमेशा छोटे मोटे लोगो पर कार्रवाई कर निगम वाहवाही तो लूट लेता है पर रसूखदार और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोगो पर कार्रवाई करने से हाथ कांपते है। शिकायत मिलने पर भी इन पर कार्यवाही नही होती सिर्फ नोटिस नोटिस का खेल खेला जाता है पर कार्यवाईं शून्य ही रहती है।
शहर में लंबे समय से जगह जगह अवैध निर्माण हो रहा है। निगम से बिना अनुमति लिए नियमों को ताक पर रख कर व्यावसायिक निर्माण किया जा रहा। ऐसा भी नहीं है कि इनकी जानकारी निगम को नहीं हो पर मिलीभगत के बिना ये संभव भी नहीं है कि मुख्य मार्ग में 3/4 मंजिला दूकान यूँही तन जाए सब जान कर निगम तमाशबीन बना हुआ है।क्योंकि अधिकारियों को शिकायत मिलने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती जबकि गोल बाजार जैसे मुख्य बाजार में रसूखदारों व्यापारियों ने निगम की दुकानों को तोड़ कर नई 3/4 मंजिल का निर्माण कराया गया है जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है और देखते ही देखते निर्माण पूरा हो गया है निगम ऐसे रसूखदारों को सिर्फ नोटिस भेज कर खानापूर्ति कर ली।
नगर निगम की शह पर बेख़ौप हो कर धड़ल्ले से अवैध निर्माण किया गया है। बिना अनुमति और बिना नक्शे के निगम के अधिकारियों के संरक्षण में अवैध निर्माण किया जा रहा है । तमाम शिकायतो के बाद भी निगम के जिम्मेदार मौन है । निगम के अधिकारी अपनी जबाबदेही से बचने के लिए एक दूसरे के ऊपर जबाबदेही डाल कर अपना पल्ला झाड़ रहे है । बाजार शाखा से लेकर भवन निर्माण शाखा और ज़ोन के कमिश्नर तक इन अवैध निर्माण पर रोक लगाने के अक्षम साबित हो रहे है। निगम के जिम्मेदारों ने भी माना है कि गोल बाजार में हुए निर्माण कार्य अवैध है और बिना अनुमति के कराये गए निर्माण के लिए कारोबारियों को नोटिस भी जारी कर दिया गया था। लेकिन महीनो गुजरने के बाद भी कोई कार्यवाई नही की गई। कही न कही ये साफ इंगित होता है कि निगम की मिलीभगत के कारण ही गोल बाजार में बिना नियमो और सुरक्षा के इन बहुमंजिला दुकानों का निर्माण किया जा रहा है । और नोटिस -नोटिस के खेल में इन दुकानों के पूर्ण निर्माण का इंतजार कर मौन सहमति निगम के जिम्मेदार दे कर इन अवैध निर्माण करा कारोबारियों को संरक्षण दे रहे है।
नियम विरुद्ध बनी दुकानें….
नगर निगम में यह नियम है कि निगम की आवंटित कोई भी दुकानों के मूलस्वरूप को तोड़कर नया निर्माण नहीं किया जा सकता बस उस पर मरम्मत किया जा सकता है पर गोल बाजार में नियम विरुद्ध निगम की दुकानों को तोड़ कर 3/4 मंजिल की दुकानों का निर्माण किया जा रहा है। बडा सवाल ये है कि क्या गोल बाजार जैसे व्यस्ततम इलाको में चल रहे इन अवैध निर्माण पर अधिकारियों की नजर नही पड़ी या देखकर भी अंजान बने हुए है निगम के अधिकारी ?
सवाल ये भी है नोटिस जारी किए महीनो गुजर गए इसके बाद भी आज तक इन पर कार्यवाही करने से क्यो परहेज कर रहा है निगम अमला ? और यदि नोटिस जारी किया गया है तो नोटिस की कापी और नाम क्यो छिपा रहे है अधिकारी ? अब देखना होगा कि निगम कब इन अवैध निर्माण पर कार्यवाही करती है या फिर बेरोकटोक ऐसे ही शहर भर में अवैध निर्माण यूँही होता रहेगा।
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