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अस्वीकृत घाटों से रेत का अवैध उत्खनन कर रहे रेत चोर… बिना रायल्टी निकल रही रेत… लगाम कसने में विभाग नाकाम… शासन को हो रहा राजस्व का नुकसान…

बिलासपुर // जिले के अस्वीकृत घाटों में अवैध रेत उत्खनन करने वाले रेत चोर भय मुक्त हो गए हैं और वे खुलेआम अवैध रेत उत्खनन कर परिवहन कर रहे हैं। लॉकडाउन के समय से अवैध रेत उत्खनन करने वालों के हौसले बुलंद होते गए और वे जिले के नदी, नालों, घाटो, तालाबों से उत्खनन कर अवैध परिवहन एवं भंडारण का कार्य कर रहे हैं। यह सभी कार्य स्थानीय प्रशासन एवं खनिज विभाग के संरक्षण के बिना संभव नही है। हालांकि समय समय पर खनिज विभाग कार्यवाही करता जरूर है पर बावजूद इसके रेत चोरों द्वारा रेत उत्खनन का कार्य जोर शोर से लगातार जारी है और ऊंचे दरों पर खुलेआम बेच रहे हैं। अवैध गौण उत्खनन से शासन प्रशासन को लाखों, करोड़ों रुपयों का राजस्व का नुकसान हो रहा है। जबकि करोड़ों रूपए रायल्टी के रूप में अवैध खनिज से प्राप्त होते रहे हैं परन्तु अवैध कारोबारियों की वजह से करोड़ों रूपयों का नुकसान शासन को हो चुका है और वर्तमान में हो रहा है।

अस्वीकृत घाट से हो रही रेत चोरी…

शहर से लगे ग्राम निरतू और सेंदरी रेत घाट अभी तक प्रशासन ने रेत उत्खनन के लिए स्वीकृति नही दी है। बावजूद इसके इन घाटों से खुलेआम अवैध रेत उत्खनन कर परिवहन किया जा रहा है इसी तरह जिले के अन्य घाट जो अब तक स्वीकृत नही किये गए है वहां भी नदी से रात और सुबह सुबह धड़ल्ले से अवैध गौण खनिज उत्खनन किया जा रहा है और अवैध रेत उत्खनन करने वाले रेत चोर मालामाल हो रहे हैं।

विभाग के पास अमले की कमी…

खनिज विभाग सहित संबंधित विभाग के पास अमले की कमी होने के कारण लगातार कार्यवाही नहीं हो पाती जिसकी वजह से माफियाओं के हौसले बुलंद हो गए है। रेत अब सोने से भी बढ़कर हो गया है। बिलासपुर जिले में सिर्फ 18 घाटों को मंजूरी है जबकि 25 से ज्यादा घाटों पर रेत उत्खनन प्रतिबंध है उसके बावजूद क्षेत्र में मशीन लगाकर अवैध उत्खनन का कार्य तेजी से हो रहा है। अवैध रूप से रेत की चोरी की जा रही है। रेत माफिया इस कदर हावी हो गए हैं कि उन्हें शासन प्रशासन सहित पुलिस प्रशासन का खौफ भी नहीं है अब तो वे स्पष्ट रूप से कहने लगे हैं कि स्थानीय प्रशासन सहित आला अधिकारियों की वे जेबे गर्म करते हैं उनके खिलाफ में कार्यवाही संभव नहीं है जिन्हें जो करना है कर लें इस तरह का कथन रेत चोर कहने लगे हैं।

राजनैतिक व शराब माफिया भी सक्रिय…

क्षेत्र में खनिज चोर पूर्णरूप से सक्रिय हो गए हैं और धड़ल्ले से रेत, मुरूम जैसे गौण खनिजों की जमकर चोरी और तस्करी कर रहे है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के नदी घाटों में रेत की चोरी बड़े पैमाने पर हो रही है। शुध्द मुनाफा का धंधा होने के कारण रेत ठेकेदारों के अलावा शराब माफिया और राजनैतिक पार्टी से जुड़े लोग भी इसमें सक्रिय हो गए हैं।

बिना रायल्टी निकाल रहे रेत…

मौजूदा समय में निरतू व सेंदरी घाट से रेत का अवैध उत्खनन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। जहां ठेकेदार बिना रायल्टी पर्ची के ही रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं और ऊंचे दाम पर बेच रहे हैं। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद सत्ताधारी नेता रेत खनन में सक्रिय हो गए हैं। रेत ठेकेदार बेखौफ होकर रेत उत्खनन कर रहे हैं। खनिज विभाग को रायल्टी नहीं पटा रहे हैं। प्रतिदिन बड़ी संख्या में ट्रक, ट्रेक्टर, हाइवा गाड़ी के जरिए रेत भरकर बेचा जा रहा है जिसके कारण प्रदेश शासन को काफी राजस्व नुकसान हो रहा है।

रेत ठेकेदार खुद की पर्ची छपवा कर दे रहे टोकन…

निरतू व सेंदरी घाट में रेत उत्खनन के कार्य मे लगे ट्रेक्टर, हाइवा को ठेकेदार द्वारा खुद की पर्ची छपवा कर टोकन बांटा जा रहा है इस पर्ची में गाड़ी मालिक का नाम और रेट लिखा होता है पर गाड़ी का नंबर नही होता। पैसे देने के बाद टोकन दिया जाता है जिसके बाद गाड़ी घाट के अंदर जाकर रेत निकाल कर परिवहन किया जाता है।

इस पूरे मामले में जिले के खनिज अधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि ” रेत के अवैध उत्खनन पर लगातार कार्यवाही की जा रही है 2/3 दिनों में 10 से ज्यादा गाड़ियों को पकड़ कर कार्यवाही की गई है, जहां की भी शिकायत मिलती है हम तत्काल अमला भेज कार्यवाही करते है, निरतू और सेंदरी घाट स्वीकृत नही है वहां आसपास अवैध उत्खनन होते रहते है, और वहां लगातार कार्यवाही करते है अभी भी अगर हो रहा होगा तो कार्यवाही तत्काल की जाएगी “

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