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डॉक्टर साहब मेरे पति को घर से निकलने में लगते हैं तीन घंटे …. अब आप ही करें समाधान कोरोना कॉल में मानसिक तनाव के बढ़ रहे मरीज …

बिलासपुर // डॉक्टर साबह मैं पेंड्रा से बोल रही हूं। मैं अपने पति की बीमारी से बहुत परेशान हूं। मेरे पति को यदि घर से बाहर जाना होता है तो उन्हें बाहर निकलने तक में तीन घंटे का समय लग जाता है। उनकी मानसिक बीमारी काफी बढ़ गई है। वह घर से लेकर बाहर रास्ते में जहां कहीं भी मंदिर या भगवान की प्रतिमा को देखते हैं पूजा-पाठ करने लग जाते हैं। सब्जी लेने बाजार भी जाते हैं तो तब लौटते हैं जब सारा खाना बन जाता है। कुछ बताइए कोरोना के चलते मैं पति को लेकर हॉस्पिटल भी नहीं जा पा रही हूं ।

इस प्रकरण में स्पर्श क्लिनिक के माध्यम से राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी के मनोरोग चिकित्सक डॉ. मल्लिकार्जुन राव ने महिला को बताया कि इस बीमारी को ओसीडी यानि ऑबसेसिव कम्पलसिव डिसॉर्डर कहते हैं। उन्होंने फोन पर ही महिला के पति (ओसीडी से पीड़ित व्यक्ति) से बात की। उन्होंने उनकी पूरी मनोदशा को समझा और इसके बाद महिला को दवा और उपचार के बारे में बताया। समय पर सही इलाज व दवा लेने से अब वह व्यक्ति ठीक हो चुका है और दूसरी बार उसका कॉल नहीं आया।
डॉ. मल्लिकार्जुन ने बताया कि कोरोना के चलते सामान्य सर्दी खांसी और वायरल इंफेक्शन के मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं। जो लोग अस्पताल जा भी रहे हैं उन्हें कोविड-19 के संक्रमण का खतरा सताता है या फिर डॉक्टर उन्हें दूर से देखकर ही दवा दे दे रहे हैं। ऐसे में लोग मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं। इसमें सबसे अधिक परेशानी मानसिक बीमारी से ग्रसित लोगों को हो रही है। उनकी बीमारी बढ़ने से परिजन भी परेशान हो रहे हैं।

ऐसे में टेलीमेडिसिन सुविधा एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरी है जिसपर लोग अपनी समस्या का निदान पा रहे हैं। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए लोगों को टोलफ्री नंबर 104 पर कॉल करना पड़ता है तत्पश्चात विशेषज्ञों द्वारा उनको परामर्श दिया जाता है। इसी सुविधा के अंतर्गत राज्य मेंटल हॉस्पिटल सेंदरी बिलासपुर के मनोरोग चिकित्सक भी स्पर्श क्लिनिक के माध्यम से परामर्श दे रहे हैं।

यहां के मनोरोग चिकित्सक डॉ. मल्लिकार्जुन राव की बेहतर सलाह और उपचार से राज्य ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत के लोग लाभान्वित हो रहे हैं। हॉस्पिटल की इस पहल से कई लोगों की जान भी बची है।
इसी तरह दूसरा कॉल गुड़गांव से आया था। इसमें संबंधित व्यक्ति इतना अधिक डिप्रेस हो गया था कि वह ऑत्महत्या जैसा कदम उठाने के बारे में सोचता था। डॉ. मल्लिकार्जुन ने वीडियो कॉल में लेकर उस व्यक्ति का उपचार किया और अब वह पूरी तरह से ठीक है। इस तरह के कॉल हर दिन 104 के माध्यम से उनके पास आते हैं और वह लोगों को सही सलाह देकर उनकी मानसिक बीमारी का इलाज कर रहे हैं।
कोरोना वारियर्स के लिए चलाया ऑनलाइन प्रोग्राम
कोविड-19 महामारी को रोकने लिए सीएचसी और पीएचसी में काम कर रहे हेल्थ स्टॉफ और पुलिस कर्मियों के लिए भी राज्य मानसिक चिकित्सालय ने एक-एक दिन का ऑनलाइन प्रोग्राम चलाया। इसके माध्यम से यहां के एक्सपर्ट ने सभी कोरोना वारियर्स को प्रेरित कर मानसिक तनाव कम करने के उपायों के बारे में बताया।

सेंदरी बिलासपुर के राज्य मानसिक चिकत्सालय में चिकित्साधीक्षक पद पर तैनात डॉ. बीआर नंदा ने बताया कि राज्य मानसिक चिकत्सालय के स्पर्श क्लीनिक द्वारा मानसिक तनाव दूर करने के लिए लोगों को ऑनलाइन परामर्श दिया जा रहा है। लोग 104 पर कॉल करके इसका लाभ उठा सकते हैं।

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