बिलासपुर // एक पुरानी फ़िल्म का गाना था पैसा फेक तमाशा देख उस गाने को चरितार्थ करते नजर आ रहे है शहर के एक थानेदार।
बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे ने गृहमंत्री के सामने तारबाहर थाने के वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम में थानों में रेट लिस्ट होने की बात कही थी उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा था कि थानों में बिना पैसों के कोई काम नही होता कोई एफआईआर बिना लेन देन के नही लिखी जाती, हर काम के लिए थानों में रेट तय है इसलिए थानों में रेट लिस्ट टांग देनी चाहिए। विधायक का ये कथन अब सच होते नजर आ रहा है क्योंकिं शहर के एक थाने में टीआई द्वारा एफआईआर लिखने के नाम 1 लाख रु. की मांग की गई है, पीड़ित द्वारा रिश्वत ना देने पर टीआई 6 महीनों से उसे थानों के चक्कर लगवा रहे है थक हार कर पीड़ित व्यक्ति अब उच्च अधिकारियों से शिकायत करने की बात कह रहा है।
आपको बतादे की पीड़ित व्यक्ति द्वारा अपने बचपन के एक मित्र को पैसों की दिक्कत होने पर उसे 18 लाख रुपए बैंक से लोन लेकर 2 साल पहले उधार दिए थे। जिसे 6 महीनों में वापस करने की बात कही थी पर 2 साल गुजरने के बाद भी प्रार्थी को रकम वापस नही मिली और उधार लेने वाला उसे रोज नए नए बहाने बना रहा। थक हार कर प्रार्थी ने थाने की शरण ली और थाने में लिखित शिकायत की लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी पीड़ित की रिपोर्ट नही लिखी जा रही, पीड़ित ने आरोप लगाया है कि टीआई द्वारा एफआईआर दर्ज करने की एवज में 1 लाख रु. की मांग की जा रही है। प्रार्थी का कहना हैं की मैंने लोन ले कर पैसे दिए है जिसकी क़िस्त मुझे भरनी पड़ रही है ऐसे में मैं कहा से 1 लाख की रिश्वत दे पाऊंगा मेरी कोई बात थाने में नही सुनी जा रही है मैं अपने पैसों के लिए भटक रहा हु, टीआई मदद करने के बजाय मुझसे ही पैसों की मांग रहे है। पैसे नही देने पर काम नही होने की बात कर रहे है।
डीजीपी के आदेश के बाद भी कई थाना क्षेत्रों में अवैध शराब , सट्टा ,जुआ, गांजा का काला कारोबार खाकी के संरक्षण में खूब फल फूल रहा है । शायद इसी कारण प्रदेश के गृहमंत्री को जिले के पुलिस कप्तान की मौजूदगी में कांग्रेसी विधायक ने रेट लिस्ट तय करने की बात कह थाने में ही बम फोड़ दिया था । बिलासपुर के विधायक द्वारा फोड़ा गया बम की आवाज आज भी उस वक्त सुनाई दी जब कांग्रेस सरकार की नाकामी गिनाने आये पूर्व मुख्यमंत्री ने थानों में तय रेट लिस्ट कहने वाले इस विधायक के साहस की तारीफ में कसीदे पढ़ दिए ।
पुलिस के ऐसी हरकतों की वजह से जनता के बीच पुलिस की छबि लगातार खराब होती जा रही है । थानेदारों की गलती के कारण एसपी से लेकर प्रदेश के डीजीपी को उच्चन्यायल में जबाब देने के लिए खड़ा होना पड़ रहा है । ऐसे में जिले में पदस्थ पुलिस के बड़े अधिकारियों को सभी थानेदारों को अपने थाना क्षेत्र में अवैध कारोबार में अंकुश लगाने की सख्त हिदायत देने के साथ साथ रेट तय कर आधारविहीन, झूठी और दबाब में कई गई शिकायतो पर किसी निर्दोष को फंसाने और असली गुनाहगारो को बचाने के लिए मामलो को लंबित रखने वाले वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की जरूरत है ताकि खाकी को पुलिस व्यवस्था को लेकर कोर्ट के सामने शर्मिंदा न होना पड़े और असली फरियादी को उचित इंसाफ मिल सके।
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