भूमाफिया एवं राजस्व अधिकारियों ने मिली भगत कर तालाब का कर दिया मद परिवर्तित ,, भूमाफियाओं एवं पटवारियों को नही है न्यायालय का डर,, पटवारी करते है डंके की चोट पर काम ,,

बिलासपुर // बिलासपुर के तोरवा क्षेत्र में एक तालाब को भूमाफिया द्वारा पाट कर उस पर कब्जा कर लिया गया है और उस पर अब गोदाम बना कर उसका उपयोग किया जा रहा है, साथ ही खाली जमीन पर खेती भी की जा रही है,साथ ही तालाब की जमीन को पाट कर समतल कर उस पर बाउंड्रीवाल कर गेट लगा दिया गया है भूमाफिया द्वारा इस तालाब का मद परिवर्तित भी करा लिया गया है और यह राजस्व अधिकारीयों और पटवारी की मिलीभगत के बिना संभव नही है , मद परिवर्तन में नगर निगम और कलेक्टर न्यायालय द्वारा भी नियमो और प्रावधानों का जरा भी ख्याल नही रखा गया है। और इसे एक निजी व्यक्ति विशेष के नाम पर मद परिवर्तन की अनुमति भी दे दी गयी ।

तोरवा क्षेत्र का 2 एकड़ का तालाब जिसका खसरा न. 1320/1 रकबा 0.817 हेक्टेयर मिसल है बंदोबस्त वर्ष 1929-32 में लगभग 3.40 एकड़ पानी के नीचे दर्ज है। साथ ही सिंचाई एवं पानी के अन्य अधिकार के लिए तालाब बताया गया है। राजस्व रिकार्ड में दर्ज है कि यह तालाब से आसपास के क्षेत्र के लोगो का निस्तारी होता है। साथ ही इस भूमि से लगी खसरा न. 1319 और 1321 कि भूमि चारागाह मद में दर्ज होकर छत्तीसगढ़ शासन की भूमि है। इसके साथ ही तालाब की भूमि विस्तार पत्रक में तालाब के रूप में दर्ज है जिस पर शासन का नियंत्रण होता है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश दरकिनार कर किया गया मद परिवर्तन ...

सुप्रीम कोर्ट ने खास तौर पर आदेश जारी किया है कि कोई भी तालाब, नदी, नाले या निस्तारी संसाधनों का किसी भी प्रकार से मद परिवर्तन नही हो सकता है । तालाब की भूमि को किसी अन्य प्रयोजन में नही लाया जा सकता ना ही उसका समतलीकरण करते हुए मद परिवर्तन भी नही किया जा सकता । कोर्ट ने कहा है कि तालाब, पोखर , जंगल, पठार, पहाड़, आदि समाज के बहुमूल्य है और इसका संरक्षण पर्यावरण के लिये बेहद जरूरी है । निर्देश है कि तालाब को मूल रूप में ही रखे ।

2015 में दर्ज तालाब का 2008/ 09 में कैसे हो गया मद परिवर्तन ...

अतिरिक्त कलेक्टर की कोर्ट में 2008/09 में इस तालाब को पाटने और इसका मद परिवर्तन करने आवेदन किया था। उस वक़्त के तत्कालीन एडीएम पीएस एल्मा ने मद को परिवर्तित कर दिया था उनका कहना था कि इस तालाब को लेकर निगम को कोई भी आपत्ति नही है,साथ ही 2.02 एकड़ तालाब वर्तमान में समतल भूमि और पड़त है। बड़ी बात यह है कि जिस निजी व्यक्ति के नाम पर मद परिवर्तन करते हुए तालाब को दर्ज किया गया है उसने 2015 में स्वयं स्वीकारा है कि यह तालाब है । आखिर ये समझ के परे है कि जो 2015 तक तालाब है तो 2008 /09 में इसका मद कैसे परिवर्तन कर दिया गया ।

तालाब का 2015 तक आसपास के क्षेत्र के लोग पेयजल और निस्तारी के लिए उपयोग किया करते थे 2016 में उसे पाट दिया गया और खेती की जाने लगी ,जिससे गाँव के लोगो के सामने पानी का संकट खड़ा हो गया। स्थानीय लोगो का कहनाहै की देवरीखुर्द एरिये में पानी का संकट इस तालाब के पतन के बाद ही हुआ है , हालांकि 19 अक्टूबर 2019 को संभागयुक्त ने एडिशनल कलेक्टर के आदेश को स्थगित करते हुए यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिया है ।

Lokesh war waghmare - Founder/ Editor

Next Post

निगम द्वारा बेदखल किये गए परिवारों की महिलाओं के साथ हो रही छेड़खानी व मारपीट ,, आईजी से न्याय की गुहार लगाने पहुंची महिलाएं ,,

Fri Jun 26 , 2020
अरपा किनारे तिलक नगर से बेदखल हुए परिवारों को अब असामाजिक तत्वों द्वारा की जा रही मारपीट और महिलाओं के साथ छेड़खानी भी झेलनी पड़ रही ,, पुलिस महानिरीक्षक के दरवाजे अपना दुखड़ा रोने और न्याय मांगने पहुंची महिलाएं ,, कई तरह की दिक्कतें और परेशानियां झेलनी पड़ रही है […]

You May Like

Breaking News