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एनटीपीसी के राखड़ डैम से दर्जनों गांव प्रभावित… उड़ती राख से नारकीय जीवन जीने को मजबूर ग्रामीण महिलाओं ने घेरा कलेक्टोरेट…

एनटीपीसी के राखड़ डैम से दर्जनों गांव प्रभावित… उड़ती राख से नारकीय जीवन जीने को मजबूर ग्रामीण महिलाओं ने घेरा कलेक्टोरेट…

बिलासपुर, जून, 03/2022

सीपत एनटीपीसी के राखड डेम से उड़ने वाली जहरीली राखड़ से आस पास के दर्जनों गांव के ग्रामीण प्रभावित हो रहे है। उनका जन-जीवन अस्तव्यव हो गया है वे लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हो गए है। तेज हवा चलने से कई किलोमीटर तक राखड़ उड़ती है जिससे ग्रामीणों के घरों और खेतो में राखड़ ही राखड़ नजर आती है राखड़ की वजह से खेती की उपजाऊ जमीन भी बंजर हो रही है। इसके समाधान के लिए 20 से अधिक गांव के ग्रामीणों ने कई बार शासन प्रशासन से शिकायत की है लेकिन आज तक इसका निराकारण नही हो सका है।

राखड़ से परेशान 20 गांव के ग्रामीण महिलाओं ने शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया घंटो तक वहां नारेबाजी की गई। जहां उन्होने अपनी पीड़ा बताते हुए एनटीपीसी के खिलाफ घंटो जमकर नारेबाजी की। साथ ही जिला प्रशासन को हफ्ते भर का अल्टीमेटम देते हुए कहा की जल्द ही राखङ डेम बंद नहीं किया गया तो महिलाएं कलेक्ट्रेट के सामने ही आत्मदाह कर लेंगी।

कलेक्टर कार्यालय के मंथन कक्ष में मंत्री टीएस सिंहदेव आज विभागीय समीक्षा मीटिंग ले रहे थे। महिलाओं के द्वारा घेराव की सूचना मिलने पर वें बैठक छोड़ बाहर आए और ग्रामीण महिलाओं से मिलकर उनकी समस्या का जल्द समाधान करने की बात कही।

तीन राखड़ डैम जिनसे उड़ती है जहरीली राख…

एनटीपीसी सीपत के आश्रित ग्राम रॉक, रलिया, और सुखरी पाली के लगभग दो सौ एकड़ में तीन राखड़ डैम बनाया गया है। इन डैमो से उड़ने वाली राखड़ से रॉक, रलिया, हरदादिह, भिलाई, गतौरा, सुखरीपाली, कौड़िया, देवरी,एरमशाही, मुड़पार, सहित दर्जनों गांव के लोगो का नारकीय जीवन जी रहे है। थोड़ी सी तेज हवा मे ही राखड़ उड़ने लगती है जिसका धुंध की वजह से कुछ दूरी पर से देखना मुश्किल हो जाता है।

मस्तूरी तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन…

गुरुवार को भी ग्रामीणों ने मस्तूरी तहसीलदार अतुल वैष्णव को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की है। गांव वालों ने अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर जल्द से जल्द से समस्या का समाधान नही किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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Lokesh war waghmare - Founder/ Editor

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