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कोरोना के कहर से पूरी दुनिया जूझ रही…पर वुहान में लॉकडाउन खत्म होने का जश्न खरगोश, बत्तख, कुत्ते,बिल्ली समेत कई जीवों का मांस खाकर मनाया जा रहा…चीन के बेहद गंदे मीट मार्केट में चमगादड़ों की बिक्री फिर से शुरु…

चीन(वुहान) में लॉकडाउन खत्म होते ही चीनियों ने दावत शुरू कर दी, जीत के जश्न में खरगोश, बत्तख, कुत्ते,बिल्ली समेत कई जीवों की फिर जान पर बन आई !लॉक डाउन खत्म होते ही चीनी लोगों की आदते फिर पहले जैसे नज़र आ रही है! कोरोना संक्रमण फैलते ही चीनियों ने सभी प्रकार के मांस से किनारा कर लिया था! लेकिन अब वे फिर से पुराना स्वाद चख रहे है,इस जीत पर चीन में इन दिनों जश्न मनाया जा रहा है जिसमें उन बेजुबान जानवरों के मांस का दोबारा सेवन शुरू कर दिया गया है ! जिनके चलते उस पर वायरस के प्रसार के आरोप लगे हैं।

एक तरफ़ पूरी दुनिया कोरोना वायरस की वजह से वैश्विक महामारी के कहर से जूझ रही है तो दूसरी तरफ़ चीन में इस महामारी पर जीत का जश्‍न खरगोश और बत्‍तख का मांस खाकर मनाया गया। यही नहीं एक बार फिर से चीन में चमगादड़ों की बिक्री धड़ल्‍ले से शुरू हो गई है। यह वही चीन है जिसके वुहान शहर से महामारी दुनियाभर में फैल गई। माना जाता है कि पैंगोलिन से चमगादड़ के रास्‍ते वायरस इंसान के शरीर में प्रवेश कर गया। चीन में महामारी पर ‘जीत’ का जश्‍न मनाया गया। इस दौरान कुत्‍ते, बिल्‍ली, खरगोश और बत्‍तख के खून से घरों की छतें लाल हो गईं। हर तरफ मरे हुए जानवरों के अवशेष नजर आए। इस जश्‍न के लिए चीन में बेहद गंदे मीट मार्केट को फिर से खोल दिया गया। तीन महीने पहले वुहान में इसी तरह के एक मीट मार्केट से वायरस इंसानों में फैल गया था। चीन की इस गलती का खामियाजा आज पूरी दुनिया के लोग भुगत रहे हैं। चीन में वुहान के गुइलिन क्षेत्र के भीतर पहले सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं रहते थे। लेकिन अब यहां की तस्वीरें लेने से रोकने के लिए सुरक्षाकर्मी चौबीसों घंटे तैनात रहने लगे हैं। यहां इस बात का प्रचार किया जा रहा है कि कोरोना वायरस अब दूसरे देशों की समस्या है। चीनियों को इससे चिंतित होने की जरूरत नहीं।

डेली मेल की खबर के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम चीन में गुइलिन इलाके के भीतर हजारों लोग दोबारा मीट मार्केट में पहुंचे और वहां खुले में बिक रहे मांस और जिंदा जानवरों को खरीदा। चीन में लॉकडाउन हटने के बाद यहां की मंडी में कई प्रजातियों के पशु-पक्षी रखे देखे गए। सरकार भी लोगों को रोजमर्रा की तरह बाजार जाकर सामान्य जीवन जीने को प्रोत्साहित कर रही है ताकि अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ सके।

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