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जलप्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे प्रभारी सचिव, गोधन न्याय योजना की प्रगति की ली जानकारी … प्रभावितों से मिले, कहा अतिवृष्टि से हुए नुकसान का किया है सर्वे, अधिकारियों को नियमानुसार राहत देने के निर्देश दिए …

जलप्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे प्रभारी सचिव, गोधन न्याय योजना की प्रगति की ली जानकारी …

प्रभावितों से मिले, कहा अतिवृष्टि से हुए नुकसान का किया है सर्वे, अधिकारियों को नियमानुसार राहत देने के निर्देश दिए …

दुर्ग // जिले के प्रभारी सचिव एवं मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी ने आज बीते 3 दिनों में हुई बारिश के चलते जल प्रभावित क्षेत्रों का अवलोकन किया। सचिव परदेसी ने इन क्षेत्रों में राहत शिविरों में ठहराये गए लोगों की व्यवस्था का निरीक्षण किया। साथ ही अतिवृष्टि के चलते संपर्क से टूट गए क्षेत्र का निरीक्षण भी किया सिद्धार्थ परदेसी ने प्रशासनिक अधिकारियों से अतिवृष्टि से प्रभावित फसल, जान माल एवं अन्य तरह की क्षति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आपदा राहत से संबंधित प्रकरण शीघ्र तैयार कर पीड़ितों को राहत दी जाए। उन्होंने कहा कि जिन स्थलों में एहतियातन लोगों को पृथक किया गया है तथा जहां पर लोग आपदा के चलते राहत शिविर में रुके हुए हैं वहां इन लोगों की भोजन एवं बुनियादी सुविधाओं के इंतजाम पर पूरे समय नजर रखें। श्री परदेसी ने कुम्हारी स्थित राहत शिविर का निरीक्षण भी किया यहां पर 24 लोगों को रखा गया है। सचिव परदेसी ने उन्हें बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग लगातार सक्रिय है आपकी हर संभव मदद की जाएगी। इस मौके पर श्री परदेसी पाटन ब्लॉक के गौठान भी पहुंचे यहां पर उन्होंने पाहन्दा एवं खम्हरिया गौठान का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने स्व सहायता समूह की महिलाओं से चर्चा की। गौठान समिति के सदस्यों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सभी गौठानों में बड़ी मात्रा में गोबर का क्रय किया जा रहा है अब इनसे वर्मी कंपोस्ट बनाया जाएगा। वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन जितना अच्छा गुणवत्तापूर्ण और अधिक मात्रा में होगा। इससे समितियों की और स्व सहायता समूहों की उतनी ही अधिक आय होगी अतः इस कार्य को पूरी लगन के साथ करें। सचिव ने कहा कि जरूरत के मुताबिक अतिरिक्त वर्मी टैंकों का निर्माण भी कर ले। सचिव ने गौठान में व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी भी गौठान समिति के सदस्यों से ली। गौठान समिति के सदस्यों ने बताया कि नियमित रूप से पशु चिकित्सक यहां पर आते हैं और नस्ल सुधार आदि का कार्य किया जा रहा है। इस मौके पर कहा कि यदि गोबर का संग्रहण अधिक मात्रा में हो रहा है तो ऐसे गौठान में बायोगैस के लिए भी कार्य किया जा सकता है। श्री परदेसी ने गांव के लोगों से गोधन न्याय योजना के भुगतान से संबंधित जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि आप लोगों की सक्रियता से ही यह योजना सफल होगी।

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