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झीरम कांड – जांच आयोग की सुनवाई में कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष त्रिवेदी ने दर्ज कराया अपना बयान, महत्वपूर्ण 8 बिंदुओं पर आयोग का कराया ध्यानाकर्षण,

बिलासपुर / झीरम घाटी में हुए सबसे बड़े नक्सली हमले को लेकर जांच आयोग की सुनवाई अब तक जारी है जांच आयोग के समक्ष अब तक कई नेताओ के बयान दर्ज किए जा चुके है,बता दे कि झीरम घाटी नरसंहार मामले की जांच के लिए पूर्व सीएम रमन सिंह की भाजपा सरकार ने उच्च न्यायालय के जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता वाली जांच आयोग का गठन किया था, जिसकी सुनवाई जारी है इस दौरान आयोग के समक्ष शुक्रवार को कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने उपस्थित हो कर अपना बयान दर्ज कराया

आयोग के समक्ष दिए अपने शपथ पत्र में शैलेश त्रिवेदी ने घटना के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की है। इसके अलावा उन्होंने अपने बयान में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आयोग का ध्यान आकृष्ट कराया है।

आयोग के समक्ष दिए गए अपने बयान में त्रिवेदी ने जहां घटना की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की है तो वहीं जांच के लिए 8 नए बिंदुओं पर भी आयोग का ध्यान आकृष्ट कराया है। इसमें कहा गया है कि, 01 नवंबर 2012 में स्व. महेन्द्र कर्मा पर हुए हमले के पश्चात् क्या उनकी सुरक्षा की समीक्षा प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप के द्वारा की गई थी?

स्व. महेन्द्र कर्मा को नवंबर 2012 में उन पर हुए हमले के पश्चात उनके द्वारा मांगी गई अतिरिक्त सुरक्षा की मांग पर किस स्तर पर विचार निर्णय किया गया था और उस पर क्या कार्यवाही की गई थी?

गरियाबंद जिले में जुलाई 2011 में स्व. नंद कुमार पटेल के काफिले पर हुए हमले के पश्चात् क्या स्व. पटेल एवं उनके काफिले की सुरक्षा हेतु अतिरिक्त सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी और क्या उन अतिरिक्त सुरक्षा मानकों का पालन जीरम घाटी घटना के दौरान किया गया?

क्या राज्य में नक्सलियों के द्वारा पूर्व में किये गये बड़े हमलों को ध्यान में रखते हुए नक्सली इलाकों में यात्रा आदि हेतु किसी निर्धारित संख्या में या उससे भी अधिक बल प्रदाय करने के कोई दिशा-निर्देश थे? यदि हां तो उनका पालन किया गया? यदि नही तो क्या पूर्व के बड़े हमलों की समीक्षा कर कोई कदम उठाये गये?

नक्सल विरोधी आपरेशन में और विशेषकर टी.सी ओ.सी की अवधि के दौरान यूनिफाईड कमाण्ड किस तरह अपनी भूमिका निभाती थी? यूनिफाईड कमांड के अध्यक्ष के कर्तव्य क्या थे और यूनिफाईड कमाण्ड के तत्कालीन अध्यक्ष ने अपने उन कर्तव्यों का उपर्युक्त निर्वहन किया?

25 मई 2013 को बस्तर जिले में कुल कितना पुलिस बल मौजूद था? परिवर्तन यात्रा कार्यक्रम की अवधि में बस्तर जिले से पुलिस बल दूसरे जिलों में भेजा गया? यदि हां तो किस कारण से और किसके आदेश से? क्या इसके लिये सक्षम स्वीकृत प्राप्त की गई थी?

क्या नक्सली किसी बड़े आदमी को बंधक बनाने के पश्चात् उन्हें रिहा करने के बदले अपनी मांग मनवाने का प्रयास करते रहे हंै? नंद कुमार पटेल एवं उनके पुत्र के बंधक होने के समय ऐसा नहीं करने का कारण क्या था?

सुकमा के तत्कालीन कलेक्टर, अलेक्स पाल मेनन के अपहरण एवं रिहाई में किस तरह के समझौते नक्सलियों के साथ किये गये थे? क्या उनका कोई संबंध स्व. महेन्द्र कर्मा की सुरक्षा से था

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