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बालिका संप्रेक्षण गृह में रह रही HIV पॉजिटिव बहन के साथ मारपीट व बालिका गृह में प्रताड़ित करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने तथा बहन को अपने सुपुर्द करने की शासन से की मांग …

बिलासपुर // अमेरी स्थित अपना घर सेल्टर में रह रही HIV पॉजिटिव युवतियों को पिछले माह बालिका संप्रेक्षण गृह ले जाने की प्रक्रिया पर पीड़ित युवती के बड़ी बहन ने सवाल खड़े किया है । उन्होंने आरोप लगाया है कि अपना घर सेल्टर में रह रही बहन के साथ अन्य युवतियों को ले जाने के दौरान अमानवीय व्यवहार किया गया । इसके अलावा नूतन चौक स्थित बालिका गृह में युवतियों को जेल जैसे माहौल में रखा जा रहा है इतना ही नही यह पदस्थ महिला अधिकारी कर्मचारी इन्हें यातनाएं देते है, ऐसे अमानवीय कृत्य के खिलाफ HIV संक्रमित युवती की बहन ने गंभीर आरोप लगाते हुए उसे सुपुर्द करने की मांग की है ।

आपको बतादे की अमेरी में स्वयंसेवी संस्था द्वारा संचालित अपना घर नामक सेल्टर में दर्जन भर से अधिक HIV पॉजिटिव युवतियों को रखा गया था, महिला बाल विकास व सीडब्लूसी ने अनाधिकृत रूप से संचालित होने की वजह से सेल्टर का पंजीयन निरस्त होने के बाद यहां रह रही युवतियों को वहाँ से निकाला गया । 17 अगस्त को निकाली गयी युवतियों में से एक 17 वर्षीय HIV संक्रमित बालिका की बड़ी बहन ने बताया है कि जब उसे मालूम हुआ कि अपना घर से बच्चियों को जबरन निकाला गया है और उनके साथ मारपीट की गई है तो अपनी बहन का हालचाल जानने के लिये वह 22 अगस्त को सरकंडा स्थित बालिका गृह पहुंची। वहां बहन से नहीं मिलने दिया गया और बाल संरक्षण आयोग के पास जाने के लिये कहा गया। वहां मौजूद पार्वती नाम की महिला अधिकारी ने उसे दुत्कारा और कहा कि वहां तुमने अपनी जवान होती बेटी को क्यों छोड़ा वहां धर्म परिवर्तन का काम होता है तथा और भी गंदे काम होते हैं। महिला ने उसे दुत्कारते हुए भगा दिया। दुबारा वह बालिका गृह आकर किसी तरह से प्रार्थना कर अपनी बहन से मुलाकात कर सकी। उसे गेट पर दो तीन मिनट ही मिलने दिया। जब उसकी बात मां से कराना चाहा तो बालिका गृह में मौजूद महिला ने मोबाइल छीन लिया और काफी देर बाद वापस किया ।

शिकायतकर्ता महिला ने लिखा है कि वह और उसकी मां स्वयं भी एचआईवी संक्रमित हैं। वह ससुराल से प्रताड़ित हैं इसलिये वापस मां के पास आकर रहती है। अपना घर के बारे में जानकर वहां गई थी। वहां बच्चियों को देख-समझकर वहां का माहौल अच्छा देखकर पढ़ाई कराने के लिये छोड़ा था। बच्चियों की मर्जी के बगैर और हमे जानकारी दिये बिना उसे वहां से जबरन निकाल लिया गया और बालिका गृह में उन्हें अपराधियों की तरह कमरे में बंद करके रखा जा रहा है। वहां का माहौल जेल जैसा है। ऐसी स्थिति में उसके साथ कुछ अनहोनी होती है और इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

शिकायतकर्ता महिला ने अपनी बहन के साथ मारपीट व बालिका गृह में प्रताड़ित करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने तथा बहन को अपने सुपुर्द करने की मांग की है।

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