• Sat. Jul 27th, 2024

News look.in

नज़र हर खबर पर

भूपेश बघेल में दिखाई देता है काँग्रेस पार्टी का भविष्य – प्रकाशपुंज पांडेय

राजनीतिक विश्लेषक और समाजसेवी प्रकाशपुंज पांडेय ताज़ा राजनीतिक हालातों पर बेबाकी से अपनी राय रखते आए हैं। पिछले कुछ सालों से वे राष्ट्रीय और राज्य की राजनीति पर बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं और समय समय पर अपनी राय जाहिर करते रहते हैं। उन्होंने कहा है कि अब समय आ गया है कि काँग्रेस आला-कमान को अपनी देख – रेख में भूपेश बघेल जैसे तेज़ तर्रार नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर काँग्रेस पार्टी की ओर से बड़ी ज़िम्मेदारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि उनके इस तर्क के पीछे कुछ कारण हैं ।

जोश और होश का अचूक कॉम्बिनेशन है – भूपेश

भूपेश बघेल की छवि एक किसान नेता की बन गई है जो कि हमेशा किसानों की मांगो और उनके अधिकारों की लड़ाई के लिए संघर्ष करते नजर आते हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी द्वारा किए गए किसानों की ऋण माफी के वादे को भी उन्होंने सरकार बनते ही मुख्यमंत्री के तौर पर निभाया। तमाम विरोध और बाधाओं के बाद भी उन्होंने अपने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनाई और कांग्रेस ने इसी के प्रति-फल में उन्हें मुख्यमंत्री पद से नवाजा। वे होश और जोश दोनों से संगठन चला रहे थे और जब से सरकार बनी है तब से मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होने के बाद से वह जोश तो दिखाते ही हैं लेकिन साथ ही होश में भी काम करते हैं ताकि विरोधियों को उन पर या कांग्रेस पार्टी पर टिप्पणी करने का कोई भी मौका ना मिले।

अजीत जोगी को बैकफुट पर लाना भूपेश की उपलब्धि

छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री व राजनीति के माहिर खिलाड़ी अजीत जोगी को भी भूपेश बघेल ने अपने कार्यकाल में कांग्रेस से हटकर नई पार्टी बनाने के लिए मजबूर कर दिया। इतना ही नहीं, नई पार्टी बनने के बाद जब उस पार्टी की रफ्तार बढ़ रही थी तब धीरे-धीरे जोगी परिवार को छोड़कर उनके सभी निकटतम व्यक्तियों को भूपेश बघेल ने कांग्रेस ज्वाइन करवा दिया, जिससे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) पार्टी की कमर टूट गई। साथ ही छत्तीसगढ़ में जो एक तरफ़ा जोगी फैक्टर काम करता था, उसको भी निरस्त करने में भूपेश बघेल कामयाब रहे। इसलिए उनका कद राहुल गांधी के सामने और भी बढ़ गया। साथ ही कांग्रेस के संगठन में भी एक नई उर्जा का संचार हुआ और भूपेश बघेल बन गए कांग्रेस के फायर ब्रांड नेता।

डॉ. रमन सिंह से राजनीतिक रूप से लोहा लेना

15 साल के भाजपा शासन में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को सत्ता से बेदखल करने और उनसे हर राजनीतिक मोर्चे पर लोहा लेने के लिए भी भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ की राजनीति में हमेशा याद किया जाएगा। भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की वापसी कराई जो कि 15 साल से सत्ता विहीन थी और वापसी भी ऐसी कि 90 में से आज कांग्रेस के पास 69 सीटें हैं जो कि एक बहुत बड़ी और एक तरफ़ा उपलब्धि है, इसलिए भी कांग्रेस पार्टी में भूपेश बघेल का ग्राफ़ बहुत बढ़ गया है। पिछले 10 महीनों में भी मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता, अपनी मर्यादा और अपने संयम व विवेक का परिचय देते हुए विरोधियों को हर मोर्चे पर पस्त किया है।

किसानो के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरना भूपेश का मास्टर स्ट्रोक

₹2500 समर्थन मूल्य देने के बाद किसानों की ऋण माफी और उनकी जमीनें वापस करने के साथ ही रुपए 2500 में धान की खरीदी के लिए भूपेश बघेल ने जिस प्रकार से केंद्र सरकार को घेरा है, वह बेहद ही रोचक है। अभी हाल ही में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में किसानों के मुद्दे पर चर्चा हुई जिसमें भारतीय जनता पार्टी के नेताओं व सांसदों ने इस बैठक को बायकॉट किया। अब इसी को देखते हुए आगामी 13 नवंबर को तकरीबन 20000 से 25000 किसान 600 से 700 गाड़ियों में सवार होकर चार प्रदेशों की यात्रा करते हुए दिल्ली कूच कर रहे हैं। इससे यह साफ जाहिर होता है कि भूपेश बघेल शांत बैठने वाले नेताओं में से नहीं हैं। उन्होंने मोदी सरकार की नाक में दम कर के रखा है। साथ ही 4 प्रदेशों की यात्रा करते हुए जब वे दिल्ली कूच करेंगे तब इससे किसानों और आम लोगों में उनकी इज़्ज़त और बढ़ेगी और राष्ट्रीय स्तर पर भी एक बहुत बड़ा संदेश जाएगा जिससे कि भूपेश बघेल का ग्राफ़ बढ़ता है। भूपेश बघेल का ग्राफ़ बढ़ने का साफ-साफ मतलब है कांग्रेस पार्टी का ग्राफ़ बढ़ना।

यह कुछ कारण है जिनका जिक्र करते हुए राजनीतिक विश्लेषक प्रकाशपुंज पांडेय ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के पास यह स्वर्णिम अवसर है जिससे वह भूपेश बघेल जैसे तेज़ तर्रार नेताओं को न सिर्फ राज्य बल्कि केंद्र में भी एक बड़ी ज़िम्मेदारी दे सकते हैं जिससे कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी का नाम, कद और काम बढ़े और कार्यकर्ताओं में भी एक नई ऊर्जा का संचार हो। ज्ञात हो कि हाल ही में भूपेश बघेल ने महाराष्ट्र विधानसभा के दौरान जितनी भी सभाएँ की थीं वहां वहां कांग्रेस पार्टी विजयी हुई है। यह भी एक बहुत बड़ा फैक्टर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *