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विधायक शैलेश पाण्डेय के भाषण को भाजपा ने बताया राजनीतिक, मंडल अध्यक्षों ने की कड़ी निंदा

बिलासपुर / विजयादशमी पर्व पर पुलिस ग्राउंड में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय द्वारा राजनीतिक भाषण दिए जाने का बिलासपुर नगर के समस्त भाजपा मंडल अध्यक्षों ने संयुक्त रूप से कड़ी निंदा की है।

भाजपा मंडल अध्यक्ष सहदेव कश्यप, धीरेन्द्र केशरवानी, गोपी ठारवानी, सुब्रत दत्ता, सतीश गुप्ता, रवि कुमार ने कहा कि नगर पालिक निगम बिलासपुर द्वारा आयोजित विजयादशमी पर्व पर पुलिस ग्राउंड में रावण दहन कार्यक्रम में आमंत्रण कार्ड के साथ ही कार्यक्रम का राजनीतिकरण हो गया था क्योंकि बिलासपुर नगर निगम के अंतर्गत पांच विधायकों का क्षेत्र आता है, लेकिन रावण दहन कार्यक्रम में भाजपा विधायकों को छोड़कर केवल कांग्रेस के विधायकों एवं कांग्रेस पदाधिकारियों को अतिथि बनाकर इस आयोजन का राजनीतिकरण कर दिया गया। नगर निगम बिलासपुर द्वारा जब से विजयादशमी पर रावण दहन के कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था इस आयोजन में बने किसी भी अतिथियों ने राजनीतिक भाषण नही दिया लेकिन अधर्म पर धर्म की जीत, असत्य पर सत्य एवं बुराई पर अच्छाई की जीत के इस धार्मिक महापर्व पर पदेन विधायक शैलेष पाण्डेय द्वारा नगर निगम के इस रावण दहन कार्यक्रम में राजनीतिक भाषण दिया जाना उनकी ओछी मानसिकता को दर्शाता है। कार्यक्रम का राजनीतिकरण किए जाने के कारण ही बिलासपुर के लोकसभा सांसद, नगर निगम बिलासपुर के महापौर एवं सभापति द्वारा नगर पालिक निगम बिलासपुर द्वारा आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में नही जाने का निर्णय लेना उचित एवं सही निर्णय था।

भाजपा नेताओं ने कहा कि इस वर्ष विजयादशमी के पर्व पर केवल दो जगह पर ही शैलेष पाण्डेय को अतिथि बनाया गया क्योंकि दोनो जगह पदेन विधायक को अतिथि बनाने की परम्परा रही है, जबकि शहर के अनेक स्थानों पर जनता द्वारा रावण दहन के अनेक भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए लेकिन जनता द्वारा किसी भी आयोजन में शैलेष पाण्डेय को अतिथि नही बनाया गया, शायद जनता इनको एक्सीडेंटल एमएलए मानती है इसलिए आमजनों द्वारा आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में इनको अतिथि नही बनाया गया।
भाजपा नेताओं ने कहा कि शैलेष पाण्डेय जबसे विधायक बने है तब से अभी तक किसी भी कार्यक्रम में मुख्यअतिथि बनने के लिए संघर्ष करते आ रहे है चाहे वह 26 जनवरी गणतंत्र दिवस हो या 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस या अन्य प्रमुख आयोजन। इनको जनता कि समस्याओं से कोई सरोकार नही है जनता के लिए कहीं पर संघर्ष करते नजर नही आते। भाजपा नेताओं ने कहा कि विजयादशमी पर्व पर रावण दहन कार्यक्रम में राजनीतिक भाषण नहीं दिया जाना था जिसकी हम घोर निंदा करते है।

भाजपा के बयान पर शैलेश पांडेय का पलटवार

बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय ने भाजपा के दिये बयान पर पलटवार करते हुए कहा की रावण दहन कार्यक्रम एक सामाजिक कार्यक्रम है ना कि कोई राजनीतिक, इसमे राजनीतिकरण का सवाल ही नहीं उठता है। आरोप लगाने वालों को सूप बोले चलनी बोले कहावत की जानकारी तो होगी ही। उन्हें अकेले में बैठकर मुहावरे पर मनन करने की जरूरत है। भाजपा जनता को बताए कि पिछले पन्द्रह साल से रावण दहन कार्यक्रम में निगम क्षेत्र के कितने विधायकों को अतिथि बनाया गया। उन्हें कब मालूम होगा कि धार्मिक कार्यक्रमों में कुर्सी से अधिक जनता की भावनाओं का महत्व होता है। क्योंकि सामाजिक और धार्मिक पर्व किसी नेता की जागीर नहीं होती है।

विधायक शैलेश पांडेय ने कहा कि विजयदशमी का पर्व असत्य पर सत्य , बुराई पर अच्छाई की जीत का दूसरा नाम है, दुख की बात है कि आज भी भाजपा नेता कुंठा स्वार्थ, और क्रोध से बाहर निकलने को तैयार नहीं है। जबकि पिछले पन्द्रह सालों से रावण का दहन कर रहे हैं। लेकिन अन्दर के रावण को पाल कर रखे हैं। दरअसल भाजपा नेताओं में विजयदशमी पर्व की समझ ही नहीं है। यही कारण है कि भाजपा नेता आज भी कुंठा के शिकार है। ना तो उन्होने क्रोध छोड़ा है और ना ही लोभ…कुर्सी की मोह ने उन्हें अंधा बना दिया है।

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