बिलासपुर // छत्तीसगढ़ के सीपत स्थित नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन एनटीपीसी के सीईओ पद्म कुमार राजशेखरन के द्वारा शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर एनटीपीसी की उपलब्धियों और सामाजिक उत्तरदायित्व को पत्रकारों के बीच साझा किया। उन्होंने बताया कि सीपत एनटीपीस प्रथम चरण में 1980 व द्वितीय चरण में 1000 मेगावाट, दोनों चरण मिलाकर कुल 2980 मेगावाट विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है, जो हमारे छत्तीसगढ़ का सर्ववृहित विद्युत परियोजना है साथ ही मध्य भारत एवं पश्चिम भारत के राज्यो को आलोकित कर रहा है। एनटीपीसी द्वारा पर्यावरण व लोगों की समस्याओं को भी ध्यान में रखते हुए 275 मीटर ऊची चिमनी का निर्माण कराया गया है। आसपास स्थानों में वृक्षारोपण किया गया और लगातार किया जा रहा है अभी तक एनटीपीसी द्वारा 10 लाख से अधिक पौधरोपण किया जा चुका है जिसमे 3.5 लाख पौधे एनटीपीसी क्षेत्र में और 7 लाख के करीब पौधे अन्य क्षेत्रों में लगाया गया है साथ ही आगे और 50 लाख पौधों का वृक्षारोपण किया जाना है। इसके साथ ही दो नए एस ब्रिक्स संयंत्र लगाने का कार्य चल रहा है वह भी जल्द चालू कर दिया जाएगा।
पत्रकारों से चर्चा में सीईओ राजशेखरन, जीएम (ओपीएन) घनश्याम प्रजापति, जीएम (मेंटेनेंस) जेएस मूर्ति, और जीएम एचआर आरएस कौल ने संयुक्त रूप से बताया कि संयंत्र चारो ओर हरित पट्टी का विकास और आसपास के गाँवों में संपर्क मार्ग एवं उपलब्ध स्थानों पर सघन पौधरोपण किया गया हैं। परियोजना निर्माण में केवल राख से बनी ईंटों का उपयोग किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में काम करते हुए जांजगीर जिले के बलौदा के महुदा में आईटीआई खोला गया है। जहां 5 ट्रेड में दर्जनों बच्चों को ट्रेनिंग दी जा रही हैं। साथ ही कहा कि एनटीपीसी के जागरूक कर्मचारियों के चलते 5 साल में यानी 2015 से अब तक सीपत स्टेशन में कोई दुर्घटना नही हुई है। एनटीपीसी स्थापना काल से ही अपने सामाजिक दायित्वों को निभाते आ रहा है। चाहे वह प्रभावित गांवों का विकास हो, चाहे ग्रामीणों की सेहत का सवाल हो या फिर गांव के होनहार बच्चों को ऊंची उड़ान देने का जिम्मा हो। एनटीपीसी ने अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निभाया है और यह प्रयास आगे भी निरंतर जारी रहेगा।
ऊर्जा उत्पादन के साथ सामाजिक दायित्वों को भी निभाया…
एनटीपीसी में संयंत्र ऊर्जा उत्पादन की प्रगति के साथ-साथ सामाजिक उत्तरदायित्व को भी बखूबी निभाया है प्रमुख रूप से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में सैनिटाइजर थर्मल स्कैनर व सैनिटाइजर डिस्पेंसर का वितरण कर मशीन के माध्यमों से ग्रामों को सेनीटाइजर स्प्रे प्रवासी श्रमिकों के लिए राशन की व्यवस्था कराने का कार्य किया गया था साथ ही जिला प्रशासन एवं जनपद पंचायत को आर्थिक सहयोग भी किया गया था।शिक्षा को बढ़ावा देते हुए आईटीआई खोला गया जिसमें डीजल मकैनिक, वेल्डिंग प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया सहयोगी ग्रामों में शिक्षा को बढ़ावा देते हुए स्कूलों में डेस्क बेंच भी उपलब्ध कराया गया है तथा ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए ग्राम जांजी, रांक, एवं गतौरा में आर ओ वाटर संयंत्र भी लगाए गए हैं कला एवं संस्कृति को बढ़ावा दिया गया है।
एनटीपीसी की बताई उपलब्धियां…
सीपत एनटीपीसी की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि पहले चरण में 660 मेगावाट की 3 इकाइयां स्थापित की गई। दूसरे चरण में 500 मेगावाट की दो इकाइयां लगाई गई। एनटीपीसी की सर्वप्रथम 100 मेगावाट छमता की इकाइयों एवं सुपर क्रिटिकल टेक्नॉलाजी पर आधारित बॉयलर देश के सर्वप्रथम 760 को ही स्पीच यार्ड कोयले की आपूर्ति समझौते एसईसीएल बिलासपुर के साथ प्रति वर्ष 149.58 लाख मिलियन टन कोयले की आपूर्ति के लिए करार किया गया है। जिसमें कोरबा जिले के दीपका एक्सटेंशन माइंस से कोयले की आपूर्ति की जा रही है और परिवहन के लिए एनटीपीसी की स्वयं की मेरी गो राउंड रेल प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है।
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