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कांग्रेस के 5 साल… निगम की बदहाल स्थिति… किसने किस पर लगाया भ्रष्टाचार व घोटाले का गंभीर आरोप… एफडीआर, बेशकीमती सरकारी जमीन जैसे कितने मुद्दे… जानिए क्या है आरोप…

बिलासपुर, फरवरी, 04/2025

कांग्रेस के 5 साल… निगम की बदहाल स्थिति… किसने किस पर लगाया भ्रष्टाचार व घोटाले का गंभीर आरोप… एफडीआर, बेशकीमती सरकारी जमीन जैसे कितने मुद्दे… जानिए क्या है आरोप…

बिलासपुर में भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी किया है और नगर निगम में कांग्रेस के 5 साल के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार व घोटाले का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के पूर्व महापौर की विफलता को बताया है।
भाजपा कार्यालय में विधायक और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने 14 बिंदुओं का जारी आरोप पत्र किया। इसके अलावा उन्होंने कहा है कि बिलासपुर में ऐतिहासिक जीत के साथ भाजपा का महापौर बन रहा है।

भाजपा का आरोप पत्र…

1. बिलासपुर नगर निगम में 77 लाख का एफडीआर घोटाला कांग्रेस महापौर के प्रशासन पर सीधा सवाल खड़ा करता है। महापौर की जानकारी या मिलीभगत के बिना ऐसी वित्तीत अनियमितता कैसे हो सकती है। बिलासपुर की जनता ऐसे नेतृत्व की हकदार नहीं है जो सार्वजनिक धन की लूट को अनदेखा करें।

2. बिलासपुर नगर निगम में लाखों रुपये के बड़े किराया घोटाले का खुलासा कांग्रेस महापौर की विफलता और फैले भ्रष्टाचारा को उजागर करता है। नगर निगम की दुकानों का किराया सालों तक गबन होता रहा, लेकिन कांग्रेस महापौर ने जानबूझकर इस पर आंखें मूंदे रखी।

3. निगम महापौर और स्थानीय विधायक के बीच संवाद हीनता और भ्रष्टाचार ने समूचे बिलासपुर के विकास को 5 साल अवरुद्ध रखा।

4. व्यापार विहार में बेशकीमती करोड़ों के भू-खण्डों को व्यापक भ्रष्टाचार कर कौड़ी के मोल में नीलाम कर दिया गया।

5. पूर्व की भाजपा की सरकार द्वारा प्रतिवर्ष करीब 100 करोड़ की राशि नगर विकास के लिए तत्कालिन मंत्री अमर अग्रवाल द्वारा की जाती थी, जबकि कांग्रेस सरकार ने नगर विकास के लिए ना ही कोई राशि प्रदान की और ना ही कोई विकास कार्य ही कराया।

6. नगर निगम सीमा के विस्तार के बाद भी आज तक ग्रामीण वार्ड सुविधाओं से अपूर्ण है, आज भी उन वार्डों में पानी, बिजली, सड़क की सुविधा पूरी तरह से अपूर्ण है।

7. भारतीय जनता पार्टी के प्रयास से स्मार्ट सिटी के लिए आबंटित राशि का बंदरबाट कर आकण्ठ भ्रष्टाचार कर राशि का पूर्णतः दुरुपयोग किया गया।

8. पिछले पांच वर्षों में बिलासपुर नगर निगम में कांग्रेस ने वाडों की मूलभूत समस्याओं जैसे पानी, नाली, बिजली, राशन कार्ड, पेंशन और मकान निर्माण के नक्शे जैसे मुद्दों को नजरअंदाज किया। जनता की परेशानियों को हल न करने एवं विकास कार्यों को शून्य रखा।

9. बिलासपुर नगर निगम में शामिल कोनी क्षेत्र में सीसी रोड का निर्माण आज तक नहीं हुआ है, जिससे बारिश के दौरान गलियों में कीचड़ और सड़कों पर जल भराव की समस्या गंभीर हो गई है। खराब सड़कों के चलते लागों को आवाजाही में कठिनाई हो रही है, जबकि नालियों में कचरा भरने से दुर्गंध फैल रही है, जो स्थानीय निवासियों के लिए असहनीय बन गया है। निगम के कामकाज में आपसी समन्वय की कमी और लापरवाही का खामियाजा क्षेत्रवासियों को भुगतना पड़ रहा है।

10. राहुल गांधी ने पूरे देश में खुद को गरीबों का मसीहा बताते हुए उनकी रक्षा का दावा किया है, लेकिन 2022 में उनकी ही पार्टी के महापौर ने गरीबों की स्थिति और भी दयनीय बना दी। बिलासपुर नगर निगम ने झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले मजदूरी के हर घर पर 64500 का पानी का बिल थमा दिया। यह अन्यायपूर्ण कदम गरीबों के लिए असहनीय साबित हुआ, जिससे जिले की महिलाएं आक्रोशित होकर विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर हो गई।

11. बिलासपुर नगर निगम की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अब छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को प्रशासनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए नगर निगम की लापरवाही को उजागर किया, जो बिलासपुर के व्यापार विहार में ढाई एकड़ भूमि पर 2 करोड़ की लागत से बनाए गए ऑक्सीजन जोन के रखरखाव में विफलता को दर्शाती है। यह स्थिति नगर निगम के कुप्रबंधन और जनता की जरूरतों के प्रति उसकी उदासीनता का स्पष्ट प्रमाण है।

12. बिलासपुर नगर निगम के कुप्रबंधन की स्थिति यह है कि दिसंबर 2022-2023 में 12 रूटों पर सिटी बस सेवा शुरु करने का दावा किया गया था, लेकिन यह वादा अधुरा रह गया। उस समय में केवल 7 रूटों पर ही अनियमित बसें संचालित हो रही हैं, जबकि शेष बसें डिपों में खड़ी खड़ी खराब हो रही हैं।

13. भाजपा सरकार ने अपने घोषणापत्र में बच्चों की जरूरतों को समझते हुए कॉलेज जाने के लिए विद्यार्थियों को मासिक यात्रा भत्ता डी. बी.टी. के माध्यम से देने का ऐतिहासिक वादा किया, वहीं कांग्रेस शासित नगर निगम ने अपनी उदासीनता की मिसाल पेश की। सिटी बस सेवा के बंद होने की सूचना देना तो दूर, नगर निगम ने किसी वैकल्पिक व्यवस्था की कोशिश तक नहीं की। जनता की आवश्यकताओं के प्रति ऐसी लापरवाही और गैर-जिम्मेदार रवैया शायद ही कहीं और देखने को मिले। सस्ती और सुगम परिवहन सेवा से लोगों को वंचित कर, नगर निगम ने अपनी प्रशासनिक अक्षमता का एक और शर्मनाक उदाहरण पेश किया है।

14. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राज्य चुनाव से पहले जोर-शोर से कहा था कि कांग्रेस की सरकार पर भरोसा किया जा सकता है। लेकिन बिलासपुर नगर निगम की बदहाल स्थिति कुछ और ही कहानी बयान कर रही है। इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि नगर निगम के अंतर्गत ठेके पर काम कर रहे 450 कर्मचारियों को महिनों से वेतन नहीं मिला है। वहीं बिजली बिल की बात करें तो नगर निगम पर 80 करोड़ का बकाया है। यह स्थिति पिछले 5 वर्षों के कांग्रेस प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, और साथ ही कांग्रेस के खोखले वादों का भी प्रमाण देती है।

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