छत्तीसगढ़ में ओलंपिक खेलों के नाम पर जानमाल के साथ हो रहे खिलवाड़… छत्तीसगढ़ ओलंपिक खेलो में हो रही मौतो पर सरकार को कोई चिंता नहीं है – पूर्वमंत्री अमर अग्रवाल…
बिलासपुर, अक्टूबर, 17/2022
पूर्व मंत्री व भाजपा नेता अमर अग्रवाल ने जारी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर छत्तीसगढ़ ओलंपिक को खेलों के नाम पर छत्तीसगढ़ की अस्मिता एवम लोगों की जान माल से खिलवाड़ किया जाना बताया है। उन्होंने कहा आयोजन के क्रियान्वयन पहले चरण में सरकार की नीयत समझी जा सकती है जिसमे राजीव मितान क्लब स्तर से खेल आयोजन कराया गया है ।शासन के खेल युवा कल्याण विभाग , ओलम्पिक खेल समितियों का छत्तीसगढ़ ओलंपिक खेलो से कोई नाता नही है।इस प्रकार ओलम्पिक खेलो की मर्यादा के साथ खिलवाड़ करने के साथ छत्तीसगढ़ राज्य के नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है।
अमर अग्रवाल का कहना है प्रदेश के विभिन्न जिलों में पंचायत एवं नगरीय निकाय के तेरह हजार से ज्यादा इकाइयों में पूर्व नियोजित तरीके से राजीव मितान क्लब बनाया गया,इनमें 90ः से ज्यादा सदस्य कांग्रेस के नेता,कार्यकर्ता, समर्थको शामिल किया गया है ।वोटबैंक को लुभाने बूथ लेवल कांग्रेसियो को खेलो के कांग्रेसीकरण से खेलो के बहाने व्यस्त और मस्त रखने के लिए छत्तीसगढ़ ओलम्पिक खेल कराए जा रहे है। पहले से ही कंगाल चल रहे नगरीय निकायों और पंचायतों में इन खेलों को लेकर रोज नए नए बखेड़े खड़े हो रहे है।कहने को राजीव मितान क्लबो को 25- 25 हजार की चार किश्त में एक लाख रु साल भर में देने का प्रावधान किया गया लेकिन युवाओं के कल्याण के नाम पर राजीव मितान क्लब कांग्रेसियों के स्थानीय राजनीतिक व मनोरंजन केंद्र मात्र बनकर रह गए है। इन्ही राजीव मितान क्लबो के लोगों के बीच प्रथम चरण छत्तीसगढ़ ओलंपिक खेलों का आयोजन हुआ , अब दूसरा चरण जारी है और आगे के चरण निर्धारित है,साफ तौर से कहा जा सकता है क्लब गेम्स के आयोजन को छत्तीसगढ़ ओलंपिक का नाम देकर जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम हो रहा है । आपाधापी में आयोजित किए जा रहे हैं इन खेलो के आयोजन के प्रथम चरण में ही बदइंतजामी खुल कर सामने आई है। आउटडोर खेलों के लिए मैदान के इंतजाम सही नहीं होने से बड़ी संख्या में भाग लेने वाले चोटिल हो रहे हैं ।
अमर अग्रवाल ने कहा विगत दिनों कांग्रेस नेता समाचार पत्रों की सुर्खियों में आने के लिए कबड्डी खेलते रहे उधर दूसरी तरफ यह खेल खिलाड़ियों की मौत का सामान बन गए हैं ,एक के बाद एक करके प्रदेश में दो खिलाड़ियों की मौत पहले ही सप्ताह में हो गई हैं यह खेल जगत के माथे पर प्रदेश में लगा सबसे बड़ा कलंक है। श्री अग्रवाल ने कहा बिना तैयारी के आयोजित हो रहे हैं इन खेलों में चिकित्सा सुविधा के अभाव में न जाने कितने लोग रोज आहत होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं,शामिल होने वाले खिलाड़ियों का बीमा भी नहीं किया गया है। आरबीसी 6-4 के तहत मृतक खिलाड़ियों को चार लाख की राशि आपदा दुर्घटना प्रकरण में शामिल कर देने घोषणा सरासर बेईमानी है। जबरिया ओलम्पिक के द्वारा वोट बैंक को लुभाने की दृष्टि से छत्तीसगढ़ के युवाओं की जान को खतरे में डालने का काम सरकार के द्वारा किया जा रहा है। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में इन खेलों के आयोजन से प्रशासनिक अमला भी हलाकान है।
पहले से ही ठप्प चल रहे स्कूल और कॉलेजों में इन खेलों के चलते जनवरी माह तक पढ़ाई लिखाई से अघोषित छुट्टी रहने वाली है । आवश्यक कार्य योजना के अभाव, आयोजन में खानापूर्ति से भाग लेने वालों के भविष्य के साथ छत्तीसगढ़ सरकार खिलवाड़ कर रही है।इन ओलंपिक खेलों के आयोजन के लिए अलग से फंड भी जारी नहीं किया गया है, मितान क्लबों को जारी राशि का आहरण भी नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के लोग भौरा, बाटी कबड्डी हमारे राज्य के स्थानीय खेलों के नाम पर केवल फोटो खिंचवाने का काम कर रहे हैं, खेल आयोजन समिति शामिल एवं खेल में भाग लेने वाले फांके मस्ती में गुजारा करने को मजबूर है। छत्तीसगढ़ ओलंपिक खेलो में हो रही मौतो पर सरकार को कोई चिंता नहीं है,सरकार अपनी जिद्द पर उतारू है,यहअत्यंत गम्भीर है, टेंट वाले ,माइक वाले ,जनता से उगाही करके खेल कराना आखिर कहा की परंपरा है।
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