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छत्तीसगढ़ में मीसाबंदीयो की रुकी पेंशन की राशि जारी… सामान्य प्रशासन विभाग ने जिलों को जारी किया आवंटन… राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उपासने ने सीएम का जताया आभार…

छत्तीसगढ़ में मीसाबंदीयो की रुकी पेंशन की राशि जारी… सामान्य प्रशासन विभाग ने जिलों को जारी किया आवंटन… राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उपासने ने सीएम का जताया आभार…

रायपुर/ बिलासपुर, मई, 02/2024

छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बहुमत के साथ सरकार बनने के बाद मीसाबंदियो की फिर से पेंशन मिलने की उम्मीद जगी थी और अब ये उम्मीद पूरी तरह से सफल हो गई है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने जिले के कलेक्टरों को बजट आवंटन कर दिया गया है। 26 अप्रैल को जारी आदेश में 28 जिलों के मीसाबंदियों के लिए 35 करोड़ 42 लाख 68 हजार का बजट जारी कर दिया गया है। जल्द ही पेंशन की राशि मीसा बंदियों के खाते में पहुंच जाएगी

लोकतंत्र सेनानी (मीसाबंदी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने लोकतंत्र सेनानी संघ की तरफ से प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को फोन कर बधाई दे उनका आभार व्यक्त किया है। उपासने ने मुख्यमंत्री से कहा की आपने बकाया संपूर्ण राशि देकर आपने सेनानियों को बहुत बड़ा सहयोग दिया। ये राशि बुजुर्ग सेनानियों के इलाज सहित परिजनों के लिए बहुत बड़ा सहारा होगा,सबका आशीर्वाद आपको ,आपकी सरकार को मिलेगा,मुख्यमंत्री ने कहा की सेनानी वा उनके परिवार खुश तो हैं न। मैंने कहा बहुत खुश हैं।

आपको बता दे की भाजपा की रमन सरकार ने 2008 में मीसा बंदियों को सम्मान निधि देना शुरू किया था इनकी दो श्रेणी बनाई गई, जिसमें 12 हजार 5 सौ रुपए और 25 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाती थी। लेकिन 2018 में सत्ता परिवर्तन होने के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और 1 साल तक सत्यापन कराने के नाम पर कांग्रेस सरकार में पेंशन रोकी गई उसके बाद इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया।

पेंशन बंद होने के बाद मीसाबंदियों ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की तो कोर्ट ने फैसला मीसाबंदियों के पक्ष में ही सुनाया, लेकिन राज्य सरकार ने इसे चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। तब से मामला विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में यह विकल्प भी है कि राज्य सरकार चाहे तो इसे वापस ले सकती है।

आपातकाल के दौर में राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई हुई थी। तब मीसा कानून के तहत कई लोगों को जेल में डाल दिया गया था। इससे इनका करियर व कारोबार चौपट हो गया था। छत्तीसगढ़ में भाजपा शासनकाल के दौरान इन मीसाबंदियों को लोकतंत्र सेनानी नाम देते हुए जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि के तहत पेंशन शुरू की गई।

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