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ऐतिहासिक स्टेशन भवन नहीं टूटेगा, म्यूजियम बनाकर संरक्षित करेंगे…. बिलासपुर प्रेस क्लब के नेतृत्व में सर्वदलीय मंच ने जीएम से की मुलाकात…

बिलासपुर, सितंबर, 14/2024

दपूमरे की जीएम इटियेरा बोलीं-
फाइनल ड्राइंग-डिजाइन बनने के बाद रेलवे स्टेशन का मॉडल डिस्प्ले किया जाएगा।

ऐतिहासिक स्टेशन भवन नहीं टूटेगा, म्यूजियम बनाकर संरक्षित करेंगे…. बिलासपुर प्रेस क्लब के नेतृत्व में सर्वदलीय मंच ने जीएम से की मुलाकात…

बिलासपुर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की जीएम नीनू एटियेरा का कहना है कि जोनल रेलवे स्टेशन के ऐतिहासिक भवन को तोड़ा नहीं जाएगा, बल्कि उसे म्यूजियम बनाकर संरक्षित करेंगे, ताकि भावी पीढ़ी को इसके इतिहास के बारे में पता चलता रहे। उन्होंने यह भी कहा कि अमृत भारत योजना के तहत बिलासपुर स्टेशन का भी कायाकल्प किया जाएगा। इसका फाइनल ड्राइंग-डिजाइन बनाने का काम अंतिम चरण में है। जैसे ड्राइंग-डिजाइन तैयार हो जाएगा, इसे डिस्प्ले में प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि पब्लिक को किसी तरह का संदेह न रहे।

बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष इरशाद अली के नेतृत्व में सर्वदलीय मंच के सदस्यों ने शुक्रवार शाम दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की जीएम नीनू इटियेरा से सौजन्य मुलाकात की। करीब आधे घंटे तक प्रतिनिधिमंडल के साथ जीएम इटियेरा ने सौहाद्रपूर्ण चर्चा की। इस दौरान प्रेस क्लब के अध्यक्ष अली ने जीएम को बिलासपुर रेलवे जोन की स्थापना के संबंध में बताया। उन्होंने कहा कि बिलासपुर जोन बड़े आंदोलन के बाद मिला है। 135 साल से पुराना रेलवे स्टेशन भवन से यहां की जनता की भावना जुड़ी हुई है। विकास सतत प्रक्रिया है, लेकिन सुनने में आ रहा है कि पुराने स्टेशन भवन को तोड़कर एयरपोर्ट की तर्ज पर नया बनाया जाएगा। इस खबर से यहां की जनता में विरोध की लहर फैल गई है। सामाजिक, राजनीतिक से लेकर बुद्धिजीवी वर्ग स्टेशन भवन को तोड़ने का विरोध कर रहे हैं। सभी चाहते हैं कि स्टेशन का तेज गति से विकास हो, लेकिन इसकी आड़ में धरोहरों को जमींदोज न किया जाए। सर्वदलीय मंच के राकेश शर्मा ने कहा कि इतिहास गवाह है, बिना आंदोलन के बिलासपुर को अब तक कुछ नहीं मिला है। एक बार फिर यही स्थिति उत्पन्न की जा रही है, ऐसा क्यों। प्रतिनिधिमंडल की बातों को इत्मीनान से सुनने के बाद जीएम इटियेरा ने कहा कि उन्हें जन भावनाओं का ख्याल है। रेल प्रशासन ऐसा कोई काम नहीं करेगा, जिससे जनभावना को ठेस पहुंचे। उन्होंने साफ किया कि पुराने स्टेशन भवन को संरक्षित ही रखा जाएगा। इसके निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि अमृत भारत योजना के तहत बिलासपुर में भी भव्य स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। यहां एयरपोर्ट की तर्ज पर सारी सुविधाएं होंगी। नया स्टेशन भवन पुरानी बिल्डिंग के बाजू में बनाया जाएगा।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल शिवा मिश्रा और अनिल तिवारी की मांग पर जीएम ने कहाकि पुराने स्टेशन भवन को संरक्षित करने के लिए म्यूजियम का रूप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्टेशन भवन के दोनों तरफ रेलवे लाइन आएगी। ट्रेनें नए भवन के सामने खड़ी होंगी। प्रतिनिधिमंडल में प्रेस क्लब उपाध्यक्ष संजीव पांडेय, सचिव दिलीप यादव,कोषाध्यक्ष प्रतीक वासनिक,सहसचिव दिलीप जगवानी, कार्यकारिणी सदस्य गोपीनाथ डे, सर्वदलीय मंच से द्वारिका प्रसाद अग्रवाल,रवि बनर्जी,अभयनरायण राय,विद्या गोवर्धन,अमित तिवारी,हबीब मेमन,कमलेश शर्मा,रवि शुक्ला,जितेंद्र थवाईत,अखिल वर्मा,चंद्रप्रकाश बाजपेई,देवेंद्र सिंह बाटू, भिभास दास,सुभाशीस बनर्जी,शैलेंद्र गोवर्धन प्रथमेश सविता,मनीष अग्रवाल,संदीप बाजपेई,अनिल शुक्ला,आदि शामिल थे।

उसलापुर स्टेशन का भी होगा कायाकल्प…

प्रतिनिधिमंडल ने जीएम को बताया कि अब अधिकांश ट्रेनें उसलापुर से चलती हैं, लेकिन वहां सुविधाओं का अभाव है। बरसात के सीजन में ट्रेन पकड़ने के लिए पानी में भीगना पड़ता है। गर्मी के सीजन में धूप सहन करना पड़ता है। वहां पर्याप्त मात्रा में शेड की व्यवस्था हो जाए तो यह समस्या नहीं आएगी। जीएम इटियेरा ने अपने सेक्रेटरी को इन समस्याओं को नोट कराया और कहा कि उसलापुर स्टेशन में भी जोनल स्टेशन की तर्ज पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसका प्रस्ताव जल्द ही बनवाने के निर्देश सेक्रेटरी को दिए गए।

खेल मैदानों की बदलेगी तस्वीर…

प्रतिनिधिमंडल ने रेलवे क्षेत्र में स्थित खेल मैदानों की दुर्दशा का भी मुद्दा उठाया। इस पर जीएम ने कहा कि सभी खेल मैदानों को उत्कृष्ट बनाया जाएगा। इसके लिए अलग से प्रस्ताव बनाए जाएंगे।

रेलमंत्री के नाम जीएम को ज्ञापन….

प्रतिनिधिमंडल ने रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव के नाम जीएम नीनू इटियेरा को दो ज्ञापन भी सौंपा। पहला स्टेशन भवन को संरक्षित करने और दूसरा ट्रेनों को कैंसिल नहीं करने, लेटलतीफ ट्रेनों की व्यवस्था ठीक करने,ट्रेनों में स्लीपर और जनरल बोगी बढ़ाने से संबंधित था। इसकी प्रतिलिपि जीएम को भी दी गई। जीएम इटियेरा ने कहा कि विकास एक सतत प्रक्रिया है। नई लाइन को पुरानी ट्रैक पर जोड़ने के लिए ब्लॉक लेना पड़ता है। निर्माण के समय थोड़ी परेशानी आती है, लेकिन जब काम पूरा हो जाता है तो पब्लिक को सुविधा मिलती है। उन्होंने कहा कि अभी हमें कहीं पहुंचने में यदि चार घंटे का समय लग रहा है। जब ये निर्माण पूरे हो जाएंगे तो यही दूरी हम एक घंटे में तय कर लेंगे।

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