• Sun. Dec 22nd, 2024

News look.in

नज़र हर खबर पर

कटघोरा  : बांस की अवैध कटाई के मामले में डीएफओ से लेकर मंत्री तक मची है खलबली ,, मामले में लीपापोती का खेल शुरू ,,

कटघोरा : बांस की अवैध कटाई के मामले में डीएफओ से लेकर मंत्री तक मची है खलबली ,,

मामले में लीपापोती का खेल शुरू ,,

कोरबा-कटघोरा // बांस की अवैध कटाई के मामले में डीएफओ से लेकर मंत्री तक खलबली मचा देने वाली बीट गार्ड की कार्यवाही में अब लीपापोती की सुगबुगाहट तेज हो गई है। अधीनस्थ वन कर्मी बीट गार्ड शेखर सिंह रात्रे ने अपना कर्तव्य पूरा कर रेंजर मृत्युंजय शर्मा सहित 14 लोगों पर मामला दर्ज कर प्रकरण सौंप दिया है जिसमें अब अपनी गर्दन फंसने से बचाने के लिए बीट गार्ड को ही बलि का बकरा बनाने का खेल शुरू कर दिया गया है। अब बीट गार्ड के ख़िलाफ़ कार्रवाई की तैयारी शुरु हो गई है।

हालांकि सोशल मीडिया के जरिये मामले का शोर मचने पर इसकी गूंज जब मंत्रालय तक पहुंची तो जांच शुरू कराई गयी। दर्ज प्रकरण में डीएफओ के निर्देश पर पाली एसडीओ(वन) ने जांच कर प्रतिवेदन सौंपा तो इसके आधार पर डीएफओ ने कटघोरा वन परिक्षेत्र के रेंजर द्वारा कराए गए बांस की अवैध कटाई को मामूली चूक करार दिया है। मजदूरों की गलती बताते हुए डीएफओ ने जांच रिपोर्ट में मुख्य आरोपी रेंजर मृत्युंजय शर्मा को क्लीन चिट दे दी है। इसके बाद डीएफओ ने जांच रिपोर्ट सीसीएफ को सौंप दी है। अवैध कटाई को मामूली चूक करार देने के बाद से डीएफओ शमां फारूखी पर रेंजर को बचाने के आरोप लगने लगे हैं।
इधर विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि चूंकि इस मामले में डीएफ़ओ के भी फँसने की आशंका थी, इसलिये एक शीर्ष अधिकारी के कहने पर उल्टा कार्रवाई की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है।

इसके लिए स्वसहायता समूहों से कोविड -19 कोरोना काल में ट्री-गार्ड बनाने के लिये बाँस की माँग संबंधी चिट्ठी अब जा कर लिखवाई गई है और इसे ही आधार बना कर बाँस काटने को क़ानूनी बताने के काग़जात तैयार हो रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि जंगलराज चलाने वाले चंद अधिकारी चाहते हैं कि दुबारा कोई अधीनस्थ इस तरह की हिमाकत न कर सके इसलिए भी शिकंजा कसने यह सब किया -कराया जा रहा है।

ज्ञात हो कि कोरबा जिले के कटघोरा वनमंडल के रेंजर मृत्युंजय शर्मा द्वारा आरक्षित वन क्षेत्र में अवैधानिक तरीके से हरे-भरे बांस प्रतिबंधित अवधि में मजदूर लगवाकर कटवाने के मामले में यह नजीर बांकीमोंगरा हल्दीबाड़ी वन क्षेत्र के बीट गार्ड शेखर सिंह रात्रे ने पेश की है। उसने अपनी अनुपस्थिति में 350 से अधिक बांस अवैध रूप से कटवाने पर रेंजर, डिप्टी रेंजर, वनरक्षक, 11 मजदूरों सहित 14 लोगों पर वन संरक्षण अधिनियम 1927 की धारा26(1)क के तहत प्रकरण दर्ज भी कर लिया है।

प्रभारी मंत्री ने संज्ञान में लिया, पर होगा क्या ?

बांस कटाई को लेकर मचे घमासान के बीच हरेली तिहार पर कोरबा पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने मामले को संज्ञान में लिया है। पर सवाल यह भी है कि संज्ञान में लेने से क्या हासिल होगा, जब पूरा महकमा ही मामले को निपटाने में जुटा है। फिर भी संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही मामले में कोई कार्रवाई हो सकती है।

द्वेष और भेदभावपूर्ण कार्यवाही पर क्रांति सेना का विरोध ,,

छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि मूल निवासी छत्तीसगढ़िया बीट गार्ड शेखर सिंह रात्रे जंगल को बचाने अपने कर्तव्य का निर्वहन सही तरीके से कर रहा था। उस पर जानबूझकर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं,और विवादित रेंजर मृत्युंजय शर्मा को संरक्षित किया जा रहा है। चूंकि मृत्युंजय शर्मा के विरुद्ध पहले भी कई शिकायतें की जा चुकी हैं।जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई और रात्रे के विरुद्ध कार्यवाही कहीं ना कहीं पक्षपातपूर्ण और भेदभाव पूर्ण रवैया बता रहा है। क्रांति सेना ने कहा है कि कमेटी गठित कर इस मामले की सूक्ष्म जांच करा कर सही तथ्य आम जनता के सामने लाया जाए,अन्यथा किसी प्रकार की द्वेषपूर्ण व भेदभावपूर्ण कार्यवाही पर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना जोरदार विरोध करेगी, जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी वन विभाग की होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *