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जिला बाल संरक्षण अधिकारी पर संविदाकर्मियों ने लगाए गंभीर आरोप… कहा महिला अधिकारी काम के दौरान करती है प्रताड़ित और हमसे करा रही अवैध वसूली…

बिबलासपुर // जिन लोगो के ऊपर बेसहारा और जरूरतमंद बच्चो के भविष्य की जिम्मेदारी हो अगर वही लोग अपनी जिम्मेदारी से खिलवाड़ करने लगें और अपनी कार्यशैली को ही अवैध कमाई का जरिया बना लें तो क्या होगा ? कैसे सुधरेगा हमारा समाज ? आज बिलासपुर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिन तस्वीरों को हम आपके बीच पेश करने वाले हैं वह तस्वीर जिम्मेदारों के उस भयानक स्वरूप को दिखाता है जो सरकारी तंत्र को हथियार बनाकर सिर्फ और सिर्फ अपने जेब भरने में लगे हुए हैं ।

मामला जिला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास से जुड़ा हुआ है । इस विभाग में संविदा पर नौकरी करने वाले कुछ युवकों ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा है कि महिला अधिकारी पार्वती वर्मा ने उनके काम करने के दौरान लगातार प्रताड़ित किया और उनसे अवैध वसूली कराया जाता था । युवकों ने बताया कि बीते दिनों शहर के हेमूनगर क्षेत्र में सत्यपद नायक के मामले में उनके ऊपर बाल श्रमिक से काम कराने के एवज में महिला अधिकारी ने पैसे लेनदेन के लिए दवाब बनाया । इसी तरह चकरभाठा स्थित एक थोक किराने के दुकान में भी बाल श्रमिक से काम कराने का मामला उजागर हुआ,जिसकी शिकायत करने पर भी महिला अधिकारी ने कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के एवज में पैसा लेनदेन के लिए दवाब बनाया । डीसीपीओ वर्कर्स का आरोप है कि ऐसे कई मामलों में कार्रवाई का दवाब बनाते हुए एक तरफ जहां अवैध वसूली को अंजाम दिया गया तो दूसरी ओर उनका मानसिक व आर्थिक शोषण भी किया गया । शिकायतकर्ताओं ने कलेक्टर,बाल आयोग जैसे कई विभागों में अपनी शिकायत भी की है और कहा कि उनके ऊपर कार्रवाई करते हुए उन्हें काम से हटा दिया गया है,यही कार्रवाई वो संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी चाहते हैं । डीसीपीओ वर्कर्स ने कहा कि शिकायत के लम्बे अवधि के बाद भी महिला अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई । शिकायतकर्ताओं ने वॉइस रिकॉर्डिंग भी पेश की है,जिसमें प्रकरण का दवाब बनाकर पैसा उगाही की बातें साफ तौर स्पष्ट हो रही है । निकाले गए कर्मचारियों ने कहा कि इन तमाम प्रकरणों में उन्हें बली का बकरा बनाया गया है । हमने जो कुछ भी किया वो महिला अधिकारी के आदेश पर ही किया है । जिसकी रिकॉर्डिंग भी हमारे पास है,ऐसे में संबंधित महिला अधिकारी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए ।

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इन सविंदा कर्मचारियों ने newslook.in को आडियो भी उपलब्ध करवाया है । जिसमे बाल संरक्षण अधिकारी पार्वती वर्मा साफ साफ शब्दो में भविष्य का सौदा करते हुए कह रही है इतना ही नही इस महिला अधिकारी ने पुलिस और अदालत का हवाला देकर पैसा वसूल लाने का दबाब बनाते हुए अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को पैसा उगाही की बात भी कही । हालांकि हमारा वेब पोर्टल वायरल आडियो की पुष्टि नही करता है ।

दूसरी ओर हमने महिला अधिकारी से उनका पक्ष जानने उनके मोबाइल पर सम्पर्क किया पर महिला अधिकारी ने इस मामले में बातचीत करने से बचतीं नजर आईं और कुछ भी कहने से इनकार कर फोन काट दिया ।

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वहीं जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेश सिंह का कहना है कि इन मामलों को लेकर उनके पास भी कई शिकायतें आईं हैं । जिला पंचायत से पत्र भी प्राप्त हुआ है और हमें ऑडियो भी उपलब्ध करवाए गए हैं। इन तमाम मामलों को लेकर एक जिला स्तरीय जांच कमेटी बना दी गई है जिसकी जाँच की प्रक्रिया बहुत आगे बढ़ गई है,हम जल्द रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगे । जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि इससे पहले जिला संरक्षण अधिकारी के चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि खिलाफ बिलासपुर कार्यालय में नियुक्ति को लेकर भी शिकायत सामने आई है । इससे पहले उन्हें उनके पद से बर्खास्त किया गया था,ऐसे में फिर बिलासपुर में उनकी नियुक्ति हुई कैसे,इस मुद्दे पर भी जांच चल रही है।

बहरहाल यह एक ऐसे भ्रष्ट अधिकारी का करतूत सामने आया है जिनके कारनामों की वजह से कुछ संविदाकर्मीयों की रोजी रोटी भी मारी गई है । अब सवाल यह उठता है कि ऐसी महिला अधिकारी जो पहले से ही अपनी गतिविधियों के कारण ही महिला बाल विकास विभाग से जांच के बाद पद से बर्खास्त की जा चुकीं हैं उनकी नियुक्ति भी हो जाती है और वो उसी विभाग में बावजूद संबंधित महिला बाल विकास विभाग वर्षों से आंखे मूंदे हुए रहता है,यह सब हो गया तो इसके लिए जिम्मेदार कौन ? सवाल यह भी कि कुछ अनियमित कर्मचारी के शिकायत के आधार पर जांच के बाद लेनदेन जैसे मामलों के उजागर होने के बाद क्या वर्षों से चल रहे अवैध उगाही के मामलों का पर्दाफाश होगा ? या फिर कई शिकायतो के बाद भी जांच का झुनझना दिखा कर यह अधिकारी इसी तरह गरीब बच्चो का सौदा करती रहेगी ।

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