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2 नन पर लगे धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोपों के विरोध में “भाईचारा एकता मंच” ने की निष्पक्ष जांच की मांग…

बिलासपुर, अगस्त, 02/2025

2 नन पर लगे धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोपों के विरोध में “भाईचारा एकता मंच” ने की निष्पक्ष जांच की मांग…

दुर्ग रेलवे स्टेशन पर 25 जुलाई को दो ननों और 4 आदिवासी युवाओं के खिलाफ धर्मांतरण और मानव तस्करी के झूठे आरोप लगाकर की गई गिरफ्तारी और दुर्व्यवहार के विरोध में शनिवार को “भाईचारा एकता मंच” द्वारा प्रेस क्लब, बिलासपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई।

इस प्रेस वार्ता के दौरान मंच के सदस्यों ने उक्त घटना को मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन बताया और छत्तीसगढ़ में बढ़ती असहिष्णुता पर गहरी चिंता जताई।

सरदार जसबीर सिंह चावला ने कहा, “देश का मूल स्वर भारतीय संविधान है, जिसकी रक्षा करना हर सरकारी संस्था का कर्तव्य है। बजरंग दल जैसे पूर्वाग्रही संगठनों की शिकायत पर बिना किसी प्राथमिक जांच के कार्रवाई करना न केवल असंवैधानिक है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध भी है।”

नंद कश्यप ने दो टूक कहा, “भारत बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान के अनुसार चलेगा, न कि किसी संगठन या गुंडों की मनमानी से।”

वाहिद सिद्दीकी ने अपने वक्तव्य में कहा कि गिरफ्तार की गई आदिवासी लड़कियां बालिग हैं और उन्हें देश में कहीं भी आने-जाने या नौकरी करने का अधिकार है। “यह कार्रवाई न केवल उनकी स्वतंत्रता का हनन है, बल्कि उनके मौलिक अधिकारों पर भी सीधा आघात है,” उन्होंने कहा।

निलोत्पल शुक्ला ने इस पूरी घटना को “गैरकानूनी और असंवैधानिक” बताते हुए सवाल उठाया, “क्या छत्तीसगढ़ में अब गुंडों का राज चल रहा है ? यह पूरे राज्य और देश के लिए शर्म की बात है कि धार्मिक स्वतंत्रता और मानव गरिमा को यूं कुचला जा रहा है।”

गौरतलब है कि 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल की शिकायत पर आरपीएफ ने दो ननों — प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस, तथा एक युवक सुकमन मंडावी को गिरफ्तार किया था। आरोप लगाए गए कि वे 2 आदिवासी युवतियों को धर्मांतरण के लिए ले जा रहे थे।

हालाँकि पीड़ितों ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि युवतियां कई वर्षों से ईसाई धर्म का पालन कर रही हैं और वे अपनी मर्जी से नौकरी के लिए बाहर जा रही थीं। मानव तस्करी का आरोप भी निराधार बताया गया, क्योंकि सभी युवक-युवतियां बालिग हैं।

“भाईचारा एकता मंच” ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की है।

 

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Lokesh war waghmare - Founder/ Editor

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