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जप्त ट्रक का कोर्ट से जुर्माने के बाद छोड़ने आदेश… ASI ने  क्यू आर कोड से मांगी रिश्वत… ट्रांसपोर्टर ने ACB/EOW से की शिकायत तो बना दिया एस्ट्रोसिटी मामला… हाईकोर्ट ने लगाई रोक

जप्त ट्रक का कोर्ट से जुर्माने के बाद छोड़ने आदेश… ASI ने  क्यू आर कोड से मांगी रिश्वत… ट्रांसपोर्टर ने ACB/EOW से की शिकायत तो बना दिया एस्ट्रोसिटी मामला… हाईकोर्ट ने लगाई रोक

बिलासपुर, जून, 04/2024

दुर्ग के ट्रांसपोर्टर की याचिका पर सुनवाई करते हुते हाई कोर्ट की डीविजन बेंच ने राहत दी है। कोर्ट ने आगामी आदेश तक निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

दुर्ग निवासी सुखवंत सिंह ट्रांसपोर्टर हैं। उनके ट्रक को मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जब्ती बनाकर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने एक हजार जुर्माना पटाने की शर्त पर वाहन को देने का निर्देश पुलिस को दिया था। वाहन को सौपने के एवज में ASI ने 15 हजार रुपये का रिश्वत मांगी। क्यू आर कोड के जरिए आनलाइन रकम दिया था।
दुर्ग निवासी सुखवंत सिंह ने अधिवक्ता अनिल तवाडकर के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि
नारद लाल टांडेकर पुलिस स्टेशन दुर्ग में सहायक उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं, आइपीसी की धारा 279 के तहत दर्ज अपराध में जब्त वाहन को देने के लिए
15 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। याचिका के अनुसार एएसआई ने ऑनलाइन राशि के लिए क्यूआर कोड दिया था। इसी के माध्यम से हस्तांतरित की गई है।

याचिकाकर्ता ने उच्च अधिकारियों के साथ-साथ निदेशक, राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, रायपुर में शिकायत दर्ज की थी। इसके बाद सहायक उप निरीक्षक ने उसके खिलाफ झूठी शिकायत थाने में दर्ज करा दी। एट्रोसिटी एक्ट के तहत एफआइआर दर्ज करने के साथ ही आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने एफआईआर को रद करने की गुहार लगाते हुए याचिका दायर की है।

कोर्ट ने कार्रवाई पर लगाई रोक

मामले की सुनवाई जस्टिस दीपक कुमार तिवारी व जस्टिस अरविंद वर्मा की डीविजन बेंच में हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राहत देते हुए आपराधिक कार्रवाई पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। मामले को अगली सुनवाई जुलाई के अंतिम पखवाड़े में होगी

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