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25 साल बाद भी विकास से वंचित “आदिवासी बहुल कोटा,, अनदेखी पर पूर्व जनपद अध्यक्ष ने कहा ‘भाजपा कर रही सौतेला व्यवहार’…

बिलासपुर, नवंबर, 18/2025

25 साल बाद भी विकास से वंचित “आदिवासी बहुल कोटा,, अनदेखी पर पूर्व जनपद अध्यक्ष ने कहा ‘भाजपा कर रही सौतेला व्यवहार’…

छतीसगढ़ राज्य बनने के 25 साल बाद भी कोटा विधानसभा विकास से कोसों दूर है। छत्तीसगढ़ मे भूपेश सरकार के बाद भाजपा की सरकार बने लगभग 2 साल होने को है पर बिलासपुर जिले के आदिवासी बाहुल्य कोटा विधानसभा अभी भी विकास से कोसों दूर है और इसका प्रमुख कारण भाजपा सरकार का कोटा विधानसभा के प्रति सौतेला व्यवहार है जिसके कारण यंहा के लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है उक्त व्यक्तव्य जारी करते हुए पूर्व जनपद अध्यक्ष संदीप शुक्ला ने कोटा विधानसभा के समस्याओं के निराकरण की मांग रखी ।

शुक्ला ने कहा की कोटा विधानसभा मे स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दर दर भटकना पड़ता है ब्लॉक के सबसे बड़े सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा की हालत खराब है आये दिन मरीजों को तकलीफो का सामना करना पड़ता है कभी x रे मशीन की खराबी, कभी दवाइया न होना, कभी डॉक्टर न होना जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है ज़ब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत ऐसी है तो आप अंदाजा लगा सकते हैँ की ब्लॉक के दूरस्थ स्वास्थ्य केंद्रों की हालत क्या होगी बैगा बाहुल्य क्षेत्र मे संचालित स्वास्थ्य केंद्र खोँगसरा, टेंगनमाडा, बेलगहना, केंदा, चपोरा, पुडू, शिवतराई, नवागांव, करगीकला आदि जगहों का भगवान ही मालिक है इन संवेदनशील केंद्रों मे सर्पदंश, जंगली जानवर हमला, मलेरिआ, हैजा,उलटी दस्त जैसी बीमारियों से हर वर्ष हजारों लोग प्रभावित होते हैँ किन्तु स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियो के कान तक जूँ नहीं रेंगती हद तो तब हो गई ज़ब पंहुचविहीन गाँवो तक मरीजों को लाने ले जाने के लिए dmf मद से संचालित बाइक एम्बुलेंस को वेतन नहीं मिलने के कारण बंद कर दिया गया जिसे पुनः बहाल करने के लिए 3 महीने से ज्यादा समय लग गया।

अमागोहन का हॉस्पिटल जंहा नर्स, वार्ड बॉय, RMA के बिना इलाज भगवान भरोसे चल रहा है।

शिक्षा विभाग की बात करें तो ब्लॉक के कई स्कूलों मे पर्याप्त शिक्षक ही नहीं हैँ जिसकी वजह से शिक्षा का मंदिर भी सिर्फ मध्यआन्ह भोजन का केंद्र बन कर रह गया है ब्लॉक के हाई स्कूल अमागोहन, टेंगन माडा, बेलगहना, केंदा चपोरा, पुडू,मे कई विषय के शिक्षक ही नहीं हैँ जिससे बच्चों को पढ़ाने अन्य विषय के शिक्षक मिलते हैँ ।

कांग्रेस सरकार मे शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए आत्मान्द विद्यालय खोला गया जो अब राजनीती की भेंट चढ़ने के कारण लगातार उपेक्षित हो रहा है।

गड्ढों मे तब्दील टेंगन माडा की सड़क

कोटा विधानसभा मे शिक्षा और स्वास्थ्य का बुरा हाल तो लोग झेल ही रहे हैँ पर चाह कर भी अच्छी सुविधा के लिए बड़े शहर बिलासपुर रायपुर जाना चाहें तो तो गड्ढे भरी सड़क को पार करना सबसे बड़ी चुनौती है

कोटा ब्लॉक के मुख्यालय से अंतिम छोर के गाँवो की दुरी लगभग 60 से 70 किलोमीटर है जिसमे निवास रत लोगों को धान का पैसा, कचहरी के काम, sdm कार्यालय, जनपद कार्यालय, कॉलेज पढ़ाई के काम से कोटा जाना पड़ता है जो खराब सड़कों के कारण जानलेवा साबित हो रहा है खोँगसरा से कोटा, केंदा से कोटा, कुरदर से कोटा,बेलगहना से सलका होते हुए कोटा, बेलगहना से झींगतपुर कोटा, कोटा से रतनपुर, अमाली बिल्लिबंद से कोटा,ये सभी प्रमुख मार्गो पर चलना मतलब जान हथेली पर लेकर चलने के बराबर है।

पेंड्रा को बिलासपुर से जोड़ने वाली सड़क की खस्ता हालत

संदीप शुक्ला ने छतीसगढ़ की सरकार से अपील करते हुए कहा की कोटा विधानसभा का आम आदमी अपने आप को ठगा हुवा महसूस कर रहा है सुशासन की सरकार का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा सरकार कब तक कोटा विधानसभा के लोगों से सौतेला व्यवहार निभाएगी कोटा की आम जनता शिक्षा, स्वास्थ्य,सड़क, बिजली, पानी के लिए अगर आंदोलन ही करना पड़ेगा तो वो भी करने को तैयार है।

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Lokesh war waghmare - Founder/ Editor