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बिलासपुर में पहला गीता प्रेस पुस्तकालय का शुभारंभ… प्रखर राष्ट्रवादी वक्ता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने रखे तीखे विचार…

बिलासपुर, जुलाई, 19/2025

बिलासपुर में पहला गीता प्रेस पुस्तकालय का शुभारंभ… प्रखर राष्ट्रवादी वक्ता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने रखे तीखे विचार…

सदर बाजार (शहर विशेष) – श्री श्याम सदर सराफा कॉम्प्लेक्स में शुक्रवार को गीता प्रेस के पुस्तकालय का शुभारंभ हुआ, जो कि शहर का पहला गीता प्रेस पुस्तकालय है। इस आयोजन की पहल जिला सराफा एसोसिएशन ने की। शुभारंभ समारोह में प्रखर राष्ट्रवादी वक्ता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ, भगवताचार्य पं. दुर्गेश तथा मंगतराय अग्रवाल प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। पूजा-अर्चना के साथ विधिवत रूप से पुस्तकालय की शुरुआत की गई।

इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने संविधान, इतिहास और धार्मिक संस्थाओं को लेकर अपनी स्पष्ट और तीखी राय रखी। उन्होंने कहा कि

“देश संविधान और कानून से चलता है, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है। मंदिरों में हर वर्ष चढ़ने वाला लगभग 10 लाख करोड़ रुपए सरकार के नियंत्रण में जाता है, जबकि अल्पसंख्यक धार्मिक स्थलों की आय पर ऐसा कोई नियंत्रण नहीं है।”

उन्होंने भारत के इतिहास को लेकर भी सवाल खड़े किए…

उनका कहना था कि  “भारत का जन्म 15 अगस्त 1947 को नहीं हुआ, बल्कि उस दिन केवल सत्ता का हस्तांतरण हुआ था। यह बात ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली के दस्तावेज़ों में भी दर्ज है।” उन्होंने आगे कहा कि देशवासियों को दशकों से “अंधेरे में रखा गया” और भारत की हजारों साल पुरानी सांस्कृतिक पहचान को जानबूझकर दबाया गया है। कानून और संविधान पर सवाल उठाते हुए उन्होंने पूछा कि  “क्या हर बात के लिए कानून ज़रूरी है? क्या हमारी संस्कृति इतनी कमजोर हो गई है कि वह बिना कानून के नहीं चल सकती?”कार्यक्रम में उपस्थित अन्य विद्वानों और गणमान्य नागरिकों ने भी पुस्तकालय की स्थापना को ज्ञान और संस्कृति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

पत्रवार्ता के दौरान पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने अपने प्रमुख विचार रखे जिसमे कहा कि …

“भारत का संविधान है, लेकिन उसमें हमारी संस्कृति और परंपरा को जगह नहीं मिली। दुनिया के अधिकतर देशों ने अपनी सभ्यता के आधार पर कानून बनाए, भारत अकेला देश है जहां यह नहीं हुआ।” “भारत के अधिकांश कानून अंग्रेजों के बनाए हुए हैं, जो आज भी बिना बदलाव के चल रहे हैं। “नूपुर शर्मा केस में सनातनियों की भावनाएं आहत हुईं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ नूपुर को दोषी बताया — क्या यह न्याय है ? “मंदिरों के चढ़ावे पर सरकार का अधिकार, लेकिन अन्य धार्मिक स्थलों की आय पर नहीं — यह दोहरा मापदंड क्यों?” यह पुस्तकालय सनातन संस्कृति को जानने-समझने और आगे बढ़ाने का माध्यम बनेगा। आओ, ज्ञान और जागरूकता के इस अभियान से जुड़ें!

राष्ट्रचिंतन (विश्वगुरु भारत 2047 – हमारा दायित्व) कार्यक्रम…

छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सोनी ने बताया कि शनिवार को यश पैलेस में शाम 5 बजे ‘राष्ट्रचिंतन (विश्वगुरु भारत 2047 – हमारा दायित्व)’ कार्यक्रम आयोजित होगा। इसमें प्रमुख वक्ता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ होंगे। इससे पहले वे शहर के करने वाले संगठनों में स्वावलंबी भारत प्रबुद्धजनों से भेंट करेंगे।

 

 

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Lokesh war waghmare - Founder/ Editor

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