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नियमों को ताक पर रख बिना अनुमति 2 दुकानों का अवैध निर्माण …  नगर निगम की शह पर बेख़ौप हो कर धड़ल्ले से कर रहे अवैध निर्माण… शिकायत के बाद भी निगम के जिम्मेदार मौन… कार्रवाई के बजाए एक दूसरे पर डाल रहे जवाबदारी…

नियमों को ताक पर रख बिना अनुमति 2 दुकानों का अवैध निर्माण …  नगर निगम की शह पर बेख़ौप हो कर धड़ल्ले से कर रहे अवैध निर्माण… शिकायत के बाद भी निगम के जिम्मेदार मौन… कार्रवाई के बजाए एक दूसरे पर डाल रहे जवाबदारी…

बिलासपुर, दिसंबर, 28/2023

शहर में लंबे समय से जगह जगह अवैध निर्माण हो रहा है। निगम से बिना अनुमति लिए नियमों को ताक पर रख कर व्यावसायिक निर्माण किया जा रहा। ऐसा भी नहीं है कि इनकी जानकारी निगम को नहीं हो पर मिलीभगत के बिना ये संभव भी नहीं है कि मुख्य मार्ग में दुकान यूँही तन जाए लेकिन सब जान कर भी निगम तमाशबीन बना हुआ है। क्योंकि अधिकारियों को शिकायत मिलने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती जबकि शहर में इस तरह मुख्य बाजार में ये कोई पहली दुकान नहीं बन बनी है इसके पहले भी निगम क्षेत्र में कई दुकानों अवैध निर्माण व्यापारियों के द्वारा कराया गया है जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है और अब लगातार निर्माण हुए जा रहे है।

बिलासपुर के शनिचरी इलाके में गरीबों के आश्नियाने पर निगम अमले ने जमकर तोड़फोड़ की लेकिन उसके उलट बाल्मिक चौक और रपटा के बीच में नगर निगम के दो दुकानों का अवैध निर्माण बिना अनुमति के सरकारी जमीन पर कर दिया है । इन्ही दुकानों को जोन कमिश्नर के आदेश पर कुछ महीनो पहले ही ध्वस्त किया गया था । लेकिन रसूखदार व्यापारियों ने जोन कमिश्नर की कार्यवाही को ठेंगा दिखाते हुए बीच सड़क के किनारे सबसे व्यस्त मार्ग में दो दुकानों का बिना अनुमति के अवैध निर्माण कर निगम के अधिकारियों को खुली चुनौती दे डाली इतना ही नहीं इन दुकानों को बकायदा किराए में देकर महीने में हजारों रुपयों की अवैध वसूली भी दुकान मालिको द्वारा की जा रही है।

इस मामले में नाम न छापने की शर्त में निगम के एक अधिकारी ने इस अवैध निर्माण के लिए कांग्रेसी नेताओ द्वारा लाखो रू के लेनदेन का भी आरोप लगाया । महापौर से लेकर जोन कमिश्नर तक इन दुकानों के अवैध निर्माण की शिकायत भी हुईं लेकिन अब तक कार्यवाही नही हो पाई है । मीडिया के हस्तक्षेप के बाद जोन कमिश्नर ने जल्द ही इन अवैध दुकानों पर कार्यवाही की बात जरूर कही है ।

नगर निगम की शह पर बेख़ौप हो कर धड़ल्ले से अवैध निर्माण का कार्य जारी है। बिना अनुमति और बिना नक्शे के निगम के अधिकारियों के संरक्षण में अवैध निर्माण किया जा रहा है । तमाम शिकायतो के बाद भी निगम के जिम्मेदार मौन है । निगम के अधिकारी अपनी जबाबदेही से बचने के लिए एक दूसरे के ऊपर जबाबदेही डाल कर अपना पल्ला झाड़ रहे है । बाजार शाखा से लेकर भवन निर्माण शाखा और ज़ोन के कमिश्नर तक इन अवैध निर्माण पर रोक लगाने के अक्षम साबित हो रहे है। निगम के जिम्मेदारों ने भी माना है कि शनिचरी में रपटा के पास बनी दोनो दुकानें अवैध है और बिना अनुमति के निर्माण कार्य हुआ है इस मामले में निगम अधिकारियों को जानकारी मिलने के बाद भी कारोबारियों को न नोटिस  जारी की गई है न कोई कार्रवाई हुई है।

रसूखदार व्यापारी डंके की चोट पर नियम कानून को ताक पर रख कर अवैध निर्माण कर लिए है। जिस पर शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं होती जबकि गरीब जनता के लिए इन्ही अफसरों के तेवर कड़े दिखाई देते है और गरीबो के ठेलो गुमटी और सामानों को जप्ती करने में जितनी तेजी और मुस्तैदी निगम अमला दिखाता है उससे साफ जाहिर होता है कि गरीबो और अमीरो के लिए निगम के अपने खुद के बनाये नियम है । जितनी बेदर्दी और सख्ती गरीबो के ऊपर की जाती है उतनी ही दरियादिली और रहमत इन रसूखदारों के लिये निगम कर रहा है । कही न कही ये साफ इंगित होता है कि निगम की मिलीभगत के कारण ही शनिचरी बाजार में बिना नियमो और सुरक्षा के इन दुकानों का अवैध निर्माण किया गया है। इन दुकानों के पूर्ण निर्माण में निगम के जिम्मेदार मौन सहमति दे रहे है।

बडा सवाल ये है कि क्या शनिचरी जैसे व्यस्ततम इलाको में चल रहे इन अवैध निर्माण पर निगम अधिकारियों की नजर नही पड़ी या देखकर भी अंजान बने हुए है? सवाल ये भी है जानकारी होने के बाद भी अब तक नोटिस जारी करने के और कार्यवाही करने से क्यो परहेज कर रहा है निगम अमला ? अब देखना होगा कि निगम कब इन अवैध निर्माण पर कार्यवाही करती है या फिर बेरोकटोक यह अवैध निर्माण यूँ ही जारी रहेगा।

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