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नायब तहसीलदार v/s सरकंडा थाना… तहसीलदारों के बाद राजस्व पटवारियों ने खोला मोर्चा… मांगो पर कार्रवाई न होने पर आंदोलन को देंगे पूर्ण समर्थन…

बिलासपुर, नवंबर, 20/2024

नायब तहसीलदार v/s सरकंडा थाना… तहसीलदारों के बाद राजस्व पटवारियों ने खोला मोर्चा… मांगो पर कार्रवाई न होने पर आंदोलन को देंगे पूर्ण समर्थन…

नायब तहसीलदार और सरकंडा थाना मामले में टीआई तोपसिंह नवरंग को लाइन अटैच कर दिया गया है इसके बाद भी अभी मामला शांत नहीं हुआ है और प्रदेश भर से बड़ी संख्या में तहसीलदार, नायब तहसीलदारों ने गुरुवार बिलासपुर कलेक्ट्रेट पहुंच कर 7 सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव के नाम न्याय पाने की आस में ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन सौंपने से पहले सभी ने खेल परिसर में इकट्ठे हो कर कार्रवाई के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया। SDM स्तर के अधिकारी को शामिल कर मजिस्ट्रेट जांच की मांग की है।

यह मामला यही नहीं थमा है अब राजस्व पटवारी संघ ने मांगो पर कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भागवत कश्पय ने बताया कि 17 नवंबर की रात को बिलासपुर जिले मे नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा जो वर्तमान में बस्तर जिले में पदस्थ हैं के साथ पुलिस विभाग के कर्मचारियों द्वारा उनके व परिवार (भाई व पिता) के साथ अनुचित, अमानवीय एवं अमर्यादित व्यवहार किया गया है। यह घटना अत्यंत ही निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण हैं। अधिकांश मोर्चों पर देखा गया है कि राजस्व विभाग और पुलिस विभाग को एक साथ कार्य करना होता है उसके बावजूद पुलिस विभाग के कर्मचारियों का इस प्रकार का रवैया अमानवीय है। तहसीलदार और नायब तहसीलदार प्रशासनिक व्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के साथ इस प्रकार का व्यवहार न केवल उनकी गरिमा पर प्रहार है बल्कि यह प्रशासनिक व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

राजस्व पटवारी संघ छ०ग० ने घटना की घोर निंदा करते हुए इस घटना के विरोध में संगठन द्वारा लिये गये निर्णय का समर्थन कर रहा है तथा इस प्रकरण में मांग पर कार्यवाही नही होती है तो आंदोलन जारी रखने की दशा में राजस्व पटवारी संघ के सभी सदस्य इसका पूर्ण समर्थन करेंगे।

सात बिन्दु का मांग पत्र दिया…

पदाधिकारियों ने बताया कि हमने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सात सूत्रीय मांग पत्र दिया है। इसमें  घटना की मजिस्ट्रेट जांच समेत दोषियों पर कठोर कार्रवाई,एफआईआर को खत्म करने,प्रशासनिक अधिकारियों की गरिमा की रक्षा करने की मागं प्रमुख है। इसके अलावा पदाधिकारियों ने जानकारी दिया कि पुलिस विभाग की संवेदनशीलता के अलावा, प्रशासन से सार्वजनिक आश्वासन और प्रभावित अधिकारी की मनोबल बढ़ाने की बात को ज्ञापन पत्र में शामिल किया गया है।