• Sun. Jun 1st, 2025

News look.in

नज़र हर खबर पर

शिक्षा के अधिकार RTE एक्ट के तहत EWS को भी शामिल करने दायर याचिका निराकृत, EWS वर्ग को मिलेगा लाभ…

बिलासपुर, मार्च, 27/2025

शिक्षा के अधिकार RTE एक्ट के तहत EWS को भी शामिल करने दायर याचिका निराकृत, EWS वर्ग को मिलेगा लाभ…

शिक्षा के अधिकार पर जनहित याचिका निराकृत, डीबी ने सुरक्षित रखा था फैसला….

छत्तीसगढ़ में अब बीपीएल ही नहीं ईडब्ल्यूएस के श्रेणी के बच्चों को भी शिक्षा का अधिकार मिलेगा बिलासपुर हाईकोर्ट को प्रथम खंडपीठ ने निःशुल्क और अनिवार्य बालक शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत निजी विद्यालयों के

आरक्षित सीटों में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार के बच्चों

के प्रवेश के लिए नीतिगत निर्णय लेने के आदेश दिए है।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षा के अधिकार के तहत निशुल्क शिक्षा देने के मामले में पेश जनहित याचिका को हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है। चीफ जस्टिस की डीविजन बेंच ने राज्य शासन को इस बारे में संविधान के अनुच्छेद 21 ए के तहत एक नई नीति बनाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने 6 माह के भीतर इसकी कार्रर्वाई पूरी करने को कहा है। सीवी भगवंत राव ने 6 से 14 वर्ष की आयु के उन बच्चों को निजी स्कूलों में भी निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने की मांग रखी जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार के बालकों के लिए आरटीआई अंतर्गत निज़ी विद्यालयों में प्रवेश हेतु एक जनहित याचिका लगाई गई थी। याचिका 61/2017 भिलाई निवासी व भगवत राव द्वारा दायित्व की गई थी। निशुल्क एवं अनिवार्य बालक शिक्षा अधिकार अधिनियम की धारा 2(e) के प्रावधान के अनुसार प्रदेश सरकार के आर्थिक रुप से पिछड़े परिवार के लिए वार्षिक आय के आधार पर प्रवेश अनुमति देना था छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार को दुर्बल वर्ग की श्रेणी में रखा गया था । आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार के बालक को वार्षिक आय के आधार पर प्रवेश हेतु उपयुक्त जनहित याचिका दायर की गई थी। उपयुक्त याचिका की पैरवी के अधिवक्ता देवर्षि ठाकूर द्वारा की गई थी छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की खंड पिट के द्वारा मुख्य न्यायाधीश रमेश सिंहा और अन्य न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल के द्वारा 26 मार्च में दिये गये निर्णय के अनुसार छत्तीसगढ़ शासन को अगले 6 माह में नीतिगत निर्णय लेते हुए ऑर्थिक रूप से पिछड़े परिवार के बच्चों को आरटीआई अंतर्गत निजी विद्यालय में प्रवेश हेतु नियम बनाने है।याचिका इसके साथ ही डिस्पोज ऑफ की गई है।

न्यायालय ने प्रतिवादी-राज्य को यह निर्देश किया है कि वह ‘आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार के संबंध में नीति तैयार करे, ताकि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 ए में निहित आरटीई अधिनियम की भावना और उद्देश्य को कानून के अनुसार यथाशीघ्र पूरा किया जा सके। डिवीजन बेंच ने इसे आज से छह महीने की अवधि के भीतर तैयार करने का निर्देश जारी किया है । इस निर्देश के साथ, रिट याचिका अंतिम रूप से निराकृत कर दी गई।

Author Profile

Lokesh war waghmare - Founder/ Editor
Latest entries

You missed