पुणे // जहां पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है इसी बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की संभावित वैक्सीन की सप्लाई के लिए ब्रिटिश स्वीडिश फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने भारत से हाथ मिलाया है। एस्ट्राजेनेका ने घोषणा की कि वैक्सीन की सप्लाई के लिए वह पुणे स्थित सेरम इंस्टिट्यूट के साथ लाइंसेंस करार करने वाली है। ये दोनों आपस में मिलकर लगभग 1 अरब कोरोना वैक्सीन को भारत समेत कम आय वाले देशों में पहुंचाएंगे। बताया जा रहा है कि इनमें से 40 करोड़ वैक्सीन की 2020 के अंत तक सप्लाइ करने का लक्ष्य है।
ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के साथ काम कर रहा SII …
जानकारी के अनुसार कोरोना की वैक्सीन बनाने में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सटी सबसे आगे है। यहां वैक्सीन का ट्रायल दूसरे फेज में पहुंच गया है। वहीं पुणे स्थित एसआईआई यहां विकसित होने वाली वैक्सीन के साथ काम कर रही है।
10,000 लोगों पर वैक्सीन का होगा ट्रायल…
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने AZD1222 के दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल की घोषणा कर दी है जिसमें 10,000 व्यस्कों को शामिल किया जाएगा। कई देशों में इसके बाकी के ट्रायल शुरू होने वाले हैं। ब्राजील ने ऑक्सफोर्ट की कोरोना वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है।
2020 के अंत तक वैक्सीन की होगी डिलिवरी …
ब्रिटिश दवा निर्माता नई वैक्सीन के निर्माण और डिस्ट्रिब्यूशन में मदद देने वाली संस्था सेपी और गवी के साथ डॉलर 750 मिलियन के समझौते के लिए पहुंच चुकी है। इसके जरिये संभावित वैक्सीन के 30 करोड़ डोज की खरीद और वितरण किया जाएगा। वहीं वैक्सीन की डिलिवरी इस साल के अंत तक शुरू हो सकती है।
50 सालों में SII ने किया विश्व स्तर पर वैक्सीन निर्माण …
खबर के मुताबिक एसआईआई के सीईओ ने बताया कि ‘हम इस वैक्सीन को भारत के साथ-साथ दूसरे छोटी आय वाले देशों में पहुंचाने के लिए एस्ट्राज़ेनेका के साथ साझेदारी करके खुश हैं। पिछले 50 सालों में SII ने विश्व स्तर पर वैक्सीन निर्माण और आपूर्ति में महत्वपूर्ण क्षमता बनाई है।’
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