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करोड़ो की लागत से बना हाईजेनिक फिश मार्केट हो गया उजाड़ ,, अधिकारियों की मनमर्जी व व्यवसायियों की राय के बिना बने मार्केट में जनता के करोड़ो बर्बाद ,,

बिलासपुर // मनमर्जी और बिना राय लिए तैयार किया गया हाईजेनिक फिश मार्केट बनाने का खामियाजा की अब यह पूरा मार्केट उजाड़ हो चला है इसमें जनता के टैक्स के करोड़ो रूपये कैसे बर्बाद किये गए है ये देख कर ही समझ आता है , ये सब मार्केट का निर्माण करते वक़्त थोक व्यापारियों से राय न लेने का नतीजा है ,, जिनके लिए योजना को मूर्तरूप दिया गया उन्होंने ये कहकर नकार दिया कि व्यवसाय करने लायक निर्माण नही किया गया है। अब संभाग का पहला हाईजेनिक फिश मार्केट वीरान और उजाड़ पड़ गया है। भाजपा शासन काल मे करोड़ों की लागत इस मार्केट को बनाने में लगी थी ।

शहर के तोरवा पावर हाउस चौक किनारे बड़ा सा परिसर थोक और फुटकर मछली विक्रेताओं के लिए वर्ष 2015 में तैयार कराया गया था। थोक व्यवसाइयों ने एक मर्तबा इधर का रूख किया फिर पलट कर कभी नही देखा। इस तरह गैर जिम्मेदारी से किये गए निर्माण के कारण शहर में बिखरे मछली दुकानदार एक जगह एकत्र नही हो सके, ऊपर से जनता के करोड़ों रुपये बर्बाद हो गये सो अलग। पूरा बाजार परिसर घास और ऊंचे ऊँचें खरपतवार से घिरा हुआ है।

संभाग के पहले हाईजीनिक फिश मार्केट का उद्घाटन करने तत्कालीन केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री सुदर्शन भगत आए थे। तब प्रदेश में बीजेपी की रमन सरकार का राज हुआ करता था। बिलासपुर में थोक और चिल्लहर मछली विक्रेताओं को एक ही स्थान पर व्यवसाय के लिए एकत्र करने तोरवा में जगह का चयन कर मार्केट परिसर बनाया गया। लेकिन इस दौरान ना तो थोक व्यवसायियों से कोई राय ली गई और ना ही फुटकर विक्रेताओं का चिन्हांकन किया गया। आनन-फानन में तैयार मार्केट में थोक व्यवसायियों ने कई खामियां गिनायी। जिसके चलते पहले तो उन्होंने यहां आने से हाथ खड़े किए इसके बाद मान मनअव्वल कर लाए गए 10 -12 फुटकर विक्रेता कुछ दिनों व्यवसाय करने के बाद ग्राहकी के अभाव में बाजार छोड़कर अपनी पुरानी जगह सड़कों के किनारे दुकान लगाने लगे। इस तरह करोड़ों का व्यवसायिक परिसर वीरान और उजाड़ पड़ा हुआ है।

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