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छत्तीसगढ़ की भूमि में कदम रखते ही श्रमिकों के खिले चेहरे …. 12 सौ से अधिक प्रवासी श्रमिकों को लेकर पहुंची पहली श्रमिक ट्रेन …

बिलासपुर // प्रवासी श्रमिकों को छत्तीसगढ़ वापस लाये जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। सोमवार को 1200 से अधिक प्रवासी श्रमिकों को लेकर पहली ट्रेन गुजरात से बिलासपुर पहुंची। अपने छत्तीसगढ़ की धरती पर कदम रखते ही प्रवासियों के चेहरे खुशी से खिल गये। सभी लोगों ने इसके लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार माना है। जिनके निर्देश पर श्रमिकों को पूरी सुविधा देते हुए उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।

लॉकडाउन के कारण राज्य के बाहर फंसे हुए राज्य के नागरिक, श्रमिक, विद्यार्थियों को लेकर आज श्रमिक स्पेशल ट्रेन सुबह जैसे ही बिलासपुर स्टेशन पहुंची, जिला प्रशासन की व्यवस्था के तहत श्रमिकों को ट्रेन के अंदर ही मास्क और सेनिटाईजर दिये गये। हाथों को सेनिटाईजर से साफ कर और चेहरे पर मास्क लगाकर वे ट्रेन से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उतरे। ट्रेन के चार-चार बोगियों से बारी-बारी से अल्टरनेट उन्हें उतारा गया और उन्हें भोजन कराया गया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी श्रमिकों का थर्मल स्केनिंग किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके लिये 24 टीम तैनात की गयी है तथा 160 डॉक्टर एवं स्टॉफ की ड्यूटी लगाई गई है। संदिग्ध लोगों का सैम्पल लेकर वायरल टेस्टिंग मीडिया (वीटीएम) कराया जा रहा है। रैपिड टेस्ट की भी व्यवस्था रखी गयी है।
प्रवासियों के स्वास्थ्य परीक्षण पश्चात उन्हें उनके निवास क्षेत्र के विकासखंडों में रवाना किया जा रहा है। वहां वे अपने गांव के बाहर बनाये गये क्वारेंटाईन सेंटर में 14 दिन क्वारेंटाईन पर रहेंगे। जिले में 1066 क्वारेंटाईन सेंटर बनाये गये हैं। संदिग्ध लोगों को आईसोलेशन सेंटर भेजा जाएगा, जिसके लिये 1260 बिस्तरों वाले 17 आईसोलेशन सेंटर की तैयारी कर ली गई है। जिले के श्रमिकों को उनके क्षेत्र पहुंचाने के लिये क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी द्वारा 60 बसों की व्यवस्था की गई है। मस्तूरी और बिल्हा के लिये 20-20 बस, तखतपुर और कोटा के लिये 5-5 बस तथा 10 बसों की रिजर्व में व्यवस्था है। साथ ही स्टेशन में 108, 102 एम्बुलेंस भी तैनात है जो जरूरत अनुसार अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
अन्य जिलों के श्रमिकों को भी बेहतर व्यवस्था देने के लिये जिला प्रशासन सजग है। गंतव्य स्थान पर पहुंचने के पूर्व उनके रूकने एवं खाने की व्यवस्था की जा रही है। कानून व्यवस्था के लिये पुलिस प्रशासन द्वारा चाक-चैबंद व्यवस्था की गई है। रेल्वे स्टेशन में भी रेल्वे प्रशासन द्वारा एनाउंसमेंटर कर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और प्रशासन के निर्देश का पालन करने हेतु सचेत किया जा रहा है।
जिलावार श्रमिकों की सूची का परीक्षण कर श्रमिकों के ग्रामवार और विकासखंडवार सूची तैयार करने के लिये कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। प्रत्येक विकासखंड क्षेत्र से संबंधित मजदूरों को रेल्वे स्टेशन से क्वारेंटाईन सेंटर ले जाने एवं आवश्यक व्यवस्था हेतु पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी आदि कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

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Lokesh war waghmare - Founder/ Editor
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